"Legs Were Crying"
"Body Was Sweating"
"It Was The Brain That Took Me To The Finish Line"
111 किलोमीटर दौड़ते वक़्त ये लाइन ना जाने ही कितनी बार दिमाग मे आयी होंगी , ना जाने ही थक कर रुकते वक़्त दिमाग मे चोट पहुँचा रही होगी या ये कहो समुंद्र तल से 18000 फीट ऊँचाई पर कभी होने अघोषित बारिश तो कभी गिरने वाली बर्फ से लड़ने का कारण बन रही होगी ।
इंग्लिश में लिखी ये तीन लाइन "Sandeep Jakhad" के फेसबुक बायो में लिखी हैं जो हाल ही में लद्दाख में आयोजित हुई 111 किलोमीटर लंबी वर्ल्ड cruelest अल्ट्रा मैराथन में तीसरा स्थान प्राप्त करके वापस घर लौटे है । रेस की जटिलता का अंदाजा आप लद्दाख के तापमान से लगा सकते हो जो 30 डिग्री से होता हुआ -12 डिग्री तक लुढ़का , ऑक्सीजन का स्तर 50 प्रतिशत तक नीचे गिरा इन विपरीत परिस्थितियों में 19 प्रतिभागियों के साथ दौड़ते हुए तीसरा स्थान प्राप्त किया जो कि सराहनीय हैं , अविश्वसनीय हैं ।
उत्तर प्रदेश के छोटे से शहर मुरादनगर से आने वाले संदीप जाखड़ पेशेवर पर्वतारोही और एक जुनूनी धावक हैं जिन्होंने 40 की उम्र में उन मिथकों को तोड़ दिया हैं जिनमे कहाँ जाता हैं कि ये उम्र अब खेल कूद से संन्यास की हैं । 2017 से दौड़ना शुरू करने वाले संदीप अब तक 6 हाफ मैराथन रेस , 3 फुल मैराथन रेस , 24 किलोमीटर लंबी ट्रायल रेस और 3 अल्ट्रा डिस्टेंस रेस पूरी कर चुके हैं । इसके अलावा उनके हिस्से 74 किलोमीटर लंबी गढ़वाल रेस , 63.3 किलोमीटर लंबी फारेस्ट मोंक रेस भी आयी हैं जो इन्होंने पूरी की ।
हाल ही में लद्दाख में आयोजित हुई अल्ट्रा मैराथन को विश्व की सबसे मुश्किल मैराथन में से एक माना जाता हैं । इस साल आयोजित हुई इस रेस में 19 प्रतिभागियों ने शाम 6 बजे दौड़ना शुरू किया और देर रात तक चली इस रेस में बर्फानी तूफान , बारिश और लगातार गिरती बर्फ को भेदते हुए लगातार 19 घंटे 32 मिनट दौड़ते हुए तीसरा स्थान प्राप्त किया । जिसके लिए उन्होंने अपने कोच Kaustubh Radkar जी का बहुत धन्यवाद किया जिनके मार्गदर्शन में उन्होंने ये सफलता प्राप्त की । संदीप जाखड़ मौजूदा वक़्त में गाज़ियाबाद हैं और आगामी नयी अल्ट्रा मैराथन रेस की तैयारी में जुट रहे हैं ।
लेख लिखने के बाद मैं भी हमारे संदीप सर के लिए इतना कहूँगा कि हम कंगले चीतों को आप पर गर्व हैं आप दौड़ते रहे , रिकॉर्ड तोड़ते रहे , हमे मार्गदर्शन देते रहे ।
BY - SANDEEP JAKHAR