शंकर की ओर___A Young Bagpacker found her soul here (तुंगनाथ _चंद्रशिला)

Tripoto
24th Dec 2020
Photo of शंकर की ओर___A Young Bagpacker found her soul here (तुंगनाथ _चंद्रशिला) by Pragati trivedi
Day 1

पहला दिन-

ऑफिस से आधे दिन की छुट्टी लेकर मै दिल्ली से बस पकड़ के ऋषिकेश के लिए निकल गई कानों में इयरफोन डालके पिछली रात बनाई playlist on the loop चला दी "ऐसा डमरू बजाया भोलेनाथ ने सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया" playing in the background,and I was vibing on the same through out my way
8 :30 pm- ऋषिकेश से कुछ दूर पहले हमारी बस खाने पीने के लिए रुकी और बाहर दिसंबर की सर्दी , ऐसे में बस से उतर के मैंने सबसे पहले कुल्लहड़ वाली चाय हाथो में थाम ली कुछ देर बाद हमारी बस अपने गंतव्य पर निकल पड़ी

aye aye aye ,, I am on vacation every single day coz i luv my occupation

Photo of Chopta by Pragati trivedi

हर बार इस ब्लॉग में जब आप चाय पढ़ेंगे तो आपको पता चलेगा ये तस्वीर इतनी खास क्यों है

Photo of Chopta by Pragati trivedi

करीब 10 बजे मै ऋषिकेश पहुंची और बस अड्डे पर पता करने पे पाया के उखीमठ के लिए अगली बस अब सुबह 5 बजे निकलेगी , 'ये भी ठीक है' बस अड्डे के बगल में ही किसी होटल में रुक के थकान दूर की जाए इस इरादे से मैंने आज की रात ऋषिकेश में गुजारी ।

दूसरा दिन -

ठीक सुबह 5बजे उखीमठ के लिए बस लग गई और मिनटों में मेरे जैसे घुमक्कड़ों ने बस ठसा ठस भर दी , "बम बम भोले" के जयकारों के साथ बस ऋषिकेश छोड़ ऊखीमठ के लिए रवाना हो चली ।
उत्तराखंड की खूबसूरती के बारे में शायद उतना नहीं लिखा गया है जितना हिमाचल के लिए लिखा मिल जाता है पर यकीन मनिए उत्तराखंड और हिमाचल ऐसी दो बहने है जिनकी खूबसूरती की तुलना करना पाप जैसा लगता है ।
जैसे जैसे बस आगे बढ़ी सूर्योदय  होने लगा,  किसी  पहाड़ी गाने की धुन ड्राइवर ने आगे बजाई तो मै खिड़की से बाहर रास्ते को देखने लगी ठंडी हवा सीधा मुंह पे लगी तो जैसे नींद से किसीने अचानक जगा दिया हो।
करीब 8 बजे हम तीन धारा पहुंच गए यहां के पराठो का स्वाद आपको कहीं और नहीं मिलेगा पहाड़ों के बीच गर्म गर्म चाय और आलू प्याज के पराठे - आहा स्वर्ग!
यकीन ना आए तो आप यह तस्वीर देखिए और खुद न्याय कीजिए

तीन धारा के पराठे और घाटी का अद्भुत नजारा - Tell me a better duo,i ll wait

Photo of शंकर की ओर___A Young Bagpacker found her soul here (तुंगनाथ _चंद्रशिला) by Pragati trivedi

खैर आगे सफर में हमने एक और अद्भुत नज़ारा देखा जहां भागीरथी और अलकनंदा का संगम होता है और यहा से ये दोनों नदियां एक होकर गंगा बन जाती है इस संगम को देवप्रयाग कहते हैं।

Photo of Chopta- Tungnath trek starting point by Pragati trivedi

एक शीतल शांत सी एक चंचल तूफान सी - मिलकर गंगा को जन्म देती हैं।

Photo of Chopta- Tungnath trek starting point by Pragati trivedi

करीब 12बजे हमारी बस ऊखीमठ पहुंच गई। ऊखीमठ से चौपटा जाने के लिए आपके पास एक ही रास्ता है के आप ट्रैकर बुक करके जाए और इसकी बुकिंग करीब 1500₹ तक होती है पर अहो! भाग्य। हमारी बस से हर एक इंसान चौपटा जाने के लिए ही उतरा मुझे मिलाकर करीब नौ लोग ट्रैकर में बैठ गए प्रति व्यक्ति 200₹ के हिसाब से ट्रैकर वाले भैया चलने को तैयार हो गए
चौपटा में रहने के लिए आपको टेंट या हट आराम से मिल जाएंगी जिनमें आपके आराम की हर सुविधा आपको उपलब्ध करा दी जाएगी क्योकी मै पीक सीजन में गई तो दो दिन के हिसाब से मुझे एक हट 3000₹ में मिली जिसमें 4 लोगो के रुकने भर की जगह थी और खाना ,चाय स्नैक included था।
चौपटा जाने से पहले ही अगर आप हट या टेंट बुक करले तो ये काफी सुविधाजनक होगा लंबे सफर की थकान के बाद यकीन मनिए आप टेंट ढूंढने की सरदर्दी नही लेना चाहेंगे
यहा तापमान -16०c है और मै चार लेयर पहने खड़ी हुई कांप रही हूं।
Himalaya Resort (@Himalaya_resort)
के केयर टेकर ने आवाज मारते हुए पहाड़ी में कुछ बोला और अगले ही मिनट हाथ में बड़ी सी केतली और ग्लास पकड़े एक भाईसाहब बगल की किचन से दौड़े चले आते हैं हल्के पहाड़ी लहजे वाली हिंदी में मुझे कहते है "मैडम चाह"।।
पहाड़ों की चाय सर्दी में धूप का काम करती है चाय पीकर  थोड़ा सस्ता कर एक कॉमन एरिया जहा चाय नाश्ता और डिनर लंच का प्रबंध होता है हम चार पांच लोग जो हिमालय रिजॉर्ट की बाकी हट या टेंट में रह रहे होंगे वहा पहुंचे यहा हमारा स्वागत गरमा गर्म पकौड़े मैगी और चाय से किया गया ।

Photo of शंकर की ओर___A Young Bagpacker found her soul here (तुंगनाथ _चंद्रशिला) by Pragati trivedi
Photo of शंकर की ओर___A Young Bagpacker found her soul here (तुंगनाथ _चंद्रशिला) by Pragati trivedi

हिमालय रिसॉर्ट के ⛺

Photo of शंकर की ओर___A Young Bagpacker found her soul here (तुंगनाथ _चंद्रशिला) by Pragati trivedi

रात को डिनर में पनीर की सब्जी दाल चावल रोटी सलाद  परोसा गया, खा पीकर हम अपने टेंट या हट की तरफ चल दिए।
रात के 11बजे हैं अपने अपने टेंट के बाहर बैठे लोग अंताक्षरी खेल रहे हैं, एक दम साफ़ सितारों से जड़ा आसमान शायद कई सालो बाद देखा होगा आज मैंने , दूर जंगलों में आग लग रही है शायद यह आग प्रकर्तिक रूप से पहाड़ों में अक्सर लग जाती है ऐसा किसिको कहेते हुए सुना। आसमान खुला है  तापमान दिन की तुलना में और कम है ,पारा और अधिक गिर चुका है, सर्द हवाएं चल रही है पर ये ऐहसास अच्छा है। ठंड के बावजूद कोई अपनी रजाईयो में नहीं घुस रहा सब चुपचाप बैठे प्रकृति की अतुलनीय खूबसूरती की बिना कुछ कहे सराहना कर रहे हैं, और मैंने फोन में पुराने हिंदी गाने चला दिए हैं " ये रातें ये मौसम नदी का किनारा ये चंचल हवा" आज का नज़ारा मैंने एक तस्वीर में कैद कर लिया है - देखिए तो।

कल सुबह मुझे मेरे शंकर की अोर जाना है - तुंगनाथ जाना है।

मै स्वर्ग कहूं तुम चोपटा समझ लेना।

Photo of शंकर की ओर___A Young Bagpacker found her soul here (तुंगनाथ _चंद्रशिला) by Pragati trivedi


तीसरा दिन -
आज ट्रेक का दिन है। चोपटा में सुबह बड़ी अलग होती है , चिड़ियों की चहचहाहट और दरवाजे पर हुई दस्तक ने मेरी आंख खोल दी ' "गर्म पानी है मैडम" ठंड में यहां टंकियों में  पानी जम जाता है तो गर्म पानी लेके भैया दे जाते है। नहा धो कर और नाश्ता करके हम तुंगनाथ बेसकैंप के लिए ट्रैकर करके निकल गए ये ट्रैकर हमने 2000₹ में बुक कराया 'जो हमें बेसकैंप लेकर गया, वापस लाया और उखीमठ छोड़ कर आया '  (kind of a deal I will say)
सुबह 9बजे से हमने ट्रेक शुरू किया और 12बजे तुंगनाथ पहुंच गए वहा पहुंच के शिव भोले के दर्शन किए मन के सुकून को शब्दों में लिख सकती तो कोई नज़म तैयार हो जाती।
कुछ देर वहां बिताकर हम चंद्रशिला समिट की ओर निकल पड़े कुछ एक  दो घंटे में हम शंद्रशिला पहुंच गए 360० में फैली ये खूबसूरत चोटी आंखो में नहीं सिमट रही थी ऊपर नीला अंतहीन  आसमान और उस आसमान को छूती ऊंची ऊंची सफेद बर्फ से ढकी चोटियां चोटियों के बीच बादल  - जो ट्रेक करते हैं वो जानते है समिट पे पहुंचने की संतुष्टि क्या होती है। I was overwhelmed I was happy I found my peace there , A young Bagpacker found her soul somewhere between the trek and the summit

Photo of शंकर की ओर___A Young Bagpacker found her soul here (तुंगनाथ _चंद्रशिला) by Pragati trivedi
Photo of शंकर की ओर___A Young Bagpacker found her soul here (तुंगनाथ _चंद्रशिला) by Pragati trivedi
Photo of शंकर की ओर___A Young Bagpacker found her soul here (तुंगनाथ _चंद्रशिला) by Pragati trivedi
Photo of शंकर की ओर___A Young Bagpacker found her soul here (तुंगनाथ _चंद्रशिला) by Pragati trivedi
Photo of शंकर की ओर___A Young Bagpacker found her soul here (तुंगनाथ _चंद्रशिला) by Pragati trivedi
Photo of शंकर की ओर___A Young Bagpacker found her soul here (तुंगनाथ _चंद्रशिला) by Pragati trivedi
Photo of शंकर की ओर___A Young Bagpacker found her soul here (तुंगनाथ _चंद्रशिला) by Pragati trivedi
Photo of शंकर की ओर___A Young Bagpacker found her soul here (तुंगनाथ _चंद्रशिला) by Pragati trivedi
Photo of शंकर की ओर___A Young Bagpacker found her soul here (तुंगनाथ _चंद्रशिला) by Pragati trivedi
Photo of शंकर की ओर___A Young Bagpacker found her soul here (तुंगनाथ _चंद्रशिला) by Pragati trivedi
Photo of शंकर की ओर___A Young Bagpacker found her soul here (तुंगनाथ _चंद्रशिला) by Pragati trivedi
Photo of शंकर की ओर___A Young Bagpacker found her soul here (तुंगनाथ _चंद्रशिला) by Pragati trivedi
Photo of शंकर की ओर___A Young Bagpacker found her soul here (तुंगनाथ _चंद्रशिला) by Pragati trivedi
Photo of शंकर की ओर___A Young Bagpacker found her soul here (तुंगनाथ _चंद्रशिला) by Pragati trivedi


Here are some details regarding the expenses on this trip:

-Delhi to rishikesh bus fare-340₹

-Stay at rishikesh-800₹

-Rishikesh to Ukhimath- 300₹

-2Parathas+ chai at teen dhara- 90₹

-Ukhimath to chopta tracker fare-200₹

-Himalay Resort(food and accommodation for two nights) - 3000 per head

-Tracker from Chopta to tungnath base (To and Fro+ Drop back to ukhimath)-2000₹

Further Reads