चैल शिमला से 44 किलोमीटर (27 मील) और सोलन से 45 किलोमीटर (28 मील) दूर है । यह अपनी कुदरती सुंदरता और मनमोहक जंगलों के लिए जाना जाता है।
चैल पैलेस अपनी वास्तुकला के लिए बहुत प्रसिद है ।
चायल के बारे में एक और दिलचस्प जानकारी है कि वहां पर दुनिया का सबसे ऊंचा क्रिकेट का मैदान है, ये महाराजा पटियाला ने बनाया था।
यहां 2,444 मीटर की ऊंचाई पर मौजूद क्रिकेट मैदान और पोलो मैदान दोनों खास स्थान हैं
चायल का भी अपना एक इतिहास है। महाराजा पटियाला का बसाया हुआ ये कस्बा है क्योंकि शिमला के माल रोड पर अंग्रेजों ने लिखकर लगा रखा था, भारतीय लोग इस पर नहीं आ सकते। ये बात उन्हें खल गयी और इस जगह को बसाया गया।
इस कस्बे में सभ से पहले पहले पटियाला के महारजा भूपिंदर सिंह ने गुरद्वारा साहिब का निर्माण करवाया , उसके बाद चैल पैलेस बनाया गया |
अपनी प्राकृतिक सुंदरता और हरी-भरी घाटियों के लिए, पर्यटक शहर चैल साल भर देश-विदेश से हजारों पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। वैसे तो चैल में देखने के लिए बहुत कुछ है, लेकिन महाराजा पटियाला का शाही महल यानि चैल पैलेस आज भी शाही वैभव रखता है। इस पत्थर के नक्काशीदार महल में कला का एक अद्भुत नमूना देखा जा सकता है।
सौ साल से भी ज्यादा पुराना यह महल देवदार के घने पेड़ों के बीच अपनी खूबसूरती के लिए मशहूर है। बेशक, रियासतों के दिनों में यहां केवल राजा ही इकट्ठा होते थे, लेकिन अब कोई भी वहां जा सकता है। चैल पैलेस जहां पर्यटकों को आकर्षित करता है वहीं यह बॉलीवुड को भी अपनी ओर आकर्षित करता है। यहां अब तक कई फिल्मों और सीरियल की शूटिंग हो चुकी है।
अंग्रेजों के समय में अंग्रेजों ने शिमला को अपनी ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाया था। महाराजा पटियाला भूपिंदर सिंह भी अक्सर गर्मियों में शिमला आते थे।
अंग्रेजों ने महाराजा पटियाला भूपिंदर सिंह के शिमला में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया। महाराजा ने अपने गौरव के लिए शिमला से भी ऊंचा शहर बनाने का फैसला किया और चैल पैलेस का निर्माण किया। उन्होंने शिमला से लगभग 44 किमी दूर सोलन जिले के एक छोटे से गाँव चैल में अपना साम्राज्य स्थापित किया, जो शिमला की ओर है।
राज्य सरकार ने इस जमीन को 1971 में पटियाला के महाराजा से लगभग 22 लाख रुपये में खरीदा था और 1972 में इस विला में राज्य पर्यटन विकास निगम होटल खोला गया था, जिसे अब चैल पैलेस होटल के नाम से जाना जाता है। चैल पैलेस की 352 बीघा जमीन पर्यटन विभाग के नाम है। नीले पत्थरों और हरे भरे लॉन, ऊंचे घने देवदार के पेड़ों से बने इस महल की खूबसूरती हर आने-जाने वाले को अपनी ओर आकर्षित करती है। चैल पैलेस हर साल एक लाख से अधिक सैलानियों को आकर्षित करता है।
चायल के बारे में एक और दिलचस्प जानकारी है कि वहां पर दुनिया का सबसे ऊंचा क्रिकेट का मैदान है, ये महाराजा पटियाला ने बनाया था। यहां पर उनका एक महल भी है जिसको अजायबघर में तब्दील कर दिया गया है इसको लोग टिकट खरीद कर देखने जाते हैं।