भारत है उत्सवों का देश। उत्सव का अर्थ केवल त्यौहार मनाना नहीं है, बल्कि ये समय होता है जब पूरे परिवार के लोग एक साथ होते हैं। छोटे बच्चे पूरे घर में उधम मचाते हैं, परिवार के नए मेहमान का परिचय सबसे कराया जाता है। ख़ूब सारी मिठाइयों के बीच दिल की दो बातें भी कही जाती हैं। जो कहासुनी या अनबन पिछले कुछ समय में हो गई थी, वो भी इसी दौरान दूर की जाती है।
आने वाले 9 दिन यानि 29 सितम्बर से 08 अक्टूबर के बीच का समय ऐसा ही आने वाला है जब पूरा हिन्दुस्तान उत्सवों के रंग में रंगा होगा। क्योंकि पश्चिम भारत जहाँ नवरात्रि के रंग में डूबा होगा वहीं बंगाल दुर्गापूजा मना रहा होगा और पूरा उत्तर भारत रामलीला के साथ दशहरा देख रहा होगा। आप भी कहोगे कि यही तो ख़ूबसूरती है इस देश की साहिब।
आपको बताते हैं कि आप आने वाले 9 दिन में त्यौहार का असली मज़ा कहाँ ले सकते हैं!
नवरात्रि: जब पूरा गुजरात खेलता है गरबा
वडोदरा: अगर आप गुजरात में हैं तो आपकी बल्ले बल्ले है। गुजरात की सांस्कृतिक राजधानी वडोदरा के द युनाइटेड वे गरबा में नवरात्रि के हर दिन 30,000 लोग गरबा खेलने आते हैं।
अहमदाबाद: इसके अलावा अहमदाबाद के मिर्ची रॉक एंड ढोल नाइट में हर दिन 50,000 लोग खेलते हैं गरबा।
अगर आपका गरबा की बजाय डांडिया खेलने का मन है तो आप शंकुस डांडिया प्लेस जा सकते हैं। शाम को 7 बजे से शुरू होकर रात के 11 बजे तक चलता है डांडिया का ये महोत्सव।
लेकिन गुजरात के बाहर भी है नवरात्रि और गरबा की धूम
दिल्ली
चाणक्यपुरी: नवरात्रि मनाने के साथ गरबा और डांडिया खेलने का प्रोग्राम भी दिल्ली में खूब होता है। अगर आप दिल्ली में हैं तो चाणक्यपुरी के नेहरू पार्क में डांडिया खेल सकते हैं। पास के ही गुरुग्राम नॉटिंग हिल्स में भी देर रात तक डांडिया चलने का प्रोग्राम है।
मुंबई वो शहर है जो नवरात्रि के रंग में गुजरात जितना ही मस्त मिलता है। नवरात्रि में जगह जगह पर डांडिया खेला जाता है। आप चाहें तो प्रमोद महाजन स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में फाल्गुनी पाठक के साथ डांडिया उत्सव मना सकते हैं। जेवीपीडी ग्राउण्ड, मुंबई या द ललित होटल, मुंबई में भी गरबा का प्लान बना सकते हैं आप।
लखनऊ
गोमती नगर: मुस्कुराइए, क्योंकि आप लखनऊ में है। लखनऊ के संगीत नाटक अकादमी, गोमती नगर में आप डांडिया का 9 दिन का लंबा प्लान बना सकते हैं।
दशहरा: यूपी के हर मैदान में होती है रामलीला
वाराणसी: बनारस, भोले की नगरी, बुज़ुर्गों का मोक्षद्वार। दशहरा के उपलक्ष्य में पूरा बनारस ही रामलीला मैदान बन जाता है। रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतले की ऊँचाई से ही रामलीला के स्तर का अंदाज़ा लगाया जाता है। इनमें सबसे प्रसिद्ध रामनगर की रामलीला में अकेली परशुरामी सुनने के लिए लोग 15 कि.मी. दूर से आते हैं।
यूपी के बाहर हैं तो रामलीला देखने यहाँ जाएँ
दिल्ली
लाल किला: दिल्ली के लाल क़िले में माननीय प्रधानमंत्री तक दशहरा के दिन तीर चला कर रावण दहन करते हैं। दिल्ली में आप रामलीला देखने के लिए लाल क़िला, जंतर मंतर या फिर अक्षरधाम जा सकते हैं।
फ़रीदाबाद
उद्योग शहर, फ़रीदाबाद की रामलीला पूरे देश की अकेली ऐसी रामलीला है जहाँ उर्दू में रामलीला होती है। आप भी इसका आनंद लेने के लिए जा सकते हैं।
हिमाचल के कुल्लू में सरकार ने दशहरा को अंतर्राष्ट्रीय पर्व घोषित कर दिया है, जिससे विदेशी सैलानियों की संख्या इस सीज़न में बहुत रहती है।
कर्नाटक में मैसूर के मैसूर भवन में रामलीला का त्यौहार बड़ी धूम धाम से मनाते हैं। पूरे दस दिन मैसूर पैलेस में नृत्य, संगीत और नाटक की प्रतियोगिताएँ होती हैं, जिससे माहौल एकदम खुशनुमा रहता है।
दुर्गापूजा: जब पूरे 9 दिन माँ दुर्गा की स्तुति करता है बंगाल
कोलकाता: अगर आपको दुर्गापूजा सच में जीनी है तो बंगाल से अच्छी कोई जगह नहीं। अकेले कोलकाता में 20,000 पंडाल इस मौक़े पर सजते हैं।
इन पंडालों में बंगाल की संस्कृति, उनका रिवाज़ और ख़ातिरदारी का तो पूछिए ही मत। कोलकाता में हैं आप तो सिलिगुड़ी, जलपाईगुड़ी, बीरभूम और बांकुरा जा सकते हैं।
बंगाल के बाहर दुर्गापूजा के रंग
सांताक्रूज़: सांताक्रूज़ के बाल्कनजी बारी नामक जगह में बॉलीवुड का मुखर्जी परिवार हर साल दुर्गापूजा मनाता है। इसके अलावा अँधेरी और चेम्बूर में लोखंडवाला दुर्गोत्सव के नाम से दुर्गापूजा होती है। कांदीवली के ठाकुर ग्राम दुर्गोत्सव में आप देसी खिचड़ी का आनंद उठा सकते हैं।
हैदराबाद
दोमलगुड़ा: हैदराबाद के दोमलगुड़ा में यहाँ की बंगाली समिति हर साल दुर्गापूजा का आयोजन करती है। अपनी बंगाली विरासत और संस्कृति को यहाँ के लोगों ने अभी तक सहेज के रखा हुआ है। अगर यहाँ के पंडालों का नज़ारा देखना चाहते हैं आप तो हुसैन सागर झील में बोट राइड से अच्छा तरीक़ा और कोई नहीं।
अपनी पारंपरिक विरासत को सहेजे हुए और नागपुर में धानतोली के लोग दुर्गापूजा में अपनी पारंपरिक पोशाक में दिख जाएँगे। यहाँ के लोग साथ में चाइनीज़ खाना भी परोसते हैं। नागपुर में हों तो दुर्गापूजा के लिए धानतोली ज़रूर जाएँ।