हमारे देश में प्राकृतिक खूबसूरती से भरे स्थानों की कोई कमी नहीं हैं ये बात हम सभी जानते हैं। भारत को उपमहाद्वीप ऐसे ही नहीं कहाँ जाता है, यहाँ हिमालय के ऊँचे-ऊँचे बर्फ से ढके पर्वतों के साथ हरियाली की मोटी चादर ओढ़े पश्चिमी घाटों को भी आप देख सकते हैं और अनेकों सुन्दर समुद्रतटों के साथ यहाँ थार रेगिस्तान की अद्भुत खूबसूरती भी हमारे देश की अद्भुत सुंदरता में चार चाँद लगा देता है। अब चूँकि इस समय देश में भीड़ भीषण गर्मी का दौर चल रहा है इसीलिए इस समय आपका भी का मन किसी हिल स्टेशन पर पहाड़ों की ठंड में कुछ दिन सुकून से बिताने का कर ही रहा होगा। अब अगर देश के हिल स्टेशंस की बात हो तो हिमाचल प्रदेश में स्थित सबसे बड़े हिल स्टेशन मनाली को कैसे भुला जा सकता है।
दशकों से मनाली हमारे देश के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक रहा है और आज के समय में तो यहाँ पीक सीजन में पर्यटकों का हुजूम ही उमड़ पड़ता है लेकिन क्या आपको पता है कि आज भी मनाली के कुछ किलोमीटर की दुरी में ही अनेकों ऐसी छुपी हुई सुन्दर जगहें मौजूद हैं जिसे पर्यटक तो दूर खुद मनाली में रहने वाले अधिकतर लोगों ने भी अभी तक अच्छे से एक्स्प्लोर नहीं किया है। साथ ही अगर इस जगह की प्राकृतिक खूबसूरती की बात करें तो समझ लीजिये की यहाँ आपको एकदम वैसा अनुभव होने वाला है जैसे आप किसी सुन्दर वॉलपेपर में दिखने वाली जगह अचानक से प्रकट हो गए हों। तो चलिए बताते हैं आपको इस जगह की पूरी जानकारी..
जोगिनी माता सोर- पीज, कुल्लू
जैसा कि हमने आपको बताया कि यह जगह मनाली के बेहद पास स्थित एक छिपा हुआ रत्न है जिसकी प्राकृतिक खूबसूरती आपको इस जगह का एक ही झटके में दीवाना बना देगी। मनाली मॉल रोड से करीब 50 किलोमीटर दूर और कुल्लू शहर से करीब 10 किलोमीटर पीज नाम का गाँव स्थित है जहाँ स्थित नौणी माता मंदिर की ओर जाती सड़क पर यह स्थान स्थित है जहाँ चारों तरफ हरी-भरी घास का मैदान और बीच में एक छोटी प्राकृतिक झील भी है। साथ ही सामने की ओर कुल्लू घाटी का संपूर्ण आकर्षक दृश्य और उसी शानदार नज़ारे के साथ इस घास के मैदान में एक तरफ बीचों-बीच लगा एक सुन्दर वृक्ष इस स्थान को वास्तव में किसी सुन्दर वॉल पेंटिंग जैसा बना देता है। इस पेड़ के नीचे बैठकर जब आप सामने कुल्लू घाटी का सुन्दर नज़ारा देखते हुए कुछ समय बिताएंगे तो यकीन मानिये यहाँ बिताया हर पल आपके लिए हमेशा के लिए यादगार बन जाने वाला होगा।
घास के मैदान के बीच सिर्फ एक पेड़ दे रहा अद्भुत खूबसूरती
जैसा कि हमने आपको बताया कि यहाँ पहाड़ी के एक टॉप पर हरी-भरी घास के मैदान के के बीच एक सुन्दर छोटी-सी झील इस स्थान को एक अनूठी सुंदरता प्रदान कर रही है। साथ ही यहाँ इस झील के एक किनारे से जब आप कुल्लू घाटी की तरफ देखते हैं तो यहाँ इस सुन्दर घास से ढकी सुन्दर पहाड़ी के एक ओर सिर्फ एक पेड़ दिखाई देता है। यकीन मानिये की फोटोग्राफर्स के लिए तो नज़ारा किसी स्वर्ग से कम बिलकुल नहीं होगा साथ ही जब आप अपनी आँखों से भी इस नज़ारे को देखेंगे तो भी यह बेहद अद्भुत दिखाई देने वाला है।
कुल्लू घाटी का अद्भुत नज़ारा बनाता है इसे सबसे सुकून भरी जगह
इस स्थान की खूबसूरती को कई गुना कर देने वाले वृक्ष के बारे में तो हमने आपको बता ही दिया है लेकिन आपको बता दें कि इस पेड़ के नीचे हरी-भरी घास पर बैठकर ताज़ी हवाओं को महसूस करते हुए जब आप सामने नीचे की ओर बहती ब्यास नदी और उसके साथ पूरी कुल्लू घाटी का सुन्दर नज़ारा देखेंगे तो यकीन मानिये यहाँ गुजारा हुआ हर एक पल आपके पार्टनर के साथ बिताये सबसे सुकून भरे पलों में शामिल हो जायेगा।
साथ ही आपको बता दें कि यहाँ से आपको सामने की ओर नीचे कुल्लू हवाईअड्डे (भुंतर एयरपोर्ट) का सुन्दर दृश्य भी दिखाई देता है और साथ ही सामने ब्यास नदी के दूसरी तरफ मौजूद विशाल पहाड़ी पर स्थित बेहद प्रसिद्ध और धार्मिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण बिजली महादेव मंदिर भी आपको यहाँ से दिखाई देगा। वास्तव में इस स्थान की अद्भुत खूबसूरती और यहाँ से दिखता ये पूरा नज़ारा आपको इस जगह पर ज्यादा से ज्यादा समय बिताने के लिए मजबूर कर देगा।
पास में ही स्थित है नौणी माता मंदिर का पवित्र स्थान
ऊपर बताये सुन्दर स्थान पर कुछ समय बिताने के बाद आप यहाँ से कुछ दूर उसी रोड पर चलते हुए ऊपर वाली सड़क पकड़कर नौणी माता मंदिर पहुँच सकते हैं। जहाँ माता के दर्शनों के साथ हिमाचली शैली में बने इस खूबसूरत मंदिर और मंदिर के साथ ही बने प्राकृतिक घास के समतल मैदान पर खेलते हुए बच्चों को देखकर आपको सुकून का असली मतलब समझ आ जायेगा। यहाँ इस सपाट घास के मैदान पर किसी पेड़ की छाँव में बैठकर सामने की घाटी का सुन्दर दृश्य सच में आपसे यहाँ से वापस न जाने के लिए आप पर दबाव बनाने लगेगा। साथ ही जैसा हमने पहले ही आपको बताया कि यह जगह पर्यटकों से एकदम छिपी हुई है इसीलिए यहाँ आपको भीड़ भी बिलकुल भी नहीं मिलने वाली जिससे आप सुकून से इस पवित्र स्थान पर कुछ समय बिता सकते हैं।
इसके साथ ही आपको बता दें कि यह एक पवित्र स्थान है तो हमारा आपसे आग्रह है कि जब भी आप यहाँ जाएँ, गंदगी बिलकुल न फैलाएं और इस अद्भुत स्थान की स्वछता और पवित्रता को बनाये रखें।
खाने पीने की और अन्य सुविधाएँ
जैसा कि हम आपको बता चुके हैं कि यह स्थान अभी तक पर्यटकों की पहुँच से दूर है और इसीलिए आपको यह स्थान बिलकुल भी कमर्शियल नहीं लगने वाला और इसी वजह से यहाँ आपको कोई रेस्टोरेंट, ढाबा आदि नहीं मिलने वाला। तो अगर आप यहाँ जाने वाले हैं तो कुल्लू शहर से ही अपने खाने-पीने का सामान खरीद सकते हैं क्योंकि इस अनूठे स्थान के पास आपको कुछ पारम्परिक जीवनशैली वाले हिमाचली गाँव तो दिखेंगे लेकिन इसके अलावा यहाँ कोई दुकान, कैफ़े या फिर ढाबे आदि आपको नहीं मिलने वाले हैं।
पीज कैसे पहुंचे?
अगर आप मनाली से पीज तक जाने का प्लान कर रहे हैं तो आपको बता दें कि पहले आपको मनाली से कुल्लू जाना होगा। कुल्लू पहुंचकर आप लुग वैली रोड पर चलते हुए पीज गाँव तक पहुँच जायेंगे। मनाली से कुल्लू की बात करें तो इसकी दुरी करीब 40 किलोमीटर है और मनाली से कुल्लू पहुंचकर आप लुग वैली रोड पर चलते हुए कुल्लू से करीब 10 किलोमीटर दूर पीज गाँव पहुँच जायेंगे। पीज पहुँचने पर जहाँ आपको गाँव दिखे वहीं आपको ऊपर एक ऊपर की तरफ जाती सड़क दिखेगी जिस पर करीब 500 मीटर चलकर आप नौणी माता मंदिर तक पहुँच जायेंगे और पीज पहुंचकर जहाँ से नौणी माता के लिए ऊपर की तरफ रास्ता दिखाई देगा वहीं से करीब 100-200 मीटर पीछे आपको जोगिनी माता मंदिर और वो छोटी झील व घास के मैदान वाली वॉलपेपर जैसी जगह भी दिखाई देगी।
आपको बता दें कि वैसे तो कुल्लू से पीज की अधिकतर सड़क ठीक स्थिति में है लेकिन इस सुन्दर स्थान तक पहुँचने से करीब 2 किलोमीटर पहले आपको सड़क की स्थिति बेहद खराब मिलने वाली है।
तो इसी तरह अगर आप अपनी अगली मनाली की यात्रा में एकदम शांति और सुकून से भरी किसी जगह पर जाना चाहते हैं तो पीज में स्थित इस पवित्र स्थान को आपको होनी यात्रा में जरूर शामिल करना चाहिए। इससे जुड़ी जितनी भी जानकारी हमारे पास थी हमने आपसे इस लेख के माध्यम से साझा करने की कोशिश की है। अगर आपको ये जानकारी अच्छी लगी तो कृपया इस आर्टिकल को लाइक जरूर करें और साथ ही ऐसी ही अन्य जानकारियों के लिए आप हमें फॉलो भी कर सकते हैं।
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