समंदर में सितारों को चमचमाते देखा है कभी ?
दक्षिणी गोवा और उत्तरी गोवा में काफ़ी फ़र्क है | कभी लगता है कि ये दोनों एक ही शहर में नहीं हो सकते | दक्षिणी गोवा में कम भीड़, हरियाली, खूब सारे पहाड़, शांत समंदर और साफ पानी है | झोपडियाँ और खाने की जगहें कम हैं , मगर मौज मस्ती की जगहें खूब है | हमारे कुछ पहले के दक्षिणी गोवा के ट्रिप ने हमें काफ़ी हैरान किया |
उस शाम दक्षिण गोवा में बारिश का सा मौसम हो रहा था | हम चारों दोस्त रविवार शाम को बेतालबाटीम तट पर बादलों से भरे आसमान में डूबता सूरज देखने पहुँच गए | ये तट काफ़ी शांत है | बादलों से भरे आसमान से सूरज को अलविदा लेते देखना काफ़ी रहस्यमय लगता है और ये मुझे काफ़ी पसंद है | कम भीड़ और साफ पानी | शाम गहराने लगी तो हमने बीच पर लॉन्ग एक्सपोसर में स्टील वूल से साथ फोटोग्रफी करने की सोची | बीच बेहद शांत लग रहा था | लगभग सभी जा चुके थे, और बीच पर सिर्फ़ हम लोग थे | मैने ट्राइपॉड को सेट किया और स्टील वूल में आग लगाने की कोशिश की | तेज़ हवा के कारण वूल आग नहीं पकड़ रही थी और हम परेशान हो रहे थे |
बेतालबातिम
तभी मैने समंदर की लहरों को चमकते देखा | पहले तो मुझे लगा कि पानी में चाँदनी चमक रही है इसलिए मैने नज़रअंदाज़ कर दिया | मगर लहरों पर चमक मुझे फिर से दिखी | लहरों के तट पर टकराते ही पानी में नीले रंग की रोशनी चमक रही थी | जब मुझे एहसास हुआ कि चल क्या रहा है, तो मैं भौचक्का रह गया | ये तो बायोल्यूमीनेसेंस था | और वो भी दक्षिणी गोवा में | लोग कुदरत का ये करिश्मा देखने दक्षिणी अमरीका तक पहुँच जाते हैं |
आख़िर क्या है बायोल्यूमीनेसेंस ?
जीवों से निकलने वाली रोशनी को ही बायोल्यूमीनेसेंस कहते हैं | ये बेहद छोटे जीव समंदर की लहरों में तैरते रहते हैं | जब लहरें तट से टकराती हैं तो इन जीवों में से एक ख़ास पिगमेंट के रिलीज़ होने से रोशनी सी निकलती प्रतीत होती है | इसी वजह से तट पर टकराती लहरें नीले रंग में चमकती दिख रही थी |
हमें नीली रोशनी की तस्वीरें लेते देख तट से एक लड़का हमसे पूछने आया कि जो वो देख रहा है वो सच है या छलावा | वह पास ही की शैक में दोस्तों के साथ बैठा था| गोवा के लोगों ने शायद ही ऐसा करिश्मा पहले कभी देखा हो, इसलिए वो पक्का करना चाह रहा था कि वो जो करिश्मा देख रहा है वो कोई भ्रम तो नहीं |
रात गहराने के साथ ही नीली रोशनी भी गहरी होती जा रही थी | ऐसा लग रहा था मानों किसी ने लहरों पर लाइटों की लड़ी बिछा दी हो | ख़ास करके तट के दाई ओर ये रोशनी बेहद गहरी थी | हम अपना कैमरा साथ लेकर तट के दाईं ओर भागे | हम में से एक दोस्त ने देखा कि तट पर रेत में हम जहाँ भी पाँव रख रहे थे उसके आस पास की जगह चमक रही थी | ऐसा लग रहा था जैसे हम फिल्म 'अवतार' की दुनिया में पहुँच गए हों | फ़र्ज़ कीजिए आप एक तट पर हैं | अचानक तट चमकने लगता है और तट पर आपके अलावा और कोई नहीं है | इतने खूबसूरत लम्हे को मैं कभी नहीं भूल पाऊँगा |
हमने बैठ कर इस अनोखे लाइट शो के मज़े लेने का सोचा | लहरों का रंग हल्के नीले के साथ थोड़ा हरा भी था | समय के साथ रंग और गहरे होते गए | ऐसा लग रहा था जैसे रंग लहरों से उतर कर रेत में मिल रहा हो | ज्वार बढ़ता गया और रंग गहराता गया | कुदरत की कला देखने का भी एक अलग ही अनुभव है | नॉर्दर्न लाइट के अलावा गोवा में देखा रोशनी का ये खेल मैं ज़िंदगी में कभी नहीं भूलूंगा |
ये दुनिया अनोखी चीज़ों और खूबसूरत रोशनी से भरी है | इस दिन हमने जो देखा वो इस दुनिया से परे की चीज़ लग रही थी | हम सही समय पर, सही जगह, सही उपकरणों के साथ थे | इससे ज़्यादा सौभाग्य और क्या होगा!
योजनाएँ बनाइए और निकल जाइए | ज़रूरी नहीं कि आप हमेशा योजना के हिसाब से चलें | थोड़ा सब्र करें | भीड़ छँटने दें | रोमांचक काम करें | पर्यावरण के प्रति जवाबदारी रखें | प्रकृति आपको अपने इतने खूबसूरत रूप दिखाएगी कि आप हैरान रह जाएँगे |
अगर आपको दक्षिणी गोवा में ऐसी रोशनी देखनी है तो विवेंडा डोस पल्हाकोस में ठहरें | ये इस तट से मुश्किल से 10 मिनट दूर है और ठहराने के लिए बढ़िया जगह है | हर कमरे का अपना एक अलग इतिहास है |
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