शादी–विवाह हर इंसान को जीवन के एक नए अनुभव से जोड़ता है। पश्चिमी देशों में आज भी जहां लव मैरिज का चलन बड़े पैमाने पर है, वहीं भारत जैसे संस्कृति एवं संस्कारों के धनी देश में अरेंज मैरिज को ही प्राथमिकता दी जाती हैं।अरेंज मैरिज मतलब बस दो–चार मुलाकातों के बाद दो अनजानों को जीवन एक साथ बिताने के लिए स्वयं को तैयार। ये नया रिश्ता जितना चुनौतीपूर्ण होता है उतना ही रोमांच से भरपूर भी होता है। ऐसे में हनीमून के ख़ास दिन ऐसे यादगार दिन होते हैं, जब दो अनजाने लोग भावनात्मक एवं अतरंगता से एक दूसरे के करीब आते हैं। एक दूसरे की पसंद–नापसंद को समझते हुए भविष्य का ताना–बाना बुनना शुरू करते हैं।
यहां ये कहना गलत न होगा कि इस ख़ास वक़्त के लिए हर किसी को एक बेहतरीन प्लान ज़रूर बनाना चाहिए। आपके इस प्लान में हम आपको ऐसी जगह के बारे में बताएंगे जहां जाकर आपका मन हो जाएगा खुश।
कर्नाटक भारत का एक ऐसा राज्य है, जो अपने ख़ूबसूरत हिल स्टेशन, किलों, वाटरफ़ॉल, मंदिरों, गुफ़ाओं और शानदार Beaches के लिए जाना जाता है। कर्नाटक में सबसे अधिक वाटरफ़ॉल हैं। इनमें से प्रमुख हैं जोग फॅाल्स, शिवानासमुद्र फाल्स, मैगॉड फॉल्स और बरकाना फॅाल्स। कुर्ग और डांडेली जैसी ख़ूबसूरत जगहों पर आप ट्रैकिंग का मज़ा ले सकते हैं। वहीं हंपी में रॉक क्लाइम्बिंग जबकि नीलगिरि की पहाड़ियों पर बाइक राइडिंग का मज़ा ले सकते हैं।
भारत का स्कॉटलैंड कहा जाने वाला, कूर्ग हनीमून कपल्स के बीच एक पसंदीदा हिल स्टेशन है। ये हिल स्टेशन हनीमून कपल्स के लिए परफेक्ट डेस्टिनेशन है। सूर्यास्त के वक्त यहां का नजारा बेहद ही खूबसूरत हो जाता है। जाहिर है ऐसे में हाथों में साथी का हाथ हो तो ये मौका और भी खूबसूरत होगा। यहां आप चंदन के जंगल, सुगंधित कॉफी और चाय के बागानों के साथ को देख सकते हैं। कूर्ग कैंपिंग भी हनीमून कपल्स के बीच एक और पसंदीदा गेटअवे है।
कूर्ग को भारत का कॉफी हब कहा जाता है-
कूर्ग को इंडिया का कॉफी हब कहा जाता है। मार्च और अप्रैल में जब कॉफी के फूल लगते हैं तो यह जगह बेहद खूबसूरत हो जाती हैं। पहाड़ियों के बीच बसा यह खूबसूरत हरा-भरा जिला आउटडोर एक्टिविटीज के लिए बेहतरीन है। यहां पर आप ट्रैकिंग, फिशिंग और वाइट वॉटर राफ्टिंग का मजा ले सकते हैं। यहां चारों ओर हरी-भरी वादियां, चाय के बागान और कॉफी के ढेरों पेड़ हैं।
मैसूर से 100 कि.मी. की दूरी पर स्थित कूर्ग हिल स्टेशन अपनी प्राकृतिक अनमोल छठा बिखेरने के कारण चर्चित है। यहां का मौहाल अन्य शहरों की अपेक्षा अधिक शांत और एंकात है, इसलिए यह युगल प्रेमियों के बीच काफी पंसद किया जाता है।
कूर्ग की संस्कृति-
कूर्ग को संस्कृति और परंपरा की दृष्टि से सबसे सुंदर हिल स्टेशन माना जाता है। कूर्ग में मनाएं जाने वाले त्यौहारों में से हुट्टारी, मेरकारा दसारा, केल पोदू ( केल मुहुरथ या आर्म का त्यौहार ) और कावेरी संक्रमण या तुला संक्रमण आदि प्रमुख है। यहां की स्थानीय पाक कला में नॉन वेज डिश सबसे ज्यादा बनाई जाती हैं। इसके अलावा, यहां का साउथ इंडियन खाना भी बेहद लज़ीज बनता है।
कूर्ग का इतिहास-
कूर्ग के नाम यानि कोडगू की उत्पत्ति को लेकर कई कहानियां कहीं जाती है। कुछ लोगों का मानना है कि कोडगू शब्द की उत्पत्ति क्रोधादेसा से हुई है जिसका अर्थ होता है कदावा जनजाति की भूमि. कुछ अन्य लोगों का मानना है कि कोडगू शब्द, दो शब्द से मिलकर बना है – कोड यानि देना और अव्वा यानि माता, जिससे इस स्थान को माता कावेरी को समर्पित माना जाता है। बाद में कोडगू को कूर्ग के नाम से जाना गया।
जाने का सही समय -
कूर्ग सिर्फ मार्च में ही घूमने के लिए बेस्ट नहीं है, बल्कि आप यहां अक्टूबर से मई तक घूम सकते हैं। साल के सभी महीनों में कूर्ग का मौसम अच्छा रहता है।
कैसे पहुंचे कूर्ग -
By Air : कूर्ग का नजदीकी हवाई अड्डा मैंगलोर में मैंगलोर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है, जो कूर्ग से लगभग 111 किमी दूर है. इस दूरी को टैक्सियों या बसों के माध्यम से कवर किया जा सकता है।
By Train : कूर्ग का नजदीकी रेलवे स्टेशन लगभग 95 किमी दूर मैसूर में है. कूर्ग आने के लिए आप रेलवे स्टेशन के बाहर बसों में टैक्सी या होप रख सकते हैं।
By Bus : कूर्ग एनएचएस और बसों द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। डीलक्स केएसआरटीसी बसें हैं जो बैंगलोर, मैसूर और मैंगलोर से कूर्ग तक चलती हैं। अपने टिकटों की प्री-बुकिंग करना उचित है। ताकि यात्रा में कोई कठिनाई ना हो।
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