
धर्मशाला (एक खूबसूरत पर्यटक स्थल)
धर्मशाला भारत के हिमाचल प्रदेश के काँगड़ा ज़िले में स्थित यह नगर झीलों, झरनों एवं एवं अन्य प्रकार्तिक दृश्यों से आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। यहां मठ, मंदिर, पुराने किले, संग्रहालय, चर्च और मस्जिद, गुरुद्वारे आदि देखने को मिलते हैं | प्रकृति के बीच समय व्यतीत करना हर किसी की अच्छा लगता है । आप भी अपनी सारी चिंताए दूर करने वाले स्थान पर कुछ दिन समय व्यतीत कर सकते हैं |

आपकी जानकारी के लिये बता दें, निचे डिवीजन को धर्मशाला शहर, और ऊपरी डिवीजन को मैक्लोड़गंज कहते है। यहां की प्राकृतिक खूबसूरती लोगों को इतनी पसंद आती है कि लोग छुट्टियाँ पड़ते ही यहाँ पर आने के लिये उतावले रहते हैं और अपने जीवन के महत्वपूर्ण पलों को यहाँ बिताते हैं | अगर आप धर्मशाला घूमने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो पहले यहां के कुछ दिलचस्प तथ्यों के बारे में जरूर जान लें। धर्मशाला में लोग प्रकृति के बीच समय व्यतीत करके जाते हैं। आप भी अपनी सारी चिंताए दूर करने वाले स्थान पर कुछ दिन समय व्यतीत कर सकते हैं |

धर्मशाला को भारत सरकार ने एक स्मार्ट नगर के रूप में विकसित होने वाले सौ भारतीय नगरों में से एक के रूप में चुना है। अंग्रेजों के लिए यह स्थान लोकप्रिय स्थान हुआ करता था, अंग्रेज़ ऑफिसर यहाँ अपने परिवार के साथ गर्मी की छुट्टियाँ बिताने आते थे। अगर अंग्रेज इतनी दूर से आ सकते हैं तो हम क्यों नहीं जा सकते ? हालांकि यह बात हम आज के आधुनिक भारत में पूरे जज्बे के साथ कह सकते हैं क्योंकि अंग्रेजों का आधिपत्य अब भारत से हात गया है
धर्मशाला के कुछ दिलचस्प तथ्य—-----------
राजा हरी सिंह के इतिहास से जुड़ा धर्मशाला : धर्मशाला को बने चाहे कितना भी समय हो गया हो लेकिन अब धर्मशाला भारतीय संस्कृति और इतिहास का महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है। धर्मशाला भारत का एक ऐसा नगर है जहां कई अलग-अलग धर्मों के लोग बड़े ही सद्भाव से रहते हैं।


दलाई लामा को शरण देने वाला भारत का धर्मशाला :
चीनी सरकार के खिलाफ विद्रोह के बाद दलाई लामा भारत के हिमाचल आये| भारत सरकार ने उन्हें हिमाचल प्रदेश राज्य के शहर धर्मशाला में आश्रय दिया । तभी से धर्मशाला तिब्बती डायस्पोरा ( देश के बाहर निवास करने वाले व्यक्ति ) का केंद्र रहा और दलाई लामा का घर,जहां शांति को विशेष स्थान दिया जाता है | महात्मा बुद्ध की शिक्षाओं को अपने जीवन में उतार भारत में आकर उन्होंने महात्मा गांधी के जीवन आदर्श को भी आत्मसात कर लिया। उन्होंने लोकतंत्र के मूल्यों को हर तिब्बती के दिल में उतारकर कंधे से कंधा मिलाकर काम करना सिखाया |

धर्मशाला का बाजार : धर्मशाला के बाजार की बात करें तो सजावट के समान से लेकर ऊनी कपड़ों से बाजार सजा रहता है | वहाँ मौसम ठंडा रहता है इसलिए धर्मशाला के स्थानीय लोगों एवं पर्यटकों की जरूरत के हिसाब से वहाँ गरम कपड़े हमेशा मिलते हैं |
कोतवाली बाजार और आसपास के बाजार "लोअर धर्मशाला" या सिर्फ "धर्मशाला" और ऊपरी धर्मशाला या मैक्लोडगंज, धर्मकोट, आदि नामों से जाना जाता है। हम यहाँ के स्ट्रीट बाजार में शॉपिंग करने के साथ साथ कई प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय ब्रांड का सामान भी खरीद सकते हैं यहाँ राष्ट्रीय राजमार्ग रोड पर पूर्णम मॉल, द हिलसाइड मॉल, मैक्सिमस मॉल और गोल्ड मल्टीप्लेक्स सिनेमा आदि कारीदारी के जरिया हैं |


धर्मशाला और चाय बागान : धर्मशाला में हरे-भरे चाय के बागान बड़े प्रसिद्ध हैं जो इसकी लोकप्रियता को और बढा देते हैं । याहन पर पर्यटन चाय के स्वाद के साथ साथ चाय के बागानों और कारखानों को देखने का आनंद अपने पर्यटन के साथ उठाते हैं |

धर्मशाला क्रिकेट स्टेडियम :
समुद्र तल से 1,457 मीटर ऊंचाई पर धर्मशाला क्रिकेट स्टेडियम दुनियाभर में मशहूर है, यह छोटा सा क्रिकेट स्टेडियम दुनिया के सबसे ऊँचाई पर स्थित है| हिमालय की खूबसूरत पर्वत श्रृंखलाओं के बीच बनाया गया यह स्टेडियम अपने सुन्दर नजारों के लिए बहुत अधिक प्रसिद्ध है |अगर आप धर्मशाला जायें तो यहाँ घूमना बिल्कुल न भूलें। यहाँ पर आपको फोटोग्राफी का भी अच्छा मौका मिलेगा |


धर्मशाला का युद्ध स्मारक : धर्मशाला का युद्ध स्मारक सबसे बेहतरीन जगहों में से एक है धर्मशाला के देवदार के जंगलों के बीच यह युद्ध स्मारक स्थित है। जिन्होंने देश की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व बलिदान दिया, उन शहीदों को यह स्मारक श्रद्धांजलि देता है|

यह स्मारक 1947-48, 1962, 1965 और 1971 के युद्धों में शहीद हुए सैनिकों की याद में बनाया गया था। स्मारक के परिसर में एक संग्रहालय भी है, जिसमें युद्ध से संबंधित कई वस्तुओं को प्रदर्शित किया गया है। इन वस्तुओं में हथियार, सैन्य उपकरण, और युद्ध के दौरान इस्तेमाल किए गए अन्य सामान शामिल हैं।

धर्मशाला में ट्रेकिंग : धर्मशाला के जंगलों में ट्रेकिंग करते हुए धौलाधार के ऊपरी रावी घाटी और चंबा जिले में से होते हुए गुजरते हैं । रास्ते में, देवदार, ओक और रोडोडेंड्रोन के जंगलों से होते हुए नदियों और हवा चट्टानों के साथ झील के झरने और ग्लेशियर गुजरते हुए बहुत आनंद का अनुभव होता है ।
धर्मशाला ट्रिप पर जाने का समय : मई और जून के महीने में भी धर्मशाला जाने की योजना बना सकते हैं, आप साल में किसी भी मौसम में घूमने जा सकते हैं, हालाँकि धर्मशाला घूमने जाने का सबसे अच्छा समय गर्मियों का होता है, ज्यादातर लोग यहाँ शहरी क्षेत्रों की गर्मी से निजात पाने के लिए धर्मशाला की ठंडी वादियों का आनंद लेने आते हैं | यदि आप सर्दियों मे बर्फ के मजे लेना चाहते है तो आप दिसम्बर-जनवरी में धर्मशाला जाने की योजना बना सकते हैं |

धर्मशाला में मुख्य रूप से शांतिप्रिय नगर है | यहाँ की शान्तिप्रियता का राज वहाँ के लोगों का प्रकृती के लिये प्राकृतिक प्रेम है| यह स्थान आध्यात्मिकता से भी जुड़ा हुआ है | धर्मशाला से हिमालय पर्वत के दर्शन भी हम कर सकते हैं |

