दिल्ली-एनसीआर में खाने की अनसुनी जगहें
घूमना और अच्छा खाना प्राय: सबको पसंद होता है। बिना लाग-लपेट के कहें तो घुमक्कड़ चटोरा भी होता है । दिल्ली में पुरानी दिल्ली के खाने की बहुत सी जगहों के बारे में पढ़ा, सुना और खाया होगा मसलन - परांठे वाली गली के परांठे, दिल्ली-6 के आलू टिक्की, छोले कुलचे और चाट पापड़ी। जामा मस्जिद के पास की बिरयानी और कबाब। आज मैं दिल्ली एनसीआर के कुछ अनसुने जगहों के बारे के बारे में बताऊँगी।
1. मुगल गार्डन के सामने ब्रेड पकौड़ा/वड़ा के साथ आलू की सब्जी - विभिन्न रंगों के गुलाबों के लिए प्रसिद्ध भारत के राष्ट्रपति भवन के अंदर का मुगल गार्डन जो साल में सिर्फ एक महीने के लिए फरवरी/मार्च में खुलता है और पर्यटकों की भीड़ उमड़ पड़ती है। एंट्री गेट से लगभग सौ मीटर की दूरी पर रोड के दूसरी तरफ एक चाय पकौड़ी की छोटी सी दुकान है जिसमें चिप्स, पानी व नेताजी जैकेट भी बिकते हैं। उसके सामने खुले में ब्रेड पकौड़े और उड़द दाल के वड़े के साथ आलू की पतली रसे वाली सब्जी परोसी जाती है जो स्वाद के मामले में और जगहों से भिन्न है। मैंने वड़े और ब्रेड पकौड़े के साथ पहली बार आलू की सब्जी चखी , बेहद स्वादिष्ट..तो इस बार अगर मुगल गार्डन का प्लान बने तो पकौड़े/वड़े और सब्जी चखना ना भूलें।
2. सीआर (चित्तरंजन पार्क) के समोसे- सीआर पार्क यानी दिल्ली में बंगाल। यहाँ बंगाली खान पान और संस्कृति से जुड़ी हर चीज़ मिल जाती है। पिकू .. फिल्म तो याद होगी ही। सीआर पार्क के डीडीए मार्केट का हर फूड आइटम टेस्टी है चाहे वह टिक्का हो या रसगुल्ला पर, समोसे...उसकी बात अलग है जिसका स्वाद उसे और जगहों से भिन्न बनाता है। मैंने उससे ज्यादा टेस्टी समोसे आज तक नहीं खाएँ...तो सबका टेस्ट करना तो बनता है ना..!
3. गाजियाबाद की बालूशाही- गाजियाबाद शहर अपनी बालूशाही के लिए प्रसिद्ध है। बालूशाही मैदे से बनाई जाने वाली मिठाई है। पुराने शहर की कुछ मशहूर दुकानें हैं जहाँ की बालूशाही निश्चय ही और जगहों से ज्यादा स्वादिष्ट है। गाजियाबाद से मेरठ/हरिद्वार रोड पर स्थित राजनगर एक्सटेंशन इलाके का हीरा स्वीट्स अपने बालूशाही के लिए जाना जाता है। यहाँ के बालूशाही की खासियत ये होती है कि ये बेहद हल्के होते हैं, मुँह में जाते ही घुल जाते हैं और मीठे का संतुलन भी बढ़िया। इसका स्वाद और भी बढ़ जाता है अगर ये गरमागरम खाए जाएँ।
4. वसुंधरा सेक्टर -15 का डोसा - गाजियाबाद विकास प्राधिकरण द्वारा बसाया गया वसुंधरा 18 सेक्टर्स में बंटा हुआ है। सेक्टर 15 और 17 को जोड़ने वाली मुख्य सड़क के एक तरफ छोटी सी दुकान है - चेन्नई डोसा। ये एक हाउसवाइफ चलाती हैं , दोपहर चार बजे से रात नौ बजे तक। उनके डोसे का व्यावसायीकरण नहीं हुआ है, शायद इसीलिए बड़ी दुकानों में खाए गए डोसे से अलग और बढ़िया स्वाद पाएँगे आप यहाँ।
5. गुड़गांव सेक्टर -4 की पाव भाजी - पाव भाजी यूँ तो मराठी स्ट्रीट फूड है पर हमने इसे प्यार दिया कि बिलकुल छोले - भटूरा सरीखी प्यारी लगने लगी है। गुड़गांव साइबर सिटी और सिटी ऑफ मॉल्स के रूप में जानी जाती है। न्यू गुडगांव अपने पब्स और बार के लिए प्रसिद्ध और साथ ही विदेशी व्यंजन भी। अगर आप पार्टी फ्रीक हैं तो न्यू गुडगांव का रुख करें। मैं यहाँ ओल्ड गुड़गांव की पाव भाजी का स्वाद बता रही हूँ। सेक्टर 4 के हुडा मार्केट में छोटा सा ठेला है जिस पर 'बाम्बे बेस्ट पाव भाजी' लिखा मिलेगा। सुबह से लगभग 2 बजे तक वो खाली ही रहता है और उसके बाद इतनी भीड़ होती है कि आपको अपने आर्डर के लिए 35-40 मिनट खड़ा रहना पड़ सकता है। सामने में अमूल बटर में सेंके हुए पाव और भाजी जिसकी खुशबू राह चलते लोगों को अपनी ओर खींच लेती है। पेड़ के नीचे ठेला और आस पास रखें दस - बारह मूढ़े, बस इतनी सी ही जगह है वहाँ और भीड़ कम से कम 75-80 लोगों की। तो गुड़गांव में सिर्फ पब्स और बार्स ही नहीं है, बाम्बे बेस्ट पाव भाजी भी है जिसे एक बार चखना तो बनता है।
6. बीकानेर की मावा-कचौड़ी- दिल्ली-एनसीआर में ज्यादातर स्वीट शाॅप 'अगरवाल' और 'बीकानेर' नाम से ही हैं इसके लिए बीकानेर वाले चाहें तो घमंड कर सकते हैं। हर अगरवाल और बीकानेर की गुणवत्ता एक जैसी नहीं होती और न ही स्वाद। गुड़गांव के सेक्टर सात एक्सटेंशन स्थित बीकानेर की मावा-कचौड़ी बेहतरीन है। दस से ज्यादा सालों से दिल्ली-एनसीआर में रहते हुए बहुत से दुकानों (बीकानेर) के स्वाद को चखते हुए यहाँ के बारे में लिख रही हूँ। इस बीकानेर की खासियत इसकी खूबसूरती और साफ सफाई भी है। हालांकि यहाँ की मावा कचौड़ी बेहतरीन है पर बाकी सारी की सारी चीज़ें स्वादिष्ट होती है।
तो अगली बार अगर दिल्ली एनसीआर घूमना हो तो स्वादिष्ट खाने के लिए दिल्ली-6 पर ही निर्भर न रहें, बाहर भी देखें।