आज मैं एक अद्भुत जगह के बारे में बात करने जा रही हूँ। इंडिया में हज़ारों ऐसी जगह जो ट्रैवल के हिसाब से काफी बढ़िया है और लोग उसके बारे में जानते ही नहीं है। मैंने जब अपने घरवालों को बताया कि मैं हम्पी जा रही हूँ, उनको गूगल करना पड़ा। कोई आइडिया ही नहीं था। उत्तर में तो लोग हम्पी के बारे में लोग और भी काम जानते हैं। और अगर हम्पी के बारे में बात की जाए तो यूनेस्को द्वारा हम्पी को हेरिटेज साइट की उपाधि दी गयी है। इंडिया में सिर्फ 38 जगह को यह उपाधि प्राप्त है। अब इसको हम इंडिया टूरिज़म की नाकामी कहें या लोगों की अज्ञानता। चलिए छोड़िए, मैं और श्रीति इस ट्रिप पर गए भी और खूब एन्जॉय भी किया। मुंबई से हम्पी लगभग 750 कि.मी. दूर है, वॉल्वो से जाने पर हम यह दुरी लगभग 14 घंटो में कवर कर पाए। बहुत ही अनोखी जगह है हम्पी, हमने यहाँ तीन दिन और दो रातें गुज़ारी। आइए ले चलते हैं आपको हम्पी की सैर पर:
हम्पी: कर्नाटक का खज़ाना
अगर आप टिपिकल टूरिस्ट हैं तो हम्पी शायद आपको पहली नज़र में ना भाए। पारंपरिक को पीछे छोड़ना पड़ेगा अगर हम्पी को पूरी तरह से एन्जॉय करना चाहते हैं। हम्पी आपको कुछ नया देखने और एक्सपीरियंस करने का मौका देता है। बड़ी बड़ी चट्टानों, पुराने टूटे मंदिर और संस्कृति के बीच में फांसी हुई यह जगह हम्पी की अपनी अलग पहचान है। हम लगभग 10 बजे हम्पी पहुँचे और बस ने हमें एक नदी के पास उतारा। यह नदी ही सबसे ज़रूरी चीज़ है पूरी हम्पी में क्योंकि हम्पी को दो अलग अलग दुनिया में बाँटने में इस नदी को बहुत बड़ा योगदान है।
नदी के एक साइड है मुख्य गाँव जहाँ आपको प्राचीन मंदिर और स्मारक मिल जाएँगे। और नदी के दूसरी तरफ है 'हिप्पी आइलैंड' जो हिप्पी स्वर्ग के सामान है। मंदिरों और स्मारक को देखने दूर दूर से लोग आते हैं, वहाँ आपको फैमिली से सोलो हर प्रकार के यात्री मिलेंगे। असल में यह जगह प्राचीन काल की याद दिलाती है। हम्पी पुराने समय में विजयनगर की राजधानी थी। आपको शायद लगेगा आप बाहुबली के सेट पर हो पर यह सेट नहीं, असल ज़िन्दगी है जिसे राजा महाराजाओं ने बखूबी जिया भी था और बहुत ही ख़ूबसूरती से बनवाया भी था। आर्किटेक्चर तो आप का दिल जीत लेगा।
कृष्णा मंदिर
कृष्णा मंदिर जाना जाता है अपनी दीवार पर नक्काशी के लिए जिस पर बहुत ही ख़ूबसूरती से विष्णु जी के 10 अवतार को दर्शाया गया है। एक वाटर टैंक जिसको स्थानीय लोग पुष्करणी भी बोलते हैं आर्किटेक्चर का खूबसूरत नज़ारा है।
नरसिम्हा मंदिर
कृष्णा मंदिर से 300 मीटर दूर हम्पी को दो सबसे विशाल और आकर्षक चीज़ें है। एक विशाल शिवलिंग जिसकी ऊँचाई 3 मीटर है और नरसिम्हा जी के मूर्ती जिसकी ऊँचाई 7 मीटर के करीब है।
सूर्यास्त के करीब आपको हेमकुटा पहाड़ी मंदिर पर ज़रूर जाना चाहिए जहाँ से डूबते हुए सूरज के सामने बैठकर गाओं का नज़ारा देखने का अपना ही मज़ा है। इसके आलावा विरुपक्षा मंदिर भी एक बहुत खूबसूरत जगह है देखने के लिए। इसी के साथ हमारा दिन समाप्त हुआ। नदी पार करने के लिए हम एक लकड़ी और भूसे की बनायीं हुई कश्ती पर सवार होकर गए।
अगले दिन हमने रॉक क्लाइम्बिंग के लिए बचा के रखा हुआ था। हम्पी आइलैंड पर छोटे- छोटे कैफ़े है जहाँ पर आपको बढ़िया खाना मिल जाएगा। तो ऑमलेट और पैनकेक के हैवी ब्रेकफास्ट के बाद हम एक ग्रुप के साथरोक कलिमबिंग के लिए निकले। यहाँ आपको बहुत से विदेशी पीठ के पीछे गद्दा ले जाते हुए दिखेंगे, जैसे ही आपको यह दिखें तो समझ जाना कि यह रॉक क्लाइम्बिंग के लिए जा रहे हैं। रॉक क्लाइम्बिंग आसान से मुश्किल, हर तरह के क्लाइम्बर्स के लिए है। हम जैसे नौसिखिये भी अपना गद्दा लेकर पहुँच गए। हम्पी आइलैंड में आपको काफी सारे लोग मिल जाएँगे जो ऐसे ग्रुप लेकर जाते हैं। श्रीति तो घाबरिाई हुई थी पर बेस्ट फ्रेंड होने के नाते मैंने उससे काफी एनकरेज किया। देखते ही देखते शाम हो गयी और हमने अपनी आखरी चटान पर गद्दा बिछा कर सूर्यास्त का मज़ा लिया।
हम्पी का मज़ा लेने के लिए आप स्कूटी और मोपेट भाड़े पर ले सकते हो। ₹200- ₹400 प्रति दिन के हिसाब से यह ऑप्शन बहुत ही बढ़िया और मज़ेदार है क्योंकि आप आसानी से पूरा आइलैंड घूम पाओगे। आपको यहाँ पर हिप्पी कल्चर को काफी पास से देखने का मौका भी मिलेगा, इसीलिए कैफ़े के नाम भी कुछ ऐसे ही हैं। 'बॉब मार्ले लॉज' से लेकर 'द लाफिंग बुद्धा' तक सब यहाँ पर मौजूद है। तभी नदी के उस पार कि दुनिया इस पार कि दुनिया से एक दम अलग लगती है।
अगले दिन हमारी दोपहर की बस थी, तो हमने लेट नाश्ता करके पैदल थोड़ा आइलैंड घुमा। झुमके और हार लिए (हिप्पी स्टाइल) और एक फेक टैटू भी बनवाया। कसम से जाने का मन तो नहीं था क्योंकि इस नयी दुनिया से अभी अभी तो जान पहचान हुई थी। वापिस आकर मैंने अपने सारे दोस्तों को हम्पी जाने की सलाह दी। आपको भी यही हिदायत देती हूँ कि ट्रैवल में एक्सपेरिमेंट करते रहे, क्या पता कब कहाँ कोई नगीना दिख जाए। हम्पी भी एक ऐसा ही नगीना है, आप सब ज़रूर जाएँ।