भारत विविधताओं का देश हैं।यहां जहां एक तरफ खतरनाक बर्फीले क्षेत्र हैं ,तो वही दूसरी तरफ बंजर रेगिस्तानी इलाके भी हैं।जहां तीन तरफ समुद्र हैं तो वही मस्तक पर हिमालय।विविध भाषाओं के साथ,अलग अलग प्रकार के रीति रिवाज,रहन सहन ,खानपान आदि चीजें भारत को विदेशी सैलानियों के लिए एक परफेक्ट टूरिज्म डेस्टिनेशन भी बनाती हैं।इतने विविधताओं वाले देश में विविध प्रकार के अनुभव भी मौजूद हैं जो once in a lifetime तो करना ही चाहिए। आप भी पढ़िए और देखिए आपने इनमें से क्या क्या चीजें की हुई हैं और क्या आप जल्द ही करने की प्लानिंग लिए हैं।रह गई चीजें आप आपकी बकेट लिस्ट में डाल सकते हैं।
1. जंगल सफारी में टाइगर से आमना सामना
भारत में फिलहाल 50 से ज्यादा टाइगर रिजर्व क्षेत्र हैं और अधिकतर में टाइगर सफारी भी करवाई जाती हैं।जिसमें आपको एक खुली जीप में बिठाकर टाइगर के घर यानी जंगल में घुमाया जाता हैं।किस्मत अच्छी हो तो आपको टाइगर दिख भी जाता हैं।कई लोगों को एक ही बार में दिख जाता हैं कई को अनेकों बार जाने पर भी आज तक नजर नहीं आया।क्या आपने किया हैं सफारी में टाइगर का दीदार?? हां,गिर अभ्यारण के शेर भी काउंट कर सकते हैं।
2. विंटर में लद्दाख या स्पीति की यात्रा
लद्दाख और स्पीति क्षेत्र में गर्मी में घूमने का मजा अलग हैं,बारिश में अलग हैं और सर्दियों में अलग हैं।इनमें से सबसे खतरनाक लेकिन सबसे यादगार समय होता हैं सर्दियों का। सर्दियों में दोनों इलाकों में तापमान दिन और रात को जीरो से कई अंक नीचे रहता हैं। उस समय की सर्दी को सहन कर लेना भी अपने आप में एक एडवेंचर ही हैं।सर्दियों में दोनों जगह बर्फीले रेगिस्तान में तब्दील हो जाती हैं।हर नदी ,नाला,नल सब जमें हुए मिलते हैं।हर कोई विंटर में इन जगहों को एक्सप्लोर करने की हिम्मत नही जुटा पाता हैं।क्या आपने कभी जुटाई हैं इतनी हिम्मत ??
3. हिमालय क्षेत्र में रिवर राफ्टिंग
रिवर राफ्टिंग का नाम सुनते ही दो ही जगहें सबसे ज्यादा किसी को अगर याद आती हैं तो वो जगहें हैं कुल्लू और ऋषिकेश। कुल्लू में ब्यास नदी पर और ऋषिकेश में गंगा नदी पर रिवर राफ्टिंग करवाई जाती हैं।इनके अलावा लद्दाख के निम्मू, हूंडर जैसी जगहों पर भी रिवर राफ्टिंग होती हैं।इसमें आपको तेज बह रही नदी में एक छोटी सी नाव पर बैठाकर कई किलोमीटर की रोमांचक यात्रा करवाई जाती हैं।इसके दौरान कई बार आप नाव से पानी में गिर भी जाते हैं, कई बार नाव भी पलट जाती हैं।लेकिन सुरक्षा के पूर्ण इंतजाम करके आप इसे आराम से कर सकते हैं।क्या आपने लिया हैं कभी यह रोमांचक अनुभव ??
4. धार्मिक शहर में नदी/झील के किनारे देर रात तक सुकून का समय बिताना
हमारी हर धार्मिक नगरी किसी न किसी नदी या तट के किनारे बसी हैं और अगर ऐसा नहीं भी हैं तो वहां कम से कम एक झील तो होती ही हैं।जैसे ऋषिकेश,पुष्कर ,ओरछा, अमृतसर ,उज्जैन,बनारस , हरिद्वार कांचीपुरम,द्वारका आदि जैसी धार्मिक जगहों का एक डीप आनंद तब आता हैं जब हम रात को कुछ समय इन नदी की कलकल करती आवाज को सुने या झील की शांति को महसूस करे या तटों पर लहरों को गिने।यह समय सबसे यादगार समय हो जाता हैं चाहे इसमें हम अकेले हो या अपने किसी खास के साथ। क्या आपको याद हैं ऐसा कोई पल ?
5. विश्व के अजूबे के सामने फोटो खिंचवाया?
साल 2000 से 2007 तक विश्व के 7 अजूबों में अपना नाम दर्ज करवाने वाली इमारत ताजमहल को आज दुनिया में कौन नहीं जानता ? यमुना नदी के किनारे बनी यूनेस्को की लिस्ट में आने वाली इस विश्व धरोहर को देखने के लिए हर साल करोड़ों विदेशी सैलानी भारत में आते हैं।मुगल शासक शहंशाह द्वारा बनवाई हुई मानी गई इस इमारत की खूबसूरती पर अनेकों गाने, किताबें,शायरियां,कहानियां लिखी जा चुकी हैं।दिल्ली से पास ही होने के कारण ,मेरा मानना हैं कि इस जगह तो अधिकतर लोग जा चुके होंगे।
6.पैदल चलकर दूसरे देश में प्रवेश करना
जी हां,आपने सही पढा।भारत से नेपाल और भूटान में लोग पैदल भी प्रवेश करते हैं अन्य जगहों के बारे में तो मुझे ज्यादा जानकारी नहीं हैं।लेकिन यह भी अपने आप में एक सुखद अनुभव हैं खासकर उनके लिए जो काफी दूर से बॉर्डर तक पहुंचते हैं।और हां,याद आया मैने तो चीन अधिकृत क्षेत्र तिब्बत में भी पैदल ही बॉर्डर क्रॉस करके प्रवेश पाया था। शायद आपने भी पैदल किसी देश में एंट्री पाई हो ?बजरंगी भाईजान का नाम ना ले लेना।
7. महाकुंभ या अर्धकुंभ में पवित्र नदी में स्नान
कुंभ मेला देश में 4 जगहों में से प्रत्येक स्थान पर हर 12 सालों मे एक बार आयोजित होता हैं।यह विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक और सांस्कृतिक मेला माना जाता हैं जहां करोड़ों श्रद्धालु एक साथ एकत्र होते हैं और पवित्र नदी में स्नान करते हैं।यह मेला अन्य मेलों से एकदम अलग प्रकार की अनुभूति देता हैं।श्रद्धालुओं के मुफ्त में रुकने की व्यवस्थाएं,मुफ्त भोजन प्रसाद के की व्यवस्था भी यहां होती हैं।कई किलोमीटर में यह मेला फैला होता हैं और इस व्यवस्था में एक साथ करोड़ों श्रद्धालु तक एकत्र हो जाते हैं।यहां का अनुभव अपने आप में आध्यात्मिक रूप से तो अलग होता ही हैं साथ ही साथ आप मैनेजमेंट की दृष्टि से भी यह कई चीजें सिखाता हैं।
8. अंडमान या पांडिचेरी में स्कूबा डाइविंग
स्कूबा डाइविंग करना तो आज भी कितने लोगों की बकेट लिस्ट में हैं।यहां तक कि मैंने भी दो बार इसे करने के मौके गवाएं हैं।इसमें आपको एक नाव में बिठाकर समुद्र के बीच में ले जायेंगे और आपको बीच में रोक कर अंदर कूदने को बोलेंगे।सोचो कितना रोमांचक होता होगा कई हजारों मीटर की गहराई लिए समुद्र में अचानक से कूद जाना।यह जानते हुए कि आपके पैर किसी कठोर जगह पर नही गिरेंगे बल्कि आप सीधे कई किलोमीटर तक नीचे पानी में गिरते जा सकते हैं।लेकिन डरो नहीं,ऐसा नहीं होता हैं।आपके साथ एक एक्सपर्ट भी कूदता हैं,आप डूबते नही हैं।बल्कि आप समुद्र के नीचे की दुनिया में जाकर आते हैं,सैकड़ों तरह के जीवों को उनकी प्राकृतिक अवस्था में देखते हैं।यह अनुभव डरावना और खतरनाक तो हैं ही साथ ही साथ इसको कर लेने के बाद इसको शायद कभी भुलाया भी नही जा सकता हैं।भारत में सबसे साफ,सुरक्षित और यादगार डाइविंग अंडमान और पांडिचेरी में होती हैं।मैं तो अभी तक स्कूबा डाइविंग नही कर पाया ,क्या आपने की हैं ?
अभी लिस्ट काफी लंबी हैं जल्द ही अगली पोस्ट के माध्यम से मिलते हैं।तब तक देखते हैं किसने इसमें से कम से कम एक चीज का अनुभव तो लिया ही हैं।
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