वैसे तो हिमाचल में बहुत जगह है घूमने की मगर इस बार मैंने हम्पता पास जाना सही समझा। ऑफिस से हफ्ते की छुट्टी भी मिल रही थी और पैसे भी थे। कही न कहीं मैं चाहता था की मैं इस बार कम पैसो में यात्रा करु क्योंकि हर बार मैं कही भी जाता तो बजट से कुछ न कुछ बाहर ही चला जाता । वक़्त कम था मेरे पास सिर्फ 4 ही दिन बचे थे जाने के लिए और ऑफिस का बहुत काम । कहीं भी जाता तो पूरी तैयारी के साथ जाता था मगर इस बार कम समय होने की वजह से जितना था और जैसा था उसमे ही बेहतर समझा । वैसे आप कभी भी किसी भी ट्रेक पर जाये चाहे वह छोटा हो या बड़ा सामान कम लेकर जाए क्योंकि ज्यादा सामान होने की वजह से आपको थकान ज्यादा होगी और चलना भी मुश्किल होगा । जून से अक्टूबर हमप्ता पास जाने का सही समय है । आप यह ट्रेक अकेले नहीं कर सकते क्योंकि यहाँ जंगली जानवर का खतरा ज्यादा और मुश्किल रास्तो से आगे बढ़कर पहाड़ गिरने का खतरा ज्यादा रहता है |
29-30 जून 2019
दोपहर के 12:00 बजे मैं घर से मजनू का टीला के लिए निकला जहाँ से मुझे मनाली के लिए बस लेनी थी | कोई भी ट्रेक हो चाहे वह कारेरी लेक , पिन पार्वती , भृगु लेक , चंद्रखणी लेक या हमप्ता पास आपको मनाली आना ही पढ़ेगा | आप चाहे तोह कुछ दिन और निकालकर मनाली घूम सकते है मनाली में देखने के लिए बहुत सी जगह है जैसे की सोलंग वैली जहाँ आप स्किंग कर सकते है पैराग्लाइडिंग और बहुत सी स्पोर्ट्स एक्टिविटीज कर सकते है इनके रेट अक्सर सीजन पर डिपेंड करते है चूकिं हाई सीजन होने की वजह से रेट्स ज्यादा ही थे | अगर अपने मनाली नहीं घूमना है सिर्फ ट्रेक पर जाना है तो आप कैंप या गेस्ट हाउस ले सकते है जो कि होटल्स से काफी सस्ता होता हैं | मैंने कैंप लेना सही समझा क्योंकि मेरे साथ 5 और ऑफिस के दोस्त थे | जिसमे खाना पीना बीच में था | फिर हमने ट्रेक पैकेज लिया मनाली से जो कि हमे कुछ हद तक महंगा पढ़ा ( 9000 रुपये प्रति व्यक्ति ) | बेहतर है आप जब भी आने का सोचे आने से एक दो हफ्ता पहले बुक कर ले जिससे आपको काफी सस्ता पढ़ेगा और कोई असुविधा भी नहीं होगी |
01 जुलाई 2019
सुबह के 7:30 बजे हमने नाश्ता किया और हमप्ता पास ट्रेक के लिए रवाना हो गए क्योंकि हमे शाम तक जोब्रा से छीका (2.0 km), अपने पहले पड़ाव छीका पहुंचना था | पहला दिन काफी रोमांच भरा रहा काफी लोग जिन्हे हम जानते नहीं थे उनसे मिले | शाम 6:30 बजे हम अपनी कैंप साइट पहुंचे उसके बाद अपना टेंट लगाया और कुछ गरमा गरम पकोड़े और चाय जिसके बिना पहाड़ों में कुछ अधूरा सा लगता है । रात 9 बजे हमने खाना खाया जिसमे दाल, रोटी, और एक सब्ज़ी थी। जितने दिन भी आप ट्रेक पर है आपको यही मिलेगा और आपको हल्का ही खाना चाहिए। जिससे आपको चलने में और सामान उठाने में कोई परेशानी न हो, बेहतर है नॉन वेज आप अवॉयड करे , अंडे का सेवन आप कर सकते है।
02 जुलाई 2019
सुबह 5 :30 बजे हम उठे और नाश्ता किया, जिसमे हमे ब्रेड बटर,कॉफ़ी,चाय, पोहा , ऑमलेट और कुछ चॉकलेट्स बिस्किट्स और दोपहर का खाना मिला जो की हमे बाद के लिए रखने था । आज का हमारा ट्रेक कुछ लम्बा था छीका से भालू का गेरा (8.5 km) लगभग। सुनने में तो अजीब लग रहा होगा भालू का घेरा मुझे भी लगा था जब मैंने पहली बार सुना पर यकीन मानिये आज भी कभी कभी यहाँ भालू दिख ही जाते है। वह बात अलग है मुझे दिखे नहीं मगर वहाँ के लोगों का कहना यही था। छीका से भालू का गेरा के बीच आपको बहुत से रिवर क्रासिंग ब्रिज मिलेंगे जो की आपके लिए एक एडवेंचर से भरपूर साबित होगा। ख़ूबसूरत वादियों के नज़ारे देखते हुए और खूब सारा एडवेंचर करते हुए हम शाम 5:00 बजे अपनी कैंप साइट पहुंचे।आराम किया और अगले दिन की तयारी में लग गए।
भालू का गेरा से आगे आपको बर्फ मिलने लग जाएगी अब आपको लास्ट कैंप साइट छत्रु तक बर्फ में रहना और चलना है।आपको ग्लाइडर्स दिए जायेगे जो की आपकी बर्फ में चलने में मदद करेंगे और हाँ नहाने के बारे में तो आप सोच भी नहीं सकते क्योंकि ठण्ड बहुत ज्यादा ही रहती है और आगे जैसे जैसे आप ऊपर जायेगे अभी और बढ़ेंगी। बर्फ में आप पैडेड जैकेट और डाउन फैदर पहन सकते है जो आपके शरीर को गरम रखने में काफी मदद करेगा ।
03 जुलाई 2019
भालू का गेरा से शीआ गोरु (07 km).
सुबह 10 :30 बजे हम हमप्ता पास के लिए चल दिए, हमें 2:00 बजे तक हमप्ता पास और 6:00 बजे तक शीआ गोरु पहुंचना था। बर्फ में ग्लाइडर्स पहन कर चलना और सामान साथ लेकर मेरे लिए थोड़ा मुश्किल था मगर जैसे की कहते है न "डर के आगे जीत है " हमप्ता पास पहुंच कर कुछ ऐसा ही महसूस हो रहा था। नज़ारा कुछ कैलाश से कम नहीं था। थोड़ी हमने फोटोज खिचवाई और शीआ गोरु के लिए चल दिए । रात 8:00 बजे हम अपनी तीसरी कैंप साइट पहुंचे।
04 जुलाई 2019
शीआ गोरु से छत्रु (07 km)
आज का दिन हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण था क्योंकि आज हमारा ट्रेक का आखिरी दिन था हमने ट्रेक थोड़ा देर से शुरू किया और सबसे मुश्किल काम जो की ग्लेशियर पार करना वह आपको आखिरी दिन मिलेगा। पुरे ट्रेक में आपको संकरी रास्ते मिलेंगे सिवाए आखिरी वाले के, शाम 5:00 बजे हम हम कैंप साइट पहुंचे और कुछ किस्से साँझा किये। अगर आप गैलेक्सी फोटोग्राफी का शौंक रखते है तो भालू का गेरा और छत्रु एक अच्छा ऑप्शन है, आप यहाँ सन राइज भी देख सकते है।
05 जुलाई 2019
सुबह 10 बजे हम वापिस बस के द्वारा मनाली के लिए रवाना हो गया जहाँ से हमे दिल्ली के लिए बस लेनी थी। सफर बहुत ही अच्छा और रोमांच भरा रहा। अगर आप एडवेंचर हरियाली और बर्फ के शौक़ीन है तो हमप्ता पास एक बढ़िया ऑप्शन है।
टोर्च, सन ग्लासेज, सन-स्क्रीन, 2 ग्लव्स (1पैडेड और 1 विंड प्रूफ ), 4 सॉक्स ( 02 कॉटन और 02 वूलेन ), ट्रैकिंग शूज, 1 पैडेड जैकेट और 1 डाउन फैदर जैकेट, ट्रैकिंग स्टिक, 02 जोड़े वूलेन इनर वियर, 2 ट्रेक पैन्ट्स और 2 टी-शर्ट्स, टॉयलेट टिस्सु, पौंचू और कुछ मेडिसिन्स यह सब ले जाना आप न भूले। उम्मीद करता हूँ आप लोगो को पसंद आएगी और काफी मदद मिलेगी।