कभी-कभी लगता है कि इस तकनीक और डिजिटल की दुनिया में हम कहीं ठहर से गए हैं। जब पानी एक जगह ठहरकर खरब हो जाता है हम तो फिर भी इंसान है। इस दुर्गंध भरी दुनिया से बाहर निकलने के लिए रोड ट्रिप रोमांच से भर देती है। रोड ट्रिप में हम सिर्फ हमारे साथ होते हैं कोई काम नहीं, कोई टेंशन नहीं। रोड ट्रिप तब और मज़ेदार होती है जब ये आसान ना हो। जब आप एक ऐसे सफर पर निकल जाएँ जिस रास्ते पर कम ही लोग जाते हों। और फिलहाल लॉकडाउन में घर बैठे तो रोड ट्रिप के सपने और भी सुहाने लग रहे हैं।
इस समय हर माउंटैन प्रेमियों ने पहाड़ों के कई रूटों को देख और परख लिया है, खासकर मनाली-लेह वाला रूट। लेकिन नाॅर्थ इंडिया जिसे फिल्मों और यात्रा-वृतातों में बहुत खूबसूरत बताया है, उससे कहीं ज्यादा खूबसूरती अपने अंदर समेटे हुए है। ये रोड ट्रिप उन लोगों के लिए है जो हिमालय में एक नए सफर पर जाना चाहते हैं और अपनी ट्रैवल लिस्ट अपडेट करना चाहते हैं।
यात्रा का रूट
ये रोड ट्रिप दिल्ली से शुरू होती है। पहले दिन खूबसूरत शहर शिमला के लिए 8 से 9 घंटे की ड्राइव है। अगली सुबह नारकंडा में एक छोटा सा ब्रेक लेकर सरहन तक की यात्रा करें। तीसरी सुबह आप रोहड़ू में मध्य-मार्ग से होते हुए खरापाथर पहुँचते हैं। चौथे दिन, चकराता चले जाते हैं, वहाँ की खूबसूरती में एक दिन बिताते हैं और पाँचवें दिन उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में एंट्री होती है।
कुल दूरीः 867 कि.मी.
वो रूट जिस पर जाना हैः
दिल्ली - शिमला - सराहन - खरापाथर - चकराता - देहरादून
अब सफर पर चलते हैं!
पूरे सफर की सबसे लंबी यात्रा शुरूआत में ही होती है, जो हमें दिल्ली से शिमला पहुँचा देता है। शिमला को हिमालय की रानी भी कहा जाता है। दिल्ली से यहाँ तक के सफर में सड़क किनारे नाॅर्थ इंडिया के कुछ बेहतरीन ढाबे मिल जाएँगे, जहाँ रूकते हुए खाना खा सकते है। मन्नत ढाबा, हवेली और पाल ढाबा ऐसे ही कुछ बेहतरीन स्वाद वाले ढाबा हैं। शिमला भारत के सबसे फेमस हिल स्टेशनों में से एक है। ये जगह हमेशा पर्यटकों से गुलज़ार रहती है, सदियों में तो ये यहाँ पर्यटक बर्फ के मज़े लेने आते हैं। ये जगह इतनी ठंडी है शायद इसलिए अंग्रेजों ने गर्मियों में राजधानी शिमला को चुना, उनके कुछ अवशेष अब भी शिमला में देखे जा सकते हैं।
दिल्ली से शिमला की रोड अच्छी स्थिति में है, जिससे यात्रा और भी रोमांचक हो जाती है। चंडीगढ़ को पार करने के बाद, पहाड़ी इलाके में आ जाते हैं यहाँ से सफर और मौसम दोनों ही बदल जाते हैं। सुंदर-सुंदर दृश्य आपके साथ शिमला तक चलते ही रहते हैं।
यात्रा का समयः 7.5 घंटे
दूरीः 342 कि.मी.
अच्छे अनुभवः शिमला में बहुत कुछ करने को है। लक्कड़ बाजार में खरीदारी की जा सकती है। भारत की एकमात्र ओपन-एयर आइस स्केटिंग रिंग में हाथ अजमाया जा सकता है। वाइसरीगल लॉज और राज्य म्यूज़ियम को देखें, कुथेरल फोर्ट भी यहीं है। चैडविक फॉल्स में सूर्य की पहली किरण के गवाह बन सकते हैं।
कहाँ ठहरेंः वुड्स शिमला और वाइल्डफ्लावर हॉल। अधिक विकल्पों के लिए यहाँ क्लिक करें।
बुशहर साम्राज्य की पूर्व ग्रीष्मकालीन राजधानी सरहन में कई हिमालयी ट्रेक हैं और यही किन्नौर का एंट्री गेट है। ये जगह तीर्थयात्रा भी है, प्रकृति प्रेमियों के लिए स्वर्ग है और एडवेंचर करने वालों के लिए एक बेसकैंप है। यहाँ फेमस टेंपल भीमाकाली भी है, जिसे 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। ये मंदिर इंडो-तिब्बती शैली में बना हुआ है। ये मंदिर वास्तुशिल्प कला का एक चमत्कार है जो देश भर के सैकड़ों पर्यटकों को आकर्षित करता है। सरहन जाने वाले सड़क मार्ग का इलाका बहुत खूबसूरत है। इस इलाके में देवदार और ओक के पेड़ हैं और दर्जनों धाराएँ बहती हुई दिखाई देती हैं। ये सब देखना वाकई बहुत अद्भुत है।
शिमला से सरहन के रास्ते में एक छोटा-सा शहर है, नारकंडा। यहाX सर्दियों में लोग फेमस स्कीइंग करने आते हैं। नारकंडा में हाटू पीक एक जगह है जहाँ पर्यटन के सभी कार्य होते हैं। यहाँ आप तानी जुब्बर झील में पिकनिक भी मना सकते हैं।
यात्रा का समयः 5 घंटे
दूरीः 163 कि.मी.
अच्छे अनुभवः भीमाकाली मंदिर की यात्रा, दाराघाटी वन्यजीव अभयारण्य का दौरा भी कर सकते हैं और यहाँ बर्फ से ढके पहाड़ों पर सूरज को उगते हुए शानदार नज़ारे को देख सकते हैं।
कहां ठहरेंः बुशहर हाइट्स और दी श्रीखंड। अधिक विकल्पों के लिए, यहाँ क्लिक करें।
खरापत्थर एक आइडल हाॅलीडे डेस्टिनेशन है। हिमालय के पहाड़ के नज़ारों के साथ-साथ यहाँ हरे-भरे जंगल हैं और सेब के बाग हैं। ये ऐसी जगह है जो जहाँ होने पर लगता है कि समय रूका रहे और हम यूँ ही ये नज़ारे देखते रहें। यहाँ गिरि गंगा मंदिर है और एडवेंचर करने वाले लोगों के लिए लंबा पैदल ट्रेक है।
रोहड़ू
खरापत्थर के रास्ते में आप पहले ही डिसाइड कर लें कि आपको रोहड़ू में थोड़ी देर रूकना है, यहाँ थोड़ी देर रूकें और फिर आगे के सफर पर निकलें। पाब्बर नदी के किनारे बसा ये छोटा-सा शहर अपने सेब के बागों के लिए जाना जाता है। यहाँ अच्छा समय बिताने के लिए रेस्तरां और कैफे भी हैं। ट्राउट फिशिंग यहाँ की एक फेमस एक्टिविटी है।
यात्रा का समयः 5.5 घंटे
दूरीः 144 कि.मी.
अच्छे अनुभवः गिरि गंगा की चढ़ाई, जुब्बल पैलेस का दौरा करना। सेब के बाग में पिकनिक मनाई जा सकती है, फिशिंग ट्राउट के लिए जाएँ, गिरि गंगा और हाटेश्वरी मंदिरों की यात्रा करें।
कहां ठहरेंः गिरिगंगा रिजॉर्ट।
चकराता शांति और सौम्यता वाला शहर है। ये शहर पहाड़ की चढ़ाई और लंबी पैदल यात्रा के लिए बहुत फेमस है। चकराता के एक तरफ मसूरी है और दूसरी तरफ किन्नौर है। बीच में बसा चकराता हर किसी के लिए कुछ ना कुछ संजोए हुए है। चाहे वो रोमांच के शौकीन हो, प्रकृति प्रेमी हो या शांति और एकांत वाले स्थान पर जाना चाहते हों। यहाँ बहुत सारे सुंदर झरने हैं और मंदिर भी हैं। इन सभी जगहों को देखने के लिए यहाँ कम से कम एक दिन जरूर बिताएँ।
यात्रा का समयः 4.5 घंटे
दूरीः 130 कि.मी.
अच्छे अनुभवः पहाड़ों की सुंदरता में कुछ समय बिताएँ, टाइगर फॉल्स पर पिकनिक के लिए जाएँ। लखमंडल मंदिर का दौरा करें, चकराता की सबसे ऊँची चोटी चिलमरी नेक का ट्रेक किया।
कहाँ ठहरेंः होटल बुरांस और एस्केप ट्राइबल कैंप। अधिक विकल्पों के लिए, यहाँ क्लिक करें।
चकराता से देहरादून तक का रोड ट्रिप सबसे छोटा सफर है जो लगभग तीन घंटे का है। देहरादून से दिल्ली जा सकते हैं लेकिन उससे पहले उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में कुछ दिन बिता सकते हैं। कुछ सालों में ही देहरादून बहुत तेज़ी से विकसित हुआ है और आज के समय में ये एक फेमस टूरिस्ट प्लेस बन गया है। यहाँ हर तरह के ट्रैवलर के लिए घूमने के लिए कई विकल्प हैं।
यात्रा का समयः 3 घंटे
दूरीः 87.4 कि.मी.
अच्छे अनुभवः पैराग्लाइडिंग में अपना हाथ आजमाएँ, रोवर्स केव या गुच्चूपानी की गुफा का अनुभव लें। सहस्त्रधारा में डुबकी लगाएँ, राजाजी नेशनल पार्क में सफारी यात्रा और तिब्बती मार्केट में शाॅपिंग।
कहाँ रूकेंः शेरेटन देहरादून द्वारा फोर पॉइंट्स और गौरया होमस्टे। अधिक विकल्पों के लिए, यहाँ क्लिक करें।
यात्रा के लिए बढ़िया समय
सर्दियों में कई यात्री इस यात्रा को कर लेना चाहते हैं। लेकिन बर्फबारी के कारण कुछ रास्तों को बंद कर दिया जाता है। अगर आप सर्दियों में इस सफर पर जा रहे हैं तो पूरी जानकारी के साथ जाएँ। इस ट्रिप पर जाने का सबसे बढ़िया समय मार्च से मई या अक्टूबर से दिसंबर तक है। वर्ष की शुरुआत में मौसम सुहावना होगा और आपको भी केवल हल्के-फुल्के गर्म कपड़े की ज़रूरत होगी।
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