भारत में हनुमान जी के कई प्रसिद्ध मंदिर हैं, लेकिन आज मैं आपको एक अनोखे मंदिर के बारे में बताऊंगी जिसके बारे में आप सभी सुनकर आश्र्यचकित स्थिति का अनुभव करेंगे। जैसा आप सभी जानते हैं कि हनुमानजी बाल ब्रह्मचारी हैं। और हम सभी हनुमान जी को युगों से लोग पूजते आ रहे हैं उन्हें बाल ब्रह्मचारी भी कहा जाता है जिस कारण स्त्रियों को उनकी किसी भी मूर्ति को छूने से मना किया गया है। वे देवता रूप में विभिन्न मंदिरों में पूजे जाते हैं लेकिन एक ऐसा मंदिर भी है। जहा हनुमान जी स्त्री रूप में विराजमान है।
सुनकर आश्चर्य हुआ होगा लेकिन दुनिया में एक यही ऐसा मन्दिर है जिसमे एकमात्र हनुमान जी को स्त्री रूप में पूजा जाता है। जहां हनुमान पुरुष नहीं बल्कि स्त्री के वेश में नजर आते हैं। इस अनोखे मंदिर की स्थापना के पीछे की पौराणिक कथा भी काफी दिलचस्प है।
दुनिया में इकलौता अनोखा मंदिर :
(This unique temple is located in Bilaspur district)
जी हां, आपने सही पढ़ा। और शायद, यह पूरी दुनिया में मौजूद इकलौता मंदिर भी है जहां भगवान हनुमान की पूजा एक महिला के रूप में की जाती है। रतनपुर के गिरजाबांध में मौजूद इस मंदिर में ‘देवी’ हनुमान की मूर्ति है। इस मंदिर के प्रति लोगों में काफी आस्था है। ऐसा माना जाता है कि जो कोई भी यहां पूजा अर्चना करता है, उसकी मनोकामना पूरी होती है। मैंने भी काफी सुना था इस मंदिर के बारे में फिर क्या इच्छा हुई और मैं निकाल पड़ी दर्शन के लिए। मैंने इस पवित्र मन्दिर के दर्शन अपनी मम्मी और छोटी बहन के साथ किया। हम सभी को यह आकर बहुत अच्छा लगा। और खास कर मुझे ऐसे जगहों पर जाना बहुत पसंद है जहा कुछ अलग ही ऐतिहासिक और धार्मिक आस्था जुड़ी हो। ऐसी बेहतरीन जगहों के बारे में जानने कि बात ही अलग है। तो आइये बढ़ते है आगे की जानकारियों की ओर, और जानते है इस पवित्र मन्दिर का इतिहास।
बहुत प्राचीन है मंदिर का इतिहास :
(The statue is thousands of years old)
गिरजाबांध स्थित हनुमान मंदिर सदियों से इस क्षेत्र में जाना जाता है। माना जाता है कि हनुमान जी की यह प्रतिमा दस हजार साल पुरानी है। किंवदंती है कि मंदिर का निर्माण पृथ्वी देवजू नाम के राजा ने कराया था। राजा पृथ्वी देवजू हनुमान जी के बहुत बड़े भक्त थे औऱ उन्होंने कई सालों तक रतनपुर पर शासन किया था। माना जाता है कि वह कुष्ठ रोग से पीड़ित थे।
राजा को सपने में दिया मंदिर निर्माण का आदेश :
(Hanuman ji came in the dream of the king)
कहा जाता है कि एक रात राजा के सपने में हनुमान जी आए और उन्हें मंदिर बनाने का निर्देश दिया। राजा ने मंदिर का निर्माण शुरू करवाया। जब मंदिर काम पूरा होने वाले था, तब राजा के सपने में फिर हनुमान जी आए और उन्हें महामाया कुंड से मूर्ति निकाल कर मंदिर में स्थापित करने के लिए कहा।
राजा ने हनुमान जी के निर्देशों का पालन किया और कुंड से मूर्ति निकाली गई। लेकिन हनुमान जी की मूर्ति को स्त्री रूप में देखकर हैरान रह गए। फिर महामाया कुंड से निकली मूर्ति को पूरे विधि विधान से मंदिर में स्थापित किया गया। मूर्ति स्थापना के बाद राजा की बीमारी पूरी तरह से ठीक हो गई।
कब आये यहां :
(Best time to visit)
रतनपुर में काफी ज्यादा गर्मी पड़ती है, इसलिए सर्दियों के दौरान यहां की यात्रा पर आना अच्छा रहेगा। इस जगह की यात्रा करने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर और मार्च के बीच है। अगर आप ऐसे कई और विचित्र जगहों के बारे में जानना और देखना चाहते हैं, तो आपको एक बार छत्तीसगढ़ जरूर आना चाहिए। यहां मैंने और भी प्रसिद्ध मंदिरों के दर्शन किए।
कैसे पहुंचें :
(Very easy to reach Ratanpur)
आप रतनपुर बेहद आसानी से पहुंच सकते हैं। यहां से सबसे निकटतम हवाई अड्डा रायपुर का स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट है, जो कि यहां से लगभग 140 किमी दूर है। यहां से बिलासपुर के लिए सीधी टैक्सी और बस सेवा भी उपलब्ध है। वहां से आप रतनपुर के लिए कैब ले सकते हैं। रतनपुर पहुंचने के लिए हवाई अड्डे से लगभग पांच घंटे लगेंगे। बिलासपुर जंक्शन रेलवे स्टेशन निकटतम रेलवे स्टेशन है, जो रतनपुर (25 किमी दूर) की सेवा करता है। स्टेशन के बाहर से कैब और बसें आपके गंतव्य के लिए उपलब्ध हैं। इस प्रकार बात करू तो आप यहां आसानी से बिना किसी कठिनाई के दर्शन के लिए आ सकते है।
मुझे तो काफी अच्छा लगा यहां की अदभुत झलकियां , धार्मिक रहस्यों की खासियत को देख कर, उमीद करती हूं आप सभी को भी मेरे यात्रा का वर्णन अच्छा लगा होगा।
आप सब भी इस अनोखे मन्दिर के दर्शन के लिए जरूर एक बार आए। और अपने अनमोल विचार अवश्य साझा करें।