Ramshila Hill Station, Gaya: हिल स्टेशन का जिक्र आते ही कई लोगों के जहन में हिमाचल के हिल स्टेशन आते होंगे या फिर उत्तराखंड की पहाड़ी जगह आती होंगी। लेकिन कभी आपने सोचा है कि बिहार में भी हिल स्टेशन होंगे? जी हां, बल्कि एक नहीं यहां 5 से 6 पहाड़ी जगह हैं, जो लोगों को गर्मी में भी सर्दियों का एहसास करा देती हैं।
जो लोग हिमाचल या फिर उत्तराखंड नहीं जा पाते, उनके लिए ये हिल स्टेशन भी किसी मनाली या शिमला से कम नहीं होते।
आज हम आपको बिहार के रामशीला पहाड़ी जगह के बारे में बताने वाले हैं, जो ऐतिहासिक व सांस्कृतिक रूप से काफी महत्व रखती है। अगर आप ऐसी चिलचिलाती गर्मी में कोई पहाड़ी जगह देख रहे हैं, तो चलिए आज हम आपको इस अनोखे स्टेशन के बारे में बताने वाले हैं।
•रामशीला पहाड़ी जगह :-
![Photo of रामशिला बिहार का एक ऐसा हिल स्टेशन जो गर्मियों में भी देता है सर्दियों का एहसास। by KRIPA YADAV](https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/2306211/SpotDocument/1683473153_1683473133576.jpg.webp)
अगर आप कभी बिहार के गया शहर गए होंगे, तो जानते होंगे इस जगह के आसपास कई पहाड़ियां मौजूद हैं। इन पहाड़ी जगहों का अपना एक अलग इतिहास है। इन्हीं पहाड़ियों में आती है, रामशीला पहाड़ी, जो ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से काफी महत्वपूर्ण है। रामशीला पहाड़ी विष्णु पद मदनीर से 8 किमी उत्तर में फल्गु नदी के किनारे मौजूद है। ऐसा माना जाता है कि इसका नाम भगवान श्री राम से जुड़ा हुआ है। ऐसा माना जाता है कि वन प्रवास के दौरान भगवान राम ने राम कुंड सरोवर में स्नान करने के बाद इसी जगह पर पिता दशरथ जी का पिंड दान किया था।
•प्राचीन काल की मूर्तियां आज भी हैं यहां :-
![Photo of रामशिला बिहार का एक ऐसा हिल स्टेशन जो गर्मियों में भी देता है सर्दियों का एहसास। by KRIPA YADAV](https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/2306211/SpotDocument/1683473252_1683473244159.jpg.webp)
प्राचीन काल से कई पत्थर की मूर्तियां आज भी पहाड़ी पर मौजूद हैं और उसके आसपास की भी इन मूर्तियों को देखा जा सकता है। पहाड़ी की चोटी पर स्थित मंदिर जिसे रामेश्वर या पातालेश्वर मंदिर कहा जाता है, मूल रूप से 1014 ईस्वी में बनाया गया था, लेकिन बाद में इस मंदिर का कई बार रेनोवेशन किया गया। मंदिर के सामने 1811 ई. में कलकत्ता के श्री कृष्ण बसु द्वारा बनवाया गया एक मण्डप है, जहां हिंदू भक्तों द्वारा अपने पूर्वजों के लिए पितृपक्ष के दौरान 'पिंड' चढ़ाए जाते हैं। पहाड़ी पर आपको एक मंदिर भी दिखाई देगा, जहां राम, सीता और हनुमान की प्रतिमा स्थापित है।
•रामशीला पहाड़ी के आसपास की जगह:-
![Photo of रामशिला बिहार का एक ऐसा हिल स्टेशन जो गर्मियों में भी देता है सर्दियों का एहसास। by KRIPA YADAV](https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/2306211/SpotDocument/1683473339_1683473324860.jpg.webp)
विष्णुपद मंदिर : यह मंदिर 1787 में रानी अहिल्याबाई द्वारा बनवाया गया था। ये बेहद ही खूबसूरत धार्मिक स्थल है, जो तीनों तरफ पानी से घिरा हुआ है। मंदिर में भगवान विष्णु का 40 सेंटीमीटर लंबा पदचिह्न भी स्थित है। जमीन से 100 मीटर ऊपर उठने वाली पिरामिडनुमा संरचना के साथ आपको मंदिर की जटिल वास्तुकला भी देखने को मिलेगी। मंदिर की चोटी पर एक स्वर्ण ध्वज और कलश दिखाई देगा, जो सूर्य की किरणों से हमेशा चमकते रहते हैं।
बाराबार गुफा : गया के करीब स्थित बाराबार गुफाओं का अपना एक अलग ही इतिहास है। ये गुफा दूसरी शताब्दी से यहां स्थापित हैं। गुफाएं 7 रॉक-कट गुफाओं का एक समूह हैं और ऐसा माना जाता है कि मौर्य साम्राज्य ने यही से भारत में सबसे पहले रॉक-कट गुफाओं का निर्माण किया था। हर एक गुफा में आपको दो कक्ष दिखाई देंगे, जो पूरी तरह से ग्रेनाइट से कटे हुए हैं, और सभी गुफाओं में विशाल मेहराब हैं।
थाई मठ: बोधगया में थाई मठ अपने अद्वितीय निर्माण और खूबसूरती के लिए जाना जाता है। इसकी एक ढलान वाली छत है जिस पर सुनहरी टाइलें लगी हैं और कहा जाता है कि इसमें भगवान बुद्ध की 25 मीटर ऊंची कांस्य प्रतिमा है। मठ हर साल जनवरी में एक रिट्रीट का आयोजन करता है, जिसमें दुनियाभर के लोग योग और मेडिटेशन में शामिल होने के लिए आते हैं।