![Photo of भारत में दिल्ली के अलावा इन जगहों पर भी है राष्ट्रपति के लिए आधिकारिक आवास, जानें इनकी खासियतें by Pooja Tomar Kshatrani](https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/2059001/TripDocument/1658993329_731356760.jpg)
देश की पहली आदिवासी और दूसरी महिला राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जिन्होंने 25 जुलाई को राष्ट्रपति पद की शपथ ली और अब अगले पांच सालों तक रायसीना हिल्स स्थित राष्ट्रपति भवन ही उनका आधिकारिक आवास होगा। वैसे दिल्ली में स्थित राष्ट्रपति भवन के बारे में तो हम सभी जानते ही हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि दिल्ली के अलावा भी देश में 2 राष्ट्रपति भवन और हैं, जहां देश के राष्ट्रपति जाते रहते हैं। राष्ट्रपति के ये दोनों आवास भी देश ही नहीं, दुनिया की चुनिंदा खूबसूरत और आलीशान इमारतों में शामिल हैं। आइये जानते हैं, क्या है हैदराबाद और शिमला के राष्ट्रपति भवन की खासियतें।
1. राष्ट्रपति भवन, रायसीना हिल्स, दिल्ली
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देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के रायसीना हिल्स क्षेत्र में राष्ट्रपति भवन का निर्माण ब्रिटिश राज के मशहूर आर्किटेक्ट एडविन लुटियंस की देखरेख में हुआ था। H आकार के इस राष्ट्रपति भवन का निर्माण 1912 में ब्रिटिश वायसराय के लिए शुरू हुआ था। 17 वर्ष बाद 1929 में वायसराय हाउस (अब राष्ट्रपति भवन) का निर्माण पूरा हुआ था। आजादी के बाद 26 जनवरी 1950 को देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद का ये आधिकारिक निवास बना। तब इसका नाम राष्ट्रपति भवन रखा गया। राष्ट्रपति भवन परिसर का कुल क्षेत्रफल 330 एकड़ है, जिसके पांच एकड़ में 340 कमरों वाला चार मंजिला भवन बना है। राष्ट्रपति परिसर में ढाई किलोमीटर लंबा कॉरिडोर (राजपथ) और 190 एकड़ का गार्डन एरिया भी शामिल है।
राष्ट्रपति भवन की खासियतें
राष्ट्रपति भवन के अंदर म्यूजियम, सेरिमोनी हॉल, बड़े गार्डन, स्टाफ के रहने की जगह, 300 कमरे, बॉल रूम, गेस्ट रूम आदि सब मौजूद है। इसके अलावा, राष्ट्रपति भवन में कई पेंटिंग्स और ऐतिहासिक वस्तुएं रखी हैं। यहां एक गिफ्ट म्यूजियम भी है जहां दुनिया भर से मिले तोहफे रखे जाते हैं। यहां पर ब्रिटेन के किंग जॉर्ज 5 की चांदी की कुर्सी रखी है जो 640 किलो की है। इसी कुर्सी में राजा 1911 में दिल्ली दरबार में बैठा करते थे। ये भवन इतना विशाल है कि इसे पूरा घूमने के लिए आपको एक दिन कम पड़ जाएगा।
2. दि रिट्रीट बिल्डिंग, मशोब्रा, शिमला
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हिमाचल के शिमला जिले में मशोब्रा की पहाड़ी चोटी पर राष्ट्रपति का दूसरा आधिकारिक निवास है, जिसे दि रिट्रीट बिल्डिंग कहा जाता है। शिमला स्थिति ये राष्ट्रपति निवास उनके तीनों निवास में सबसे पुराना है। शिमला से इसकी दूरी 13 किलोमीटर और ऊंचाई 1000 फुट ज्यादा है। इस भवन का निर्माण शिमला के एक चिकित्सा अधीक्षक द्वारा 1850 में कराया गया था। बाद में इसे कोटी (वर्तमान में मध्य प्रदेश के सतना जिले का हिस्सा) के राजा ने ले लिया था। कई बड़े अंग्रेज अधिकारियों ने उनका ये महल किराए पर लिया। 1895 के आसपास कोटी के राजा ने ये महल हमेशा के लिए सरकार को दे दिया। इसके बाद कई ब्रिटिश वायसराय ने इसका प्रयोग किया। आजादी के बाद दिल्ली के वायसराय हाउस (अब राष्ट्रपति भवन) की तरह शिमला का वायसराय रिट्रीट भी भारत को सौंप दिया गया। राष्ट्रपति वर्ष में कम से कम एक बार (गर्मियों में) यहां पर दो सप्ताह के लिए जरूर आते हैं। इस दौरान वह यहां से सरकारी कार्य भी करते हैं।
दि रिट्रीट बिल्डिंग की खासियतें
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दि रिट्रीट बिल्डिंग 987.4 वर्ग मीटिर (10,628 वर्ग फुट) में बनी है। ये राष्ट्रपति भवन पूरी तरह से लकड़ियों से बना हुआ है। यहां कि दीवारे धाजी वॉल कंस्ट्रक्शन तकनीक से बनी हुई हैं। इस तकनीक का इस्तेमाल कश्मीर समेत अन्य पहाड़ी इलाकों में भूकंपरोधी घर बनाने के लिए किया जाता है। इस तकनीक में लकड़ी के फ्रेम के बीच में पतले और हल्के पैनल, पत्थर और मिट्टी का इस्तेमाल किया जाता है। शिमला का ये राष्ट्रपति भवन अपने आर्किटेक्ट और आसपास की खूबसूरती की वजह से शिमला के प्रमुख पर्यटन स्थलों में शामिल है।
3. राष्ट्रपति निलयम, बोलारम, हैदराबाद
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राष्ट्रपति निलयम, राष्ट्रपति का तीसरा आधिकारिक निवास है। पूर्व में इसे रेजिडेंसी हाउस कहा जाता था। तेलंगाना के हैदराबाद शहर (बोलारम, सिकंदराबाद) में स्थिति राष्ट्रपति निलयम भी दिल्ली के राष्ट्रपति भवन से पुराना है। वर्ष 1860 में हैदराबाद के निजाम नजीर-उद-दौला द्वारा इसका निर्माण कराया गया था। ब्रिटिश शासन में अंग्रेज अधिकारियों ने इसका इस्तेमाल किया। आजादी के बाद ये राष्ट्रपति के निवास के तौर पर प्रयोग होने लगा। राष्ट्रपति वर्ष में कम से कम एक बार (सर्दियों में) दो सप्ताह के लिए यहां रहते हुए सरकारी कार्य करते हैं।
राष्ट्रपति निलयम की खासियतें
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राष्ट्रपति निलयम 3,60,000 वर्ग मीटर (90 एकड़) में बना एक मंजिला भवन है, जिसमें कुल 11 कमरे हैं। इसके अलावा यहां पर देश के गणमान्य अतिथियों को ठहराने के लिए एक गेस्ट हाउस भी है, जिसकी क्षमता 150 लोगों की है। यहां पर एक डाइनिंग हॉल, दरबार हॉल, मॉर्निंग रूम, सिनेमा हॉल समेत कई सुविधाएं हैं। राष्ट्रपति निलमय का किचन और डाइनिंग हॉल अलग-अलग बिल्डिंग में है, जो एक टनल से जुड़ा हुआ है, जो इसे अनोखा बनाता है। इस परिसर में एक बड़ा और खूबसूरत गार्डन है, जिसमें फल-फूल के सात अलग-अलग पोषण उद्यान हैं। इसके अलावा यहां सात हजार वर्ग मीटर का एक हर्बल गार्डन भी वर्ष 2009 में बनकर तैयार हुआ है। इसमें 116 प्रजाति के औषधीय और सुगंधित किस्म के पौधे हैं।