ये दुनिया रंगों से भरी हुई है, ये सिर्फ कहावत नहीं है। अगर आप अपने आसपास देखेंगे तो आपको रंग ही रंग नज़र आएँगे। कभी वो रंग खुशियों के होते हैं और कभी गम के। ये रंग ही तो हैं जो दुनिया को खूबसूरत बनाते हैं। वैसे तो हम जी ही रंगों में हो रहे होते हैं लेकिन कभी-कभार उस रंग को ढूढ़ने भी निकलना पड़ता है और जब वो रंग दिखाई पड़ता है तो लगता है कि यही सुकून है। उस देखने वाले सुकून से ज़्यादा दुनिया में और कुछ भी प्यारा नहीं है। पहाड़ों के बीच ठंडी-ठंडी पुरवाई और उसमें मिलते दो रंग। जहाँ ये दो रंग मिलते हैं उसे संगम कहते हैं। इससे बड़ा आश्चर्य क्या हो सकता है कि हम एक ही जगह पर दो अलग-अलग नदियाँ देख पा रहे हैं। ये वैसा ही है जब क्षितिज में सूरज डूबता है तो आसमां लाल भी रहता है और नीला भी। ये दोनों पल सबसे खूबसूरत पलों में से एक है।
ऐसा होने की वजह मानी जाती है पानी की लवणता, उसका घनत्व, उस जगह का तापमान। जिससे दो अलग-अलग जलस्रोत अपने-अपने क्षेत्रों में बहते हैं, अपने इलाके का रंग लेकर चलते हैं। जब ये दोनों नदियाँ एक जगह पर मिलती हैं, तो वो नदियों का संगम उस नज़ारे का बेहद खूबसूरत बना देता है। उस नज़ारे को देखकर लगता है कि शानदार दृश्य को ठहरकर कुछ देर देखा जाये, बिल्कुल पहाड़ों की तरह। दुनिया भर में बहुत सारे ऐसे ही संगम हैं जो उस जगह को देखने लायक बनाते हैं। हर किसी को ऐसे खूबसूरत संगम देखने चाहिए जो खुशी देते हों। नीचे कुछ ऐसे ही संगम के बारे में बता रहे हैं जहाँ आपको जाना चाहिए।
1. जांस्कर-सिंधु, लेह
लद्दाख की सबसे फेमस जगहों में से एक है सिंधु-जांस्कर संगम। गाद से लदी जांस्कर नदी जो पूरी तरह से सफेद दिखाई देती है। जो सर्दियों में जम जाती हैै और उस पर ट्रेकिंग होती है। वहीं दूसरी तरफ से फिरोजा रंग में बहती सिंधु नदी जा रही है। लद्दाख तो वैसे भी खूबसूरती के लिए जाना जाता है लेकिन पहाड़ के बीच दो अलग-अलग नदियों का संगम सबसे सुंदर होता है। अगर आप गाड़ी से जा रहे हैं तो यहाँ कुछ देर रूकें और इस जगह का अहसास ज़रूर लें। ठंडी-ठंडी हवाओं में जब आप इस नज़ारे को देखेंगे तो अपने आपको खुशकिस्मत मानेंगे।
2. ब्यास-पार्वती, भुंतर
पार्वती घाटी से निकली पार्वती नदी और मनाली से आ रही ब्यास नदी भुंतर में एक जगह पर मिलती हैं। इस संगम में दोनों नदियों को अलग-अलग पहचाना जा सकता है। ब्यास नदी नीले रंग की है और पार्वती नदी का रंग ग्रे है। संगम की वजह से ये स्थान बहुत फेमस है, ये स्थान एक तीर्थ बन गया है। यहाँ हजारों लोग त्योहारों पर स्नान करने आते हैं, साल भर यहाँ मेले भी लगते हैं। अगर आप हिमाचल जाने का प्लान बना रहे हैं या चहाँ से गुज़र रहे हैं तो भुंतर में इस अद्भुत संगम को ज़रूर देखें।
3. अलकनंदा-भागीरथी, देवप्रयाग
देवप्रयाग भारत की एक और अद्भुत जगह है जहाँ आप दो नदियों को मिलते हुए देख सकते हैं। देवप्रयाग में अलकनंदा और भागीरथी का संगम होता है। देवप्रयाग उत्तराखंड के प्रमुख तीर्थों में से एक है, ये पंच केदार में से प्रमुख केदार है। दोनों नदियों को आप उनके रंग से पहचान सकते हैं। गंगा नदी को गंगा के नाम से देवप्रयाग से ही जाना जाता है। भागीरथी गोमुख के 25 कि.मी. लंबे गंगोत्री हिमनद से निकलती है। अलकनंदा उत्तराखंड में ही शतपथ और भगीरथ खड़क हिमनदों से निकलती है जो गंगोत्री कहलाता है। देवप्रयाग में अलकनंदा एवं भागीरथी नदियों के संगम स्थल के बाद इस नदी को पहली बार ‘गंगा’ के नाम से जाना जाता है। इस जगह के बारे में कहा जाता है गंगा- एक माँ, एक नदी और एक तहजी।
4. अटलांटिक-प्रशांत महासागर, अलास्का
सागर नदियों से विशाल होती है। तभी तो नदियाँ बहती हैं और समुद्र लहराते हैं। अलास्का की खाड़ी तक पहुँचने का रास्ता आसान नहीं है लेकिन अगर आप एक बार यहाँ पहुँच जाते हैं। तो आप वो देखेंगे जो दुनिया में बहुत कम लोग देख पाते हैं, एक साथ, एक जगह पर दो समुद्र। आप यहाँ देखेंगे कि दो विशालकाय समुद्र कैसे एक-दूसरे से मिलने से बच रहे हैं। ये नज़ारा लाजवाब है, बेहतरीन है।
5. ग्लास विंडो ब्रिज, एलेउथेरा बहामास
आप एक सड़क से गुज़र रहे हैं आपके दोनों तरफ नदियाँ हैं, वो भी अलग-अलग। दोनों को देखने पर लगता है कि किसी ने दोनों नदियों मे अलग-अलग रंग घोल दिया हो। इससे सुंदर रास्ता क्या होगा? इस जगह को देखने के लिए आपको बहामास जाना होगा। बहामास का ग्लास विंडो ब्रिज आपको इस प्रकार का दृश्य दिखाता है।
6. केप रींगा, औपुरी न्यूजीलैंड
केप रींगा में भी एक शानदार संगम है लेकिन यहाँ दो नदियाँ कुछ अलग दिखती है। यहा संगम देखने के लिए वहीं पास की पहाड़ी पर बने लाइटहाउस के पास जाना पड़ता है। वहाँ हरे रंग का टासमैन समुद्र और गहरे नीले रंग के प्रशांत महासागर का संगम दिखाई देता है। कहा जा रहा है कि जल्दी ही ये जगह यूनेस्को की विश्व धरोहर के रूप में अपनी जगह बना सकती है।
चोंगकिंग, चीन के फ्यूचर सिटीज में से एक है। ये शहर दो अलग-अलग रंग की नदियों से घिरा हुआ है। शहर में जो साफ पानी दिखाई देता है, वो जियालिंग नदी का है और पीले रंग की दिखने वाली नदी यांग्त्ची है जो चीन के मैदानी इलाकों से बहकर आती है।
8. रोन-अर्वे, जिनेवा
रोन और अर्वे नदियों का संगम जिनेवा में होता है। रोन नदी अपने उद्गम स्रोत झील लेहमैन से बहकर आती है और अर्वे बहुत अधिक दूरी से बजरी और गाद लेकर आती है। बाद में दोनों जिनेवा में आकर एक जगह मिलती हैं।
आपने एक जगह पर दो नदियों को तो देखा होगा लेकिन एक ही जगह पर तीन नदियाँ बहती हैं, ऐसी बहुत कम जगह हैं। तीन नदियाँ और तीनों अलग-अलग रंग की, अद्भुत है ये प्रकृति। ये देखना है तो आपको जर्मनी जाना होगा। जर्मनी का पास दुनिया के सबसे शानदार संगमों में से एक है। उन तीनों नदियों के नाम है, इल्ज, डेन्यूब और इन नदी।
10. ग्रीन-कोलोराडो नदी
खतरनाक पहाडों के बीच बहती हैं ये दोनों नदियाँ ग्रीन और कोलोरोडो। ग्रीन नदी जो अपने नाम के अनुरूप ही है, जिसका रंग हरा है। वहीं दूसरी ओर है कोलोराडो नदी, जो लाल रंग की है। सामान्य तौर पर इस रंग की नदी बहुत कम होती हैं। लेकिन प्रकृति हमें कोई भी रंग दिखा सकती है। प्रकृति हमारी गुलाम नहीं, हम उसके कायल हैं।
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