घूमने के शौकीन आप यह तो जानते हैं कि दुनिया की सबसे ऊँची चोटी माउंट एवरेस्ट है। लेकिन क्या दुनिया के सबसे ऊँचे गाँव के बारे में जानते हैं? नहीं, तो स्पीति घाटी के बीचोबीच स्थित कोमिक गाँव के बारे में जान लीजिये। हिमाचल प्रदेश में स्थित गाँव कोमिक की खूबसूरती लिख कर बयां नहीं कर सकता। यह भारत के हिमाचल प्रदेश राज्य के स्पीति में सुदूर गाँव है। जो मोटरगाड़ी के पहुँच वाला दुनिया का सबसे ऊँचा गाँव है। जिसकी ऊँचाई 15027 फीट है। बर्फ से ढके पहाड़ों से घिरा यह गाँव पर्यटकों को खूब पसंद आता है। आप भी इस सुंदरता के गवाह होना चाहते हैं तो यहां आइए और इस सुंदर गाँव के सुंदरता में खो जाइए।
इस गाँव में बहुत कम घर हैं। यहाँ एक मठ है लुंडुप त्सेमो गोम्पा मठ जो लोगों को बहुत आकर्षित करता है। गाँव में भिक्षुओं को शामिल करके करीब 150 लोग रहते है।
लुंडुप त्सेमो गोम्पा मठ में माना जाता है कि इसमें मैत्रेय बुद्ध रहते हैं। मान्यता है कि मैत्रेय बुद्ध गाँव के लोगों का खयाल रखते हैं। यह मठ चौदहवीं शताब्दी में बनी है। मठ में सुंदर भित्तिचित्रों, धर्मग्रंथों और कलाकारी को देख कर लोग आश्चर्य में पड़ जाते हैं।
1972 के भूकंप में मठ जर्जर हो गया
कोमिक गाँव के पीछे कई कहानियाँ हैं। लेखों के अनुसार एक बार यहाँ भयंकर सुखा पड़ा था। मठ के भिक्षुओं को इस बात की बहुत चिंता थी कि मठ को कैसे बचाया जाए। इसके लिए मठ को हिक्किम गाँव के नीचे ले गए। वर्ष 1972 के भूकंप में यह मठ खंडहर बन गया। जब आप हिक्किम से काज़ा की ओर बढ़ते हैं तो रास्ते पर चलते हुए यह खंडहर आज भी दिखाई देते हैं।
कैसे पहुँचें?
कोमिक गाँव तक दो रास्तों से पहुँचा जा सकता है। अगर आप दिल्ली से शिमला हो कर जाते हैं तो कोमिक गाँव की दूरी 772 किमी है। वही जब आप मनाली होते हुए जाते हैं तो यह दूरी करीब 18 किमी कम है। मनाली होते हुए कोमिक पहुँचना थोड़ा आसान है। इसलिए यहाँ पहुँचने के लिए ज्यादातर पर्यटक मनाली रूट चुनते हैं। इस मार्ग से कोमिक की यात्रा में मनाली, किन्नौर और स्पीति की सुंदरता को देख कर दिल खुश हो जाता है।
आस-पास के दर्शनीय स्थल
स्पीति घाटी का प्राचीनतम मठ तांग्युड मठ
स्पीति घाटी में दो बौद्ध मठ स्थित है। इनमें एक कोमिक गाँव का तांग्युड मठ है। जहाँ आ कर मन शांत हो जाता है। यह मठ बौद्ध धर्म के शाक्य संप्रदाय से जुड़ी है। तांगयुड मठ भारत के सबसे ऊँचे बौद्ध मठों में से है।
जीवाश्म गाँव के नाम से प्रसिद्ध लंग्ज़ा गाँव
लंग्ज़ा गाँव हिमाचल के बहुत ऊँचाई पर है। जो काज़ा से कोमिक के मार्ग पर स्थित है। यह समुद्र तल से 14000 फीट से ज्यादा की ऊँचाई पर है। यहाँ भगवान बुद्ध का एक विशाल प्रतिमा है। इस गाँव को दुनिया भर में जीवाश्म गाँव के नाम से जाना जाता है। गाँव के पास चाऊ चाऊ कांग निल्डा चोटी देख कर जो सुकून मिलता है वो आप पूरी उम्र याद रखेंगे।
कोमिक से चार किमी दूर हिक्किम गाँव
हिक्किम गाँव हिमाचल में 4440 मीटर की ऊँचाई पर है। यह गाँव कोमिक गाँव से मात्र 4 किमी दूर है। हिक्किम गाँव दुनिया का ऐसा सबसे ऊँचा गाँव है, जहाँ डाकघर कार्यालय है। जिसके कारण स्पीति घाटी आने वाले हर यात्री का ध्यान खींचने में सफल रहा है। पर्यटक यहाँ पर आ कर फोटो लेना और रील बनाना नहीं भूलते।
स्पीति घाटी का केंद्र काज़ा शहर
काजा शहर कोमिक गाँव के नजदीक स्थित प्रमुख शहर है। जो स्पीति घाटी का केंद्र भी है। काज़ा, कोमिक से 19 किमी दूर है। काजा से कोमिक तक पहुंचने के लिए हिक्किम गांव से होकर यात्रा करनी होती है। जो सबसे लोकप्रिय और थोड़ा लंबा रूट है।
ठहरने की व्यवस्था
कोमिक में ठहरने के लिए स्थानीय होमस्टे और मठ के हॉस्टल अच्छे विकल्प है। मठ के पास रहने के लिए आपको प्रति दिन लगभग 100 रुपये देने होते हैं। यहाँ आपको बढ़िया खाना मिल सकता है। हालाँकि काज़ा में रहने के लिए ज्यादा सुविधाएँ हैं, तो आप वहाँ भी रुकने की व्यवस्था देख सकते हैं।
खाने-पीने की सुविधा
यहाँ कोई खास रेस्टोरंट नहीं है। लेकिन स्पीति में ही ऑर्गेनिक किचन है। जो दुनिया का सबसे ऊँचा रेस्टोरंट है। यहाँ आप स्थानीय भोजन का आनंद ले सकते हैं।
कोमिक गाँव जाने का उपयुक्त समय
कोमिक गाँव में घूमने के लिए जाने का सबसे अच्छा समय गर्मियों का है। सर्दियों के दौरान यह गाँव भारी बर्फबारी के कारण बाकी दुनिया से कटा रहता है। सर्दियों में यहाँ का तापमान -30 डिग्री सेल्सियस तक हो जाता है।
अप्रिल से ले कर मई मध्य तक यहां पर्यटन सीजन शुरू होता है। यहाँ पीक सीजन में भी पर्यटकों की अधिक भीड़ नहीं दिखती। इसलिए सीजन में भी इस पूरे क्षेत्र को सुकून से देख सकते हैं।
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