हम जब घूमते हैं तो हम वो नहीं खाना चाहते हैं जो हर रोज़ खाते हैं। तब लगता है कुछ जायका बदलना चाहिए और भारत तो इसके लिए ही जाना जाता है।लेकिन इस माॅडर्न दुनिया ने सबकुछ हर जगह पहुँचा दिया है। आप जो छोले-भटूरे अमृतसर में खाते हैं, उसका स्वाद जयपुर में भी ले सकते हैं। मुंबई हो या तमिलनाडु आपको डोसा और उत्तपम दोनों जगह मिल जाएंगे। अगर आप भी ऐसे स्ट्रीट फूड से बोर हो गए हैं तो आपको भारत ऐसी जगहों पर जाना चाहिए जहाँ आज उस जगह का असली स्वाद बरकरार है।
पूर्वोत्तर, भारत का वो हिस्सा है जहाँ की सात बहनें सदियों से पारंपरिक खाना परोस रही हैं। जहाँ बाकी जगहों पर वेस्टर्न और आधुनिकता का असर हो गया है वहीं पूर्वोत्तर में बाहरी प्रभाव खाने में तो नहीं दिखता। आपको लोकल फूड सिर्फ गाँवों और कस्बों में ही नहीं मिलेगा बल्कि शहर के होटल और रेस्तरां भी मिल जाएगा। ये मौलिकता काफी है इन खूबसूरत राज्यों में आने के लिए। तो चलिए क्योे ना आपको यहाँ के लज़ीज़ खाने से रूबरू कराया जाए।
खार
असमिया थाली में जो चीज़ खास है, जिसके बिना असम का खाना अधूरा है वो है, खार। खार की खूबसूरती और स्वाद का ज़िम्मेदेार है कोला खार। कोला खार केले के पत्ते को तेज धूप में सुखाकर बने पेस्ट को केहते हैं। इसके बाद कच्चा पपीता, दाल और कई चीजों को पानी में छाना जाता है और फिर उसमें खार को मिलाया जाता है। इस डिश जैसा स्वाद दुनिया में कहीं और मिलना मुश्किल है। अगर आपको खार का स्वाद लेना है तो असम से अच्छी जगह और कोई नहीं है। माना जाता है कि खार से पेट साफ हो जाता है, इसलिए इसे खाने के पहले दिया जाता है। अगर आप इसका स्वाद लेना चाहते हैं तो उसके लिए सबसे अच्छी जगह गुवाहटी के पैराडाइज रेस्तरां में है।
क्या पिएँ: लाओ पानी, राइस बीयर।
सानपियाउ
इन दिनों स्ट्रीट फूड का बहुत क्रेज है। सड़कों का देसी ज़ायका चखने के पीछे हम अच्छे-अच्छे रेस्तरां और होटलों को भाव तक नहीं देते। मिज़ोरम की सड़कों पर जाएँ तो सानपियाउ का स्वाद ज़रूर लें। सानपियाउ चावल का दलिया है जिसमें धनिया पेस्ट, प्याज, पिसी हुई काली मिर्च और बारीक पिसे चावल डले होते हैं। ये डिश वैसे तो बहुत सिंपल-सी है लेकिन स्वाद से भरपूर है। मिजोरम की राजधानी आइजोल की सड़कों पर सानपियाउ चखने के लिए सबसे अच्छी जगह है।
क्या पिएँ: जावलैदी, मिजो वाइन।
ज़ान
चावल दलिया से लेकर बाजरा दलिया, अरुणाचल प्रदेश की मोनपा जनजाति तैयार करती है बेहद स्वादिष्ट और हेल्दी दलिया बनाते हैं जिसे ज़ान कहा जाता है। इस ज़ान में गाजर, मटर, पालक, सोयाबीन, काली मिर्च, स्थानीय जड़ी-बूटियों के साथ ज़रा सी भूत झलोकिया यानी दुनिया की सबसे तीखी मिर्च का भी तड़का लगाया जाता है। इटानगर में जीरो प्वाइंट, तवांग में ऑरेंज रेस्तरां और ड्रैगन रेस्तरां जॉन को आज़माने के लिए सबसे अच्छी जगहें हैं। लेकिन ज़ान कुछ वक्त के लिए मिलता है तो जाने से पहले कॉल ज़रूर कर लें।
क्या पिएँ: अपोंग, राइस बीयर।
केली चना
इसके बारे में एक कहा जाता है कि केली नाम की एक बूढ़ी महिला ने इम्फाल की सड़कों पर मसालेदार छोले बेचती थी जिसने लोगों का दिल जीत लिया। जिन लोगों ने भी इसका स्वाद चखा वे आश्चर्यचकित थे कि कैसे ये इतना सरल और स्वाद से भरपूर था। उसके बाद से केली चना मणिपुर की सड़कों की एक खायिसत बन गया। इसको कमल के पत्तों में परोसा जाता है जो चनों को एक ताजा और मिट्टी की खूशबू देती है।
क्या पिएँ: यु, बाजरा बीयर।
जदोह
मेघालय को बादलों का घर कहा जाता है। इसके अलावा मेघालय को एक खास किस्म के चावल की वैरायटी के लिए भी जाना जाता है। ये चावल लंबे दाने वाला होता है, जो देखने में हल्का लाल रंग का होता है। मेघालय की खासी जनजाति इस चावल से एक डिश बनाती है, जदोह। ये पूरी तरह से नॉन-वेज होता है लेकिन वेज के लिए इसे टमाटर के रस और सब्ज़ियों के साथ बनाया जाता है। जदोह खाने में उतना ही स्वादिष्ट है जितना मेघालय खूबसूरत है। जदोह के लिए शिलांग का ट्रेटोरिया जाने के लिए सबसे अच्छी जगह है।
क्या पिएंः काद, एक लोकल राइस बीयर है जिसे देवताओं और बादलों का उपहार माना जाता है।
ओंभल
नागालैंड के बारे में सोचते ही जो शिकारियों की भूमी और बादलों के पीछे छिपी एक दुनिया की तस्वीर सामने आती है। इस खूबसूरती से भरी जगह में एक स्वादिष्ट डिश का स्वाद ज़रूर लेना चाहिए। ओंभल एक प्रकार की कद्दू की सब्जी है जिसे इमली के पानी, सरसों और नींबू के रस के साथ पकाया जाता है। जिसमें कद्दूकस किए गुड़ को ऊपर से डाला जाता है और इसे पहाड़ी चावल के साथ परोसा जाता है। तब इसका स्वाद और भी शानदार हो जाता है। आप अगर इसका स्वाद लेना चाहते हैं तो कोहिमा के रेस्तरां में जाएँ।
क्या पिएंः जुथो एक ड्रिंक है लेकिन पूर्वोत्तर के बाकी ड्रिंक्स से अलग है क्योंकि ये अंकुरित चावल के दानों से बनी राइस बीयर है।
अवन बंगवी
त्रिपुरा का लोकल ज़ायका तब तक अधूरा है जब तक अवन बंगवी का स्वाद ना लिया जाए। अव बंगवी चावल का केक है जिसे लंबे दाने वाले गुरिया चावल, लहसुन, काजू, किशमिश और अदरक के साथ बनाया जाता है। अवन बंगवी एक मिठाई है और आप कहेंगे लहसुन और अदरक मिठाई में! हो सकता है आपको ये सुनकर विश्वास ना हो लेकिन जब ये मिठाई आपके मुँह में जाएगी तो आपके सारे शक और सवाल पल भर में दूर हो जाएँगे। मीठा और मसालेदार का स्वाद आपको इसे खाते रहने पर मजबूर कर देगा। ये मिठाई खुशबूदार लायरू के पत्तों में लिपटी हुई रहती हैं। ये मिठाई आपको देश के किसी और कोने में मिलना मुश्किल है। अगरतला की मिठाई की दुकानों में अवन बंगवी आसानी से मिल जाती है।
क्या पिएँ: चुआक, मिट्टी के बर्तन में बनी एक राइस बीयर है।
तो अपने नॉर्थ ईस्ट के सफर पर इन चीज़ों का स्वाद लेना बिल्कुल ना भूलें।
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