
अगर 2023 में आपने पांच कैलाश में से एक कैलाश 'श्रीखंड कैलाश ' की यात्रा का प्लान बनाया हुआ हैं तो ध्यान दीजियेगा कि ऐसा कहा जाता हैं कि इस दुर्गम यात्रा को शुरू करने से पहले आपको यही से कुछ ही किलोमीटर दूर स्थित एक गुफा में जा कर भगवान शिव के दर्शन करने चाहिए। क्योंकि इस गुफा की घटना का सम्बन्ध श्रीखंड कैलाश यात्रा से ही माना जाता हैं। हालाँकि इस जगह के बारें में काफी कम श्रद्धालु जानते हैं लेकिन जिन्होंने इस जगह के बारे में सुना हुआ हैं वें श्रीखंड यात्रा के दौरान इस गुफा की यात्रा सबसे पहले करने पहुंचते हैं।मेरे अधिकतर आर्टिकल ऐसी जगहों के बारें में ही होते हैं जहाँ काफी कम लोग ही जा पाते हैं या जिस जगह को कम ही लोग जानते हैं ,इस लेख से भी आप हिमाचल की एक नई जगह के बारें जानेंगे।

जब आप चंडीगढ़ से श्रीखंड यात्रा के बेस केम्प मतलब कि जाओं गाँव की तरफ जाते हैं तो रामपुर बुशहर से करीब 4 किमी पहले ही एक बोर्ड मुख्य सड़क पर लगा नजर आएगा जिसपर लिखा होगा कि शिवढांग गुफा के लिए बाए मुड़े। वही से निरमंड गाँव की तरफ 10 से 12 किमी कच्चे रास्ते से चलकर अगर आप आगे बढ़ेंगे तो आपको इस मंदिर तक लगभग पहुंच जाएंगे। असल में नदी किनारे एक मंदिर में यह शिवढांग गुफा बनी हैं जहाँ शिवलिंग स्थापित किया हुआ हैं। यहाँ तक पहुंचने के मंदिर से एक किलोमीटर पहले ही आपको आपकी गाडी खड़ी कर के पहाड़ी से निचे उतरना पड़ेगा।अगर आपके पास कोई पावरफुल गाडी या suv हैं तो आप गाडी निचे उतार सकते हैं। निचे उतरते ही जालीनुमा मंदिर में आप प्रवेश करेंगे जो कि नदी किनारे एक पहाड़ी पर बना हैं। मंदिर के आसपास किसी भी प्रकार की कोई दूकान नहीं मिलेगी।मंदिर में प्रवेश पर आपको लगेगा नहीं कि यहाँ अंदर एक गुफा हैं। आप जैसे ही दर्शन करने के लिए आगे बढ़ेंगे ,आप खुद को एक ऐसी गुफा के पास पाएंगे जिसका प्रवेश द्वार काफी संकरा हैं।आपको उसमें प्रवेश करते ही निचे देखने पर अँधेरे में शिवलिंग के दर्शन हो जाएंगे। आप निचे उतर कर शिवलिंग पर जल चढ़ा सकते हैं। इस गुफा में ऊपर की ओर दूसरी तरफ देखने पर एक रास्ता नजर आता हैं। उस रास्ते के बारे में बताया जाता हैं कि वह रास्ता सीधा श्रीखंड कैलाश की तरफ जाता हैं।


यहाँ के बारें में कहा जाता हैं कि भस्मासुर से बचते हुए भगवान शिव इस गुफा के अंदर प्रवेश कर गए थे और फिर इसी रास्ते से श्रीखंड कैलाश तक पहुंचे थे।यहाँ जाकर आपको थोड़ा थोड़ा ऐसा लगेगा जैसे कि आप जम्मू के शिवखोड़ी में आ गए हैं। वहां भी ऐसी ही अँधेरी गुफा में शिवलिंग के दर्शन होते हैं और वही से एक रास्ता अमरनाथ तक पहुँचता हुआ बताया जाता हैं।अपने शहर भीलवाड़ा में भी ऐसी ही एक गुफा पर मैंने एक आर्टिकल लिखा हुआ हैं,जहाँ भी शिवलिंग के दर्शन के बाद रास्ता एक पवित्र धाम तक पहुँचता हैं ,ऐसा माना जाता हैं। हालाँकि इन बातों में कितनी सच्चाई हैं यह बताना मुश्किल हैं। लेकिन इन गुफाओं का अनुभव ही अपने आप में काफी रोमांचक होता हैं जिसका अनुभव कम से कम एक बार तो सबको लेना चाहिए।


श्रीखंड यात्रा के दौरान हिमाचल के लोकल लोग इस गुफा में शिवलिंग के दर्शन करने के बाद ही श्रीखंड कैलाश की चढ़ाई चढ़ते हैं। शिवलिंग के पास से ही निकलने के संकरे रास्ते से आप वापस बाहर निकल सकते हैं। इस बार श्रीखंड यात्रा के दौरान इस जगह शिवलिंग के दर्शन करना ना भूले।
-ऋषभ भरावा