भारत की वो 8 जगहें जहाँ के नज़ारो से आपको प्यार हो जायेगा !

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"मुश्किल रास्ते ही अक्सर खूबसूरत जगहों तक ले जाते हैं"

अगर आप इस लाइन मे छुपे हुए भाव को समझ पा रहे हैं और अगर आप उन लोगो में से हैं जो ना सिर्फ भारत मे बेहतरीन नज़ारे देखना चाहते है बल्कि बाहर की दुनिया से कुछ समय के लिए दूर रहकर खुद के लिए समय निकालना चाहते है तो यह कुछ जगहें आपकी अगली यात्रा के लिए पर्फेक्ट है । बड़े-बड़े महासागर, ऊँचे पहाड़, और शुष्क भूमि के ओडिसी, यह कुछ ऐसी जगहे है जहाँ आपको प्रकृति सबसे ज्यादा लुभावनी, आकर्षक व एडवेंचरस लगेगी ।

1. गुरुडोंगमार

Photo of सिक्किम, India by Saransh Ramavat

सिक्किम में सबसे असाधारण स्थानों में से एक गुरुडोंगमार झील है। यह भारत की दूसरी सबसे ऊँची झील है जो की गंगटोक शहर से 190 कि.मी. की दूरी पर इंडो-चाइना बॉर्डर के पास 5450 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। इस झील को घूमने का सबसे अच्छा मौसम नवंबर से जून तक है। हो सकता है की आपको इस यात्रा के दौरान जलवायु अनुकूलन की दिक्कत हो इसलिए यात्रा की शुरुआत में आपको एक रात लाचेन शहर में रुकने की सलाह दी जाती है । यहाँ से गुरुडोंगमार 40 कि.मी. की दूरी पर स्थित है और आपको वहाँ तक ले जाने वाला रास्ता बहुत शांत और शानदार है । यह उन जगहों में से एक है जहाँ पर अभी पर्यटको की आवाजाही कम है । यहाँ पहुँचने पर आप देखेंगे कि आधी झील के साथ नीले आसमान और बर्फीली चोटियों का नज़ारा कुछ ऐसा है मानो किसी ने कैनवास पर रंग भर दिए हो । रंगीन प्रार्थना के झंडे और पास में एक मंदिर याद दिलाता है कि झील का अपना धार्मिक महत्व भी है ।

2. पैंगोंग झील

Photo of लदाख by Saransh Ramavat

लेह-लद्दाख की यात्रा का सबसे रोमांचक व खूबसूरत हिस्सा पैंगोंग झील है जो कि इंडो-चाइना बॉर्डर पर 4350 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। झील मई से सितंबर तक पर्यटकों के लिए खुली रहती है तो आप इन महीनों में झील के पास जा सकते है । लेह से पैंगॉन्ग की 220 कि.मी. की दूरी के बीच मे चांग ला पास को भी पार करना होता है जहाँ से आपको बड़े पहाड़ों का यह ऊबड़-खाबड़ रास्ता, नीला आकाश और पैंगोंग झील दिखती है । जैसे- जैसे आप आगे बढ़ते जाएँगे यह झील हमेशा आसमान रंगो के हिसाब से नीले रंग के अलग-अलग शेड्स में अपना रंग बदलती रहती है।

3. चिड़िया टापू

आप चाहे बर्डवॉचर, फ़ोटोग्राफ़र, एडवेंचरिस्ट या रोमांटिक अंडमान की छुट्टी की चाह रखने वाले कपल, चिड़िया टापू आप मे से किसी को भी निराश नहीं करेगा । यह पोर्ट ब्लेयर शहर से 20 कि.मी. दूर स्थित है, जहाँ से आप इस द्वीप पर जाने के लिए एक टूर गाइड व अन्य बाकी व्यवस्थाएँ कर सकते है । यहाँ घूमने का सबसे अच्छा मौसम अगस्त से फरवरी तक है। यह द्वीप पक्षियों की कई प्रजातियों का घर तो है ही साथ ही साथ यह आप यहाँ पर शानदार वॉटर स्पोर्ट्स, सुंदर ट्रेक, प्राचीन समुद्र तट और एक भव्य सूर्यास्त भी देख सकते है ।

4. फूलों की घाटी

यह घाटी 3650 मीटर की ऊँचाई पर उत्तराखंड में ज़ांस्कर और हिमालय पर्वतमाला के बीच स्थित है जिसकी खोज लगभग सन 1930 मे हुई थी । इस घाटी में आपकी मुलाक़ात कई एकल यात्री व योगियों से होगी जो कि शांति की तलाश मे यहाँ आते रहते है । पेड़-पौधो और जीव-जंतुओं की दुर्लभ और लुप्तप्राय प्रजातियों के साथ इस क्षेत्र में जैव विविधता बहुत है। फूलों की घाटी की यात्रा करने का सबसे अच्छा समय जुलाई से सितंबर तक है जब फूल पूरी तरह खिल जाते हैं। घाटी तक पहुँचने की 35 कि.मी. लंबी यात्रा गोविंदघाट से शुरू होती है। घाटी से 4 कि.मी. पहले ही घनागरिया आखिरी गाँव है जहाँ आपको उसी दिन वापस जाना होता है जिस दिन आप घाटी को देखने के लिए जाने वाले होते हो क्योंकि किसी को भी घाटी में सनसेट तक रुकने की अनुमति नहीं है।

5. ज़ीरो वैली

यह शानदार पहाड़ी कस्बा एक विश्व धरोहर स्थल है और अटापानी जनजाति का घर है। अरुणाचल प्रदेश के निचले इलाके के सुबनसिरी जिले में स्थित यह जगह 1700 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। यहाँ का निकटतम रेल स्टेशन उत्तर लखीमपुर में है जहाँ से जीरो वैली 200 कि.मी. दूर है जिसे आप टैक्सी या बस से इस दूरी को तय कर सकते है । यहाँ की जलवायु साल भर खुशनुमा रहती है लेकिन सितंबर के महीने में यहाँ म्यूजिक व डांस परफ़ोर्मेंस के साथ 4-दिवसीय जीरो फेस्टिवल मनाया जाता है । यह घाटी एकल यात्रियों और फोटोग्राफरों के लिए तो स्वर्ग है क्योंकि यह जगह धान के खेतों, फिश-फार्म्स, बांस के जंगलों, देवदार के पेड़ों की पगडंडियों और शानदार नज़ारों व ट्रेक्स से भरा पड़ा है। यहाँ के कुछ लोकप्रिय आकर्षणों मे तलली वन्यजीव अभयारण्य, केल पखो ट्रेक और मेघना गुफा मंदिर हैं।

6. थार का रेगिस्तान

Photo of राजस्थान, India by Saransh Ramavat

इस महान भारतीय रेगिस्तान का विस्तार राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, और गुजरात के राज्यों में 2,00,000 वर्ग किलोमीटर से अधिक है, जिसके एक छोर पर पाकिस्तान और दूसरे पर कच्छ का रण है। रंगहीन शुष्क भूमि के इस विशाल इलाके पर रेत के टीलों, धूल भरी आंधियों और ऊXटों के चलने का वर्चस्व है, जो आपको अरेबियन नाइट्स की कहानियों की याद दिला देगा । थार की यात्रा के लिए अक्टूबर से फरवरी बेस्ट महीने हैं। कैम्पिंग, पैरासेलिंग और सूर्यास्त के लिए कैमल सफारी यहाँ की कुछ लोकप्रिय गतिविधियाँ हैं।

7. पातालपानी झरना

पातालपानी जलप्रपात इंदौर शहर से एक घंटे की दूरी पर मध्य प्रदेश के महू शहर के पास है। आप इस झरने पर सड़क, ट्रेन या ट्रेक के जरिये आसानी से सकते है । 90 मीटर ऊँचा यह झरना हरे-भरे जंगलों और पहाड़ियों से घिरा हुआ है जिसे देखने का सबसे अच्छा समय जुलाई और अगस्त माह के दौरान मॉनसून के बाद होता है, जब झरना बहुत तेज़ी से गिर रहा होता है । हाँ बस ये ध्यान रखें कि अगर आप मॉनसून के समय इस झरने पर जा रहे हैं तो आपको बहुत सावधानी बरतनी चाहिए क्योंकि बारिश के समय यह जगह बहुत फिसलन-भरी हो जाती है जिससे किसी भी दुर्घटना का खतरा हमेशा बना रहता है ।

8. गुलमर्ग

Photo of जम्मू और कश्मीर by Saransh Ramavat

गुलमर्ग, जम्मू और कश्मीर राज्य में पीर पंजाल पहाड़ों में बसा एक पहाड़ी शहर है जो श्रीनगर से मात्र 56 कि.मी. दूर है। गुलमर्ग की सड़कें देवदार के जंगलों और सेब के बागों के बीच से होती हुई जाती है । 2650 मीटर की ऊँचाई पर स्थित इस जगह को "शीतकालीन खेलों के दिल" के रूप में जाना जाता है। आप यहाँ पूरे साल में कभी भी घूमने जा सकते है, लेकिन दिसंबर से मार्च तक का समय स्कीइंग, टोबोगनिंग, स्नोबोर्डिंग और हेली-स्कीइंग जैसे खेलों के लिए बेहतरीन हैं। गुलमार्ग में मार्च के महीने में एक वार्षिक तीन दिवसीय शीतकालीन महोत्सव आयोजित किया जाता है, जहाँ संगीत, फिल्मों और फोटोग्राफी के क्षेत्र में कलाकार अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करते हैं ।

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