भांति-भांति के लोग और विभिन्न संस्कृतियों की वजह से हमारा देश हमेशा गुलज़ार रहता है। तभी तो हर त्योहार को पूरी तन्मयता के साथ मनाते हैं। उसी उल्लास का एक और फेस्टिवल शुरू हो चुका है, गणेश चतुर्थी। 11 दिनों तक चलने वाला ये फेस्टिवल भारत में बड़ी धूम धाम के साथ मनाया जाता है। हर कोई विघ्नहर्ता भगवान गणेश की शरण में आता है। फिर चाहे वो अमीर हो या गरीब, किसी भी जाति का हो। इस पर्व की यही तो खूबसूरती है कि यहाँ आकर सारे भेद मिट जाते हैं।
यूँ तो देश के हर गली, मोहल्ले में गणेश चतुर्थी धूमधाम से मनाई जाती है। हर जगह उनकी मूर्ति रहती है। लेकिन देश में कुछ खास जगहें हैं जहाँ गणेश चतुर्थी वर्ल्ड फेमस है, जहाँ का सेलिब्रेशन कुछ खास होता है। ऐसी जगहें देश में बहुत सारी हैं। कुछ जगहों पर तो क्रिएटविटी भी दिखाई गई है और इस समय के क्लाइमेट चेंज को देखते हुए कहीं-कहीं इको-गणेश की भी स्थापना की गई है। ऐसे ही ग्रैंड और खास जगहों की एक लिस्ट लाये हैं जहाँ आप समय निकालकर जा भी सकते हैं।
1. बनाना गणपति, ओडिशा
इस गणेश उत्सव में लोग एनवायरमेंट को लेकर काफी सचेत दिख रहे हैं। हमने देखा कि कई बड़े एक्टर इको गणपति की मूर्ति की स्थापना कर रहे हैं। सामूहिक गणेश उत्सव भी इस तरह से मनाये जा रहे हैं। कई जगहों पर केलों से गणेश भगवान की विशाल मूर्ति बनाई गई है। उड़ीसा के एक छोटे-से गाँव में लोगों ने केलों से गणेश भगवान की मूर्ति बनाई है। 10 दिन के इस फेस्टिवल के बाद इन केलों को गरीबों में बाँट दिया जाएगा। ये बहुत अच्छी और सराहनीय पहल है।
इसी तरह चेन्नई में भी इको-फ्रेंडली थी पर केले के फूल से गणेश भगवान की मूर्ति बनाई गई। 10 फीट की इस विशाल मूर्ति को बनाने में लगभग 7,000 केले के फूल लगे। इसे बनाने में 10 दिन का समय लगा। इको-फ्रेंडली गणेश के इस रूप की खूब प्रशंसा की जा रही है। लोग काफी संख्या में जुट रहे हैं। यहाँ जो भी आ रहा है गणपति के इस रूप के साथ सेल्फी ज़रूर ले रहा है।
2. ग्रीन गणेश, बेंगलुरू
भारत का सिलिकाॅन वैली कहा जाने वाला ये शहर गणेश उत्सव के लिए फेमस है। यहाँ एक तरफ एपीसी काॅलेज के ग्राउंड में गणेश पूजा के लिए 1 लाख लोग इकट्ठा होते हैं। वहीं दूसरी तरफ ग्रीन गणेश की बात की जा रही है। पर्यावरण और जल संरक्षण दोनो को ही बचाता हैं ये ग्रीन गणेश। भगवान गणेश ही मूर्ति बनाने में काफी मिट्टी और पानी लगता है। जिसे कैमिकल मिलाकर बनाया जाता है और विर्सजन के समय वो पानी में मिल जाता है। इन सबसे बचने के लिए ही तो बैंगलोर में ग्रीन गणेश की मूर्ति स्थापित की गई। ऐसी जगहों की लोग तारीफ भी कर रहे हैं और जाना भी पसंद कर रहे हैं। नेशनल काॅलेज के ग्राउंड में ग्रीन गणेश की पूजा के लिए 1000 से ज्यादा लोग शामिल हुए। आप भी ऐसे ही ईको-फ्रेंडली गणेश उत्सव में शामिल होना चाहते हैं तो बैंगलोर की गलियों में चले जाइए।
3. चॉकलेटी गणेश, लुधियाना
इको-फ्रेंडली गणेश के चलन के बीच कई प्रकार की मूर्तियाँ लोगों को आकर्षित कर रही है। इन सबके बीच गणेश की मूर्तियों में से एक मूर्ति सबसे ज्यादा पसंद की जा रही है, चॉकलेट गणेश की मूर्ति। बेल्जियन चॉकलेट से बनी ये मूर्ति 100 किलो की है। इस मूर्ति को इंटरनेट पर लोग काफी पसंद कर रहे हैं। इसलिए नहीं कि ये चाॅकलेट से बनी है बल्कि उस प्रयास की वजह से। चाॅकलेटी गणेश को 20 लोगों ने मिलकर बनाया है। इसे बनाने में 10 दिन का समय लगा। इस मूर्ति की एक तस्वीर ट्विटर पर हरजिंदर सिंह कुकरेजा ने शेयर की थी। जिसके बाद ये वायरल हो गई। कुकरेजा ने बताया कि ये चौथा साल है जब वे इस इसी तरह के गणेश की मूर्ति बनाते आ रहे हैं।
ये तो हुई अनोखे गणपति की बात, अब बताते हैं वो खास जगहें जहाँ पर आप गणपति का असली रंग देख सकते हैं।
मुंबई
जब भी गणेश फेस्टिवल का ज़़िक्र आता है तो ज़हन में मुंबई की वो भव्य तस्वीर आ जाती है। पूरा मुंबई लोगों से भरा हुआ है और उनके बीच में गणेश भगवान की विशाल मूर्तियाँ है, सभी मूर्तियाँ एक से बढ़कर एक। उस दिन लगता है कि मुंबई को रोकना नहीं पड़ा खुद-ब-खुद रूक गया है। चारों तरफ एक ही आवाज सुनाई देती है ‘गणपति बप्पा मोरया, मंगल मूर्ति मोरया’। हर साल मुंबई की गली-गली में खूबसूरत और विशाल पंडाल लगाए जाते हैं। अकेले मुंबई शहर में कई हज़ार पंडाल इस दौरान लगाए जाते हैं। अगर गणेश उत्सव कहीं का देखना चाहिए तो वो इस शहर का देखना चाहिए। मुंबई के हज़ारों पंडालों के बीच सबसे फेमस है, लालबागचा राजा पंडाल। इसके अलावा गणपति सेवा मंडल का पंडाल भी देखने लायक है। गणपति सेवा मंडल का पंडाल देश के सबसे अमीर पंडाल में से एक है। इसी वजह से इस पंडाल ने इंश्योरेंस तक कराया है।
पुणे
मुंबई के साथ ही गणेश उत्सव पुणे में भी देखने लायक है। पुणे, महाराष्ट्र की सांस्कृतिक राजधानी है। पूरे भारत में इस शहर को सबसे अच्छी गणेश पूजा के लिए जाना जाता है। मोदक के लड्डू भगवान गणेश को चढ़ाते हैं, लोग गलियों में पारंपरिक नृत्य करके इस फेस्टिवल को और भी खूबसूरत बनाते हैं। यहाँ के पंडालों में पुणे की प्राचीनता दिखाई पड़ती है। पुणे के फेमस पंडाल हैं, ताम्बे जोगेश्वरी गणपति मंडल, गुरुजी तालीम गणपति, तुलसी बाग गणपति मंडल, केसरीवाड़ा गणेशोत्सव ट्रस्ट और श्रीमंत दगडूशेठ हलवाई गणपति मंडल। इस शहर के गणेश उत्सव में आप यहाँ की संस्कृति, कला और लज़ीज़ व्यंजन का लुत्फ उठा पाएँगे।
हैदराबाद
जब हम देश में गणेश उत्सव को धूमधाम से मनाने की बात करते हैं तो मुंबई को याद रखते हैं, पुणे को याद करते हैं लेकिन हैदराबाद को भूल जाते हैं। हैदराबाद ही वो जगह है जहाँ भगवान गणेश की मूर्ति सबसे बड़ी बनाई जाती है। भगवान गणेश की इस मूर्ति को गणेश चतुर्थी से चार महीने पहले ही बनाना शुरू कर दिया जाता है। देश की सबसे बड़ी मूर्ति की स्थापना हैदराबाद के खैरताबाद में की जाती है। 10 दिन तक ये जगह गुलज़ार रहती है। देश-दुनिया से लोग इस जगह को देखने आते हैं। 11वें दिन हैदराबाद के हुसैन सागर लेक में इसका विसर्जन कर दिया जाता है।
गोवा को अधिकतर लोग टूरिस्ट स्पाॅट के तौर पर जानते हैं जहाँ खूबसूरत बीच हैं, होटल्स हैं। लेकिन इस अत्याधुनिक गोवा का एक, दूसरा पहलू भी है। वो दूसरा पहलू यहाँ की संस्कृति और धर्म का है। गणेश उत्सव को गोवा के शहरों और गाँवों में बेहद खूबसूरती से मनाया जाता है। खासकर मापुसा में जहाँ गणेशपुरी का मंदिर है। गोवा के गणेश उत्सव में आप देखेंगे कि यहाँ का उत्सव कुछ अलग है। हर घर इस गणेश भगवान के स्वागत में सजा हुआ है। गणेशजी की मूर्ति केन, नारियल और अन्य चीजों से बनाई जाती है। ये मूर्तियाँ बेहद सुंदर तरीके से पंडाल में सजाई जाती हैं।
दिल्ली
दिल्ली वो शहर है जहाँ पूरे देश में कुछ भी होता रहे, इसे फर्क नहीं पड़ता है। लेकिन बाकी बड़े शहरों की देखा-देखी अब दिल्ली में भी कुछ जगहों पर गणेश उत्सव धूमधाम से मनाया जाने लगा है। दिल्ली शहर में पूरा देश बसा है, इसलिए अब हर राज्य के त्योहार यहाँ मनाये जाने लगे हैं। जो जहाँ से आता है, इस शहर को वो फेस्टिवल दे जाता है। दुर्गा पूजा से लेकर गणेश चतुर्थी तक सारे प्रमुख फेस्टिवल यहाँ पूरे मन से मनाए जाते हैं। दिल्ली में गणेश उत्सव के लिए सबसे फेमस है गणेश पंडाल जो सरोजिनी नगर के विनायक मंदिर में है, जिसमें विशेष पूजा-अर्चना होती है। इसके अलावा, आप लक्ष्मी नगर, नेताजी सुभाष प्लेस मैदान, और रोहिणी में मधुबन चैक पर डीडीए मिनी स्टेडियम जाकर भी गणेश उत्सव के रंग में रंग सकते हैं।
तो आप गणपति के इस उत्सव में शामिल होने कहाँ जा रहे हैं? हमें कॉमेंट्स में बताएँ।