मध्यप्रदेश के उत्तर भाग में प्रदेश की राजधानी भोपाल से तकरीबन 400 किमी दूर और दिल्ली से 328 किमी दूर एक ईतिहासिक शहर है गवालियर| यह शहर अपने किले, महल, पैलेस और मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है| गवालियर किला विश्व विरासत सथल की सूची में भी शामिल हैं| यह शहर मराठाओं की राजधानी भी रह चुका है|
गवालियर का ईतिहास आठवीं सदी से मिलता है| दसवीं शताब्दी में कछवाहा राजाओं ने गवालियर पर राज किया| चौदहवीं सदी में तोमर राजपूतों ने गवालियर पर राज किया| अकबर के राज्य में मशहूर संगीतकार तानसेन का संबंध भी गवालियर से था|
गवालियर शहर में घूमने के लिए बहुत सारी जगहें है| आप गवालियर को एक दिन में आटो या कैब करके घूम सकते हैं| मैं पंजाब मेल रेलगाड़ी से दोपहर को गवालियर पहुंचा था | आटो करके गवालियर की अलग अलग जगहों को घूम कर रात को गवालियर किले के अंदर बने शानदार गुरुद्वारा बंदीछोड़ साहिब में रात गुजार कर अगले दिन भोपाल की तरफ चला गया था| इस पोस्ट में गवालियर शहर में घूमने वाली खूबसूरत जगहों की जानकारी दूंगा| जहाँ मैं गया था|
1. गवालियर किला
गवालियर में घूमने के लिए सबसे महत्वपूर्ण जगह है गवालियर किला| यह किला भारत के मशहूर किलों में से एक है| यह किला यूनेस्को विश्व विरासत स्थल में शामिल हैं | यह किला एक ऊंची पहाड़ी पर बना हुआ है| जहाँ से पूरे गवालियर शहर का खूबसूरत नजारा दिखाई देता है| मैं आटो से किले के मेन दरवाजे के बाहर पहुंच गया था| वहाँ से तीखी चढ़ाई चढ़कर आप किले में प्रवेश करते हो | गवालियर किले में बहुत खूबसूरत महल है जो देखने लायक है|
मान सिंह महल- इस खूबसूरत महल को 1508 ईसवीं में राजा मान सिंह तोमर ने बनाया है| इस महल को नीले और पीले रंग की टाईलस से बनाया गया है जो देखने में बहुत आकर्षित लगती है | यहाँ पर आपको लाईट एंड साऊंड शो भी दिखाया जाता है| इस महल में की हुई कलाकारी बहुत शानदार है| इस महल के कमरों में एक झूलाघर और केसर कुंड नाम के कमरे बने हुए हैं|
पुरातत्व विभाग संग्रहालय -गवालियर किले के अंदर पुरातत्व विभाग का शानदार संग्रहालय बना हुआ है जिसको भारतीय पुरातत्व विभाग ने 1993 में बनाया था| इसमें पहली सदी से लेकर सतारवीं सदी से संबंधित मूर्तियों को रखा गया है| इस संग्रहालय में फोटोग्राफी मना है |
सास बहू मंदिर - गवालियर किले में एक और शानदार जगह है सास बहू मंदिर | ऐसा कहा जाता है यहाँ सास और बहू दोनों मिलकर पूजा करने के लिए आती थी | इस मंदिर को कुशवाहा वंश के राजा ने बनाया था| इस मंदिर की खूबसूरती अलौकिक है |
गुरुद्वारा बंदी छोड़ साहिब- गवालियर किले में सिख धर्म से संबंधित ईतिहासिक गुरुद्वारा बना हुआ है जो सिखों के छठे गुरु हरगोबिन्द जी से जुड़ा हुआ है| गुरु जी ने गवालियर किले से 52 बंदी राजाओं को छुड़वाया जिस वजह से उनको बंदी छोड़ भी कहा जाता है| आप किले में इस खूबसूरत गुरुद्वारा साहिब में दर्शन कर सकते हो | गुरुद्वारा साहिब की संगमरमर से बनी हुई ईमारत बहुत शानदार है |
2. जय विलास पैलेस - गवालियर शहर में सिंधिया राजाओं का बनाया खूबसूरत जय विलास पैलेस देखने लायक है| इस पैलेस को जय जी राओ ने बनाया है| इस पैलेस की खूबसूरती लाजवाब है| पैलेस के डाईनिंग हाल में चांदी की छोटी रेलगाड़ी बनी हुई है जिससे खाना परोसा जाता था| यहाँ सिंधिया परिवार से संबंधित फोटोज, सामान आदि रखा हुआ है| आप इस पैलेस में दो घंटे आराम से लगा सकते हो|
3. तानसेन और गौस मुहम्मद का मकबरा- गवालियर शहर में ही अकबर के नौ रत्नों में से एक मशहूर संगीतकार तानसेन और उनके गुरु गौस मुहम्मद का मकबरा बना हुआ है| ऐसा कहा जाता है जब तानसेन राग मेघ मलहार गाते थे तो बारिश हो जाती थी| उनकी याद में हर साल दिसंबर में तानसेन संगीत समारोह का आयोजन किया जाता है| गौस मुहम्मद का मकबरा बहुत खूबसूरत बना हुआ है | तानसेन का मकबरा सादा है | यह मकबरे गुरु शिष्य के प्रेम का प्रतीक है|
सूर्य मंदिर- गवालियर में एक खूबसूरत सूर्य मंदिर बना हुआ है जो कोणार्क के सूर्य मंदिर की लगता है | इस मंदिर की कलाकारी शानदार है| आप जब गवालियर घूमने आए तो इस सूर्य मंदिर को भी देख सकते हो|
एक दिन में गवालियर की इन खूबसूरत जगहों की यात्रा करके मैं भोपाल की तरफ बढ़ गया| मुझे ऐसे शहर बहुत खूबसूरत लगते हैं जहाँ आपको ईतिहास, हैरीटेज, कला एक जगह पर ही देखने के लिए मिल जाऐगे गवालियर उन शहरों में एक है| गवालियर शहर में रहने के लिए आपको हर प्रकार के होटल, गैसट हाऊस आदि मिल जाऐगे| गवालियर रेलमार्ग से दिल्ली, मुम्बई, हैदराबाद, चेन्नई आदि सभी शहरों से जुड़ा है| ईतिहास और हैरीटेज को करीब से देखने के लिए गवालियर एक अच्छा शहर है|