गोवा घूमने जा रहे हैं, तो यह ज़रूर जान लें...
गोवा के लंबे इतिहास की जड़ें प्रागैतिहासिक काल तक जातीं हैं। ]]
ताम्बळी सुरला महादेव मंदिर जिसका निर्माण १२वीं शताब्दी में हुआ था। यह उन गिने-चुने मंदिरों में से है जिन्हें आततायी नष्ट नहीं कर पाये।
गोवा के प्राचीन इतिहास का आरम्भ तीसरी सदी इसा पूर्व से शुरु होती है जब यहाँ मौर्य वंश के शासन की स्थापना हुई थी। बाद में पहली सदी के आरम्भ में इस पर कोल्हापुर के सातवाहन वंश के शासकों का अधिकार स्थापित हुआ और फिर बादामी के चालुक्य शासकों ने इसपर 580 इसवी से 750 इसवी पर राज किया।
विजयनगर-
इसके बाद के सालों में इस पर कई अलग अलग शासकों ने अधिकार किया। 1312 इसवी में गोवा पहली बार दिल्ली सल्तनत के अधीन हुआ लेकिन उन्हें विजयनगर के शासक हरिहर प्रथम द्वारा वहाँ से खदेड़ दिया गया। अगले सौ सालों तक विजयनगर के शासकों ने यहाँ शासन किया और 1469 में गुलबर्ग के बहामी सुल्तान द्वारा फिर से दिल्ली सल्तनत का हिस्सा बनाया गया। बहामी शासकों के पतन के बाद बीजापुर के आदिल शाह का यहाँ कब्जा हुआ जिसने गोअ-वेल्हा हो अपनी दूसरी राजधानी बनाई।
पुर्तगाली आगमन-
1498 में वास्को डी गामा यहाँ आनेवाला पहला युरोपीय यात्री बना जो समुद्र के रास्ते यहाँ आया था। उसके इस सफल अभियान ने युरोप की अन्य शक्तियों को भारत पहुँचने के लिये दूसरे समुद्री रास्तों की तलाश के लिये प्रेरित किया क्योंकि तुर्कों द्वारा पारंपरिक स्थल मार्गों को बंद कर दिया गया था। 1510 में पुर्तगाली नौसेना द्वारा तत्कालीन स्थानीय मुगल राजा को पराजित कर पुर्तगालियों ने यहाँ के कुछ क्षेत्रों पर अपना अधिकार स्थापित किया गया। यहाँ वे अपना एक आधार बनाना चाहते थे जहाँ से वे मसालों का व्यापार कर सकें। सोलहवीं सदी के मध्य तक पुर्तगालियों ने आज के गोवा क्षेत्र में पूरी तरह अपनी स्थिती सुदृढ कर ली थी।
आर्थिक इतिहास-
सत्रहवीं शताब्दी से सन १९५८ तक गोवा की मुद्रा रुपया थी। सन १८७१ के बाद गोवा में प्रयोग होने वाले सिक्के कलकत्ता में बनाये गए। यह सिक्के वज़न और चांदी के माप में ब्रिटिश इंडिया के सिक्कों जैसे ही थे। इससे गोवा और बाकी भारत में व्यापार में सरलता हुई। १९५८ में पुर्तगाल सरकार ने गोवा की मुद्रा रूपये से बदल के एस्कुडो कर दी, १ पुराना रुपया ६ एस्कुडो के बराबर था।
भारतीय अधिकरण-
19 दिसंबर, 1961 को भारतीय सेना ने यहाँ आक्रमण कर इस क्षेत्र को मुक्त करवाया और गोवा भारत में शामिल हुआ। गोवा तथा इसके उपक्षेत्र दमन एवं दीव को भारत में संविधान के एक संघीय क्षेत्र के रूप में शामिल किया गया। लेकिन 30 मई 1987 को गोवा 56 वां संविधान संशोधन के तहत इसे अलग राज्य का दर्जा दिया गया तथा गोवा भारत का 25 वाँ राज्य बना।
12 गोवा के पर्यटन स्थल
आनंद की नैया में सवार लोग आपको हर किनारे पर खिलखिलाते दिखेंगे। आइए, अब गोवा की कुछ खूबसूरत जगहों की सैर की जाए:
पालोलेम बीच – शांतिप्रिय वातावरण का स्थान
बागा बीच – पैरासीलिंग व बनाना राईड का आनंद
दुधसागर वॉटरफॉल – दूध जैसे पानी का स्थान
बॉम जिसस बसिलिका – धार्मिकता का प्रतीक
अगुआडा किला – उम्दा तस्वीरों का मूल स्थान
सैटर्डे नाईट मार्केट – खरीदारों का केंद्र
मंगेशी मंदिर – शिव मंदिर की पावनता
नेवेल एविएशन म्यूजियम – भारत का एकमात्र नेवल म्येज़ियम
टीटो नाईटक्लब – पार्टी का परिंदा
मार्टिन कॉर्नर – सीफूड का केंद्र
अंजुना बीच – सबसे प्रचीन बीच
चोराओ द्वीप – प्रकृति
गोवा जाने का उचित समय---------
अगर आप गोवा जाकर एक बेहतरीन याद को सँजोना चाहते हैं तो अक्टूबर से जनवरी का समय सबसे उचित माना जाता है। इस दौरान देश-विदेशों के पर्यटकों की भारी भीड़ यहाँ उमड़ती है। यहाँ का नए साल का उत्सव विश्वभर में मशहूर है। इस समय विभिन्न जगहों से लोग क्रिसमस व नए साल के लिए छुट्टियाँ लेकर आते है। इस वक्त आपको यहाँ कुछ चर्चित हस्तियाँ भी उत्सव मनाते नज़र आ जाऐंगे। मौसम भी बहुत सुहाना कि बीचों की लहरें आपको मोहित कर देंगी।