भारत के कई प्रदेशों की सुंदरता के अनुभव और यहाँ तक की हिमाचल की खूबसूरती भी यहाँ के कुछ प्रसिद्द पर्यटन स्थलों पर जाकर हमने पिछले कुछ वर्षों में अनुभव की थी लेकिन न जाने क्यूँ कुछ समय पहले तक हमने मनाली जाने का प्लान नहीं बनाया था। शायद इसके पीछे की वजह कुछ लोगों से सुने किस्से ही थे जिसमें उनका कहना कि 'कुछ नहीं है ऐसा मनाली में, सिर्फ ट्रैफिक में फसकर रह जाओ वो भी सिर्फ 2-3 जगहों को देखने के लिए' यहाँ तक कि कुछ लोगों ने ये तक कहा कि 'कोई फ्री में घुमाएं तब भी मनाली न जाएँ'। फिर एक दिन ख्याल आया कि इतने लोग इतने समय से मनाली हमारे देश के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है तो कुछ लोगों कि बाते न सुनकर क्यों न खुद एक नए तरीके से मनाली की खूबसूरती को खोजा जाये। मनाली की लोकप्रिय जगहें तो हमें देखनी ही थी लेकिन बस ख्याल आया की मनाली की वास्तविक प्राकृतिक खूबसूरती, अद्भुत शांति और सुकून देने वाली अनेक जगहें आज भी अधिकतर पर्यटकों से छिपी होंगी और बस उनमें से ही कम से कम कुछ जगहें हमें हमारी मनाली की यात्रा में जरूर शामिल करनी है।
ऐसी ही भीड़ से दूर सुकून की और ले जाने वाली जगहों की खोज में हमें मिली एक बेहतरीन जगह जिसको मनाली में छिपा एक प्राकृतिक खजाना कहना बिलकुल गलत नहीं होगा। आज हमारे इस लेख में आपको बताने वाले हैं इसी छिपे हुए बेहद खूबसूरत और सुकून से भरे झरने के बारे में जहाँ मंजिल के साथ सफर भी आपको प्रकृति के बेहद करीब ले जायेगा। चलिए शुरू करते हैं...
सजला झरना, मनाली
जैसा कि हमने आपको बताया कि सजला झरना मनाली की उन चुनिंदा जगहों में से एक है जो अभी तक अधिकतर पर्यटकों की जानकारी में नहीं है और इसीलिए आपको यहाँ वास्तव में शहर की भीड़-भाड़ से काफी दूर और प्रकृति के बेहद करीब होने का अनुभव होगा। झरने पर पहुँचने के बाद करीब 20 फ़ीट की ऊंचाई से गिरता झरना अपनी खूबसूरती से एक ही पल में आपका ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर लेगा। चारों तरफ देवदार के ऊँचे-ऊँचे पेड़ों साथ गहरे हरे रंग में रंग चुकी पहाड़ी से जब ये झरना नीचे बने एक छोटे प्राकृतिक तालाब में गिरता है तो इतनी तीव्र जलधारा के टकराने की ध्वनि आपके शरीर में बैठी नकारात्मक ऊर्जा कुछ ही क्षणों में धोकर बाहर धकेलने वाली महसूस होती है। साथ ही झरने के ठीक सामने लकड़ी से बना पुल आपको झरने के साथ शानदार फोटोग्राफी करने के लिए एक शानदार स्थान उपलब्ध करवाता है। झरने के नीचे गिरने से के साथ ही जिस पूल का निर्माण हो रहा है उसमें मौसम के अनुसार आप झरने के नीचे नहाने का आनंद भी ले सकते हैं। यहाँ बेहद सुंदरता से बहते हुए झरने और आस-पास के वातावरण को देखते हुए हमें वास्तव में प्रकृति की गोद में बैठे होने का अनुभव हो रहा था और ये पल हमेशा के लिए हमारी जिंदगी के सबसे खूबसूरत पलों में शामिल हो गए।
सजला वॉटरफॉल ट्रेक
इस शानदार झरने के लिए जिस ट्रेक को आपको पूरा करना होता है वो पूरा ट्रेक भी देवदार के घने पेड़ों के बीच से होकर गुजरता है जिसकी शुरुआत सजला गाँव से होती है। सजला गांव मनाली-नग्गर रोड पर मनाली से करीब 12 किलोमीटर दूर है और यहीं पर विष्णु जी मंदिर से शुरुआत होती है इस अद्भुत सफर की जो हमें सजला झरने तक ले जाता है। विष्णु मंदिर के थोड़ा आगे जाने पर ही जब पीछे पलटकर हमने मंदिर को देखा तो ये भी किसी दीवार पर टंगी शानदार प्राकृतिक वॉल पेंटिंग से कम नहीं लग रहा था।
यहाँ से आगे आपको चारों ओर देवदार के पेड़ दिखेंगे और बीच-बीच में पत्थरों पर बने रास्ता दिखाते निशान। इन्हीं निशानों को फॉलो करते हुए जब हम थोड़ा आगे चलते हैं तो रास्ता पूरा बर्फ से ढका मिलता है जिससे चलने में थोड़ी ज्यादा सावधानी हमें बरतनी पड़ी लेकिन यहाँ से इस ट्रेक के नज़ारे कहीं ज्यादा खूबसूरत भी हो गए थे।
चारों तरफ बर्फ से लदे देवदार के पेड़, बीच में बहती सुन्दर जलधारा, जलधारा को पार करने के लिए बने लकड़ी के छोटे-छोटे पुल और बर्फ पर फिसलने से बचते हुए हमारे बढ़ाये हुए हर कदम से साथ हम अपनी यादों में बहुत-से सुन्दर पल जोड़ते जा रहे थे। कुछ देर बाद हमें झरने का तेज़ शोर सुनाई देने लगा जो झरने के पास में ही होने का प्रमाण दे रहा था फिर वहीं से नीचे की तरफ थोड़ा आगे चलकर शुरुआत से कुल करीब 1 किलोमीटर का सफर तय करके हम झरने तक पहुँच गए और वास्तव में यह नज़ारा हमारी उम्मीदों से कहीं अधिक खूबसूरत और सुकून देने वाला था।
झरने के आस-पास की जगहें
आपको झरने के बगल में ही एक परिवार छोटे से कैफ़े को चलते हुए मिलेगा जहाँ आप कुछ मैगी, चाय और अन्य कुछ खाने पीने की चीजें ले सकते हैं। यहीं पर बैठने के लिए कुछ कुर्सियां रखी थीं और साथ में यहाँ जलता अलाव इस जगह के अनुभव को और भी अधिक शानदार बना रहा था। शहर के शोर से बहुत दूर, झरने के एकदम बगल में बोनफायर के साथ मैगी खाने का आनंद सच में बेहद खास था।
इसके अलावा बताया जाता है कि सजला झरने से आगे करीब 1 घंटे की दूरी पर सजला मंदिर भी स्थित है वहां भी आप जा सकते हैं हालाँकि हमारी यात्रा के समय अत्यधिक बर्फ की वजह से यहाँ जाना काफी मुश्किल था इसीलिए हमने झरने पर ही अधिक से अधिक समय बिताकर वापस जाना ठीक समझा।
जाने के लिए उपयुक्त समय या कोई प्रवेश शुल्क
आपको बता दें कि इस झरने के लिए बने ट्रेक में आपको जंगल से होकर गुजरना होता है जहाँ किसी भी तरह कि कोई लाइट इत्यादि आपको नहीं मिलने वाली। इसीलिए यहाँ जाने के लिए आप इस बात का जरूर ध्यान रखें कि आप सूर्यास्त तक वापस सजला गाँव पहुँच जाएँ। इसके अलावा यहाँ जाने के लिए किसी तरह का कोई प्रवेश शुल्क या प्रवेश समय जैसा कुछ नहीं है आप अपनी सुविधानुसार कभी भी इस शानदार अनुभव का आनंद ले सकते हैं।
तो मनाली में अगर आप ढूंढ रहे हैं कोई ऐसी जगह जहाँ आप सच में खुद को प्रकृति के बेहद करीब महसूस करें और वो भी बिना किसी भीड़ के तो सजला वॉटरफॉल आपकी पहली पसंद होना चाहिए। इससे जुड़ी जितनी भी जानकारी हमारे पास थी हमने आपसे इस लेख के माध्यम से साझा करने की कोशिश की है। अगर आपको ये जानकारी अच्छी लगी तो कृपया इस आर्टिकल को लाइक जरूर करें और साथ ही ऐसी ही अन्य जानकारियों के लिए आप हमें फॉलो भी कर सकते हैं।
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