भारत के पांच और वेटलैंड को रामसर स्थलों के अंतर्राष्ट्रीय महत्व का टैग मिला है। इससे देश में ऐसे स्थलों की संख्या 49 से बढ़कर 54 हो गई है। इन वेटलैंड स्थलों में तमिलनाडु के तीन करीकिली पक्षी अभयारण्य, पल्लिकरनई मार्श रिजर्व फॉरेस्ट और पिचवरम मैंग्रोव, मिजोरम के पाला वेटलैंड और मध्य प्रदेश के एक साख्य सागर को शामिल किया गया है।
भारत का लक्ष्य अब स्वतंत्रता के 75 वें वर्ष पर देश के 75 वेटलैंड के लिए रामसर टैग प्राप्त करना है। रामसर कैस्पियन सागर में स्थित ईरानी शहर के नाम पर रखा गया है, जहां दो फरवरी, 1971 को एक संधि पर दस्तखत किए गए थे। रामसर संधि वेटलैंड के संरक्षण से जुड़ा एक अंतरराष्ट्रीय संधि है। किसी झील के रामसर साइट्स घोषित होने पर उसके संरक्षण को बढ़ावा दिया जाता है। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पर्यावरण संरक्षण को लेकर जो योजनाएं बनाई हैं उससे भारत के वेटलैंड में काफी सुधार हुआ है।
करिकिली पक्षी अभयारण्य (Karikili Bird Sanctuary) तमिलनाडु के कांचीपुरम जिले में स्थित है। ये जलकाग, एग्रेट्स, ग्रे हेरॉन, डार्टर, स्पूनबिल, ग्रे पेलिकन, व्हाइट इल्बिस और नाइट हेरॉन के लिए प्रसिद्ध है।
पल्लीकरनई मार्श रिजर्व फॉरेस्ट (Pallikaranai Marsh Reserve Forest) बंगाल की खाड़ी से सटे चेन्नई के नेचुरल वेटलैंड में से एक है।
पिचवरम मैंग्रोव (Pichavaram Mangrove) दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मैंग्रोव वन है जो लगभग 1,100 हेक्टेयर क्षेत्र को फैला है। यह सैंडबार द्वारा बंगाल की खाड़ी से अलग होता है।
साख्य सागर (Sakhya Sagar) मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में माधव राष्ट्रीय उद्यान में स्थित है। इसमें दलदली मगरमच्छों की काफी आबादी है।
पाला वेटलैंड (Pala wetland) मिजोरम की सबसे बड़ी प्राकृतिक आर्द्रभूमि है और 1,850 हेक्टेयर में फैली हुई है।
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