राजपुताना वीरता की निशानी - चित्तौड़गढ़ किला, राजस्थान

Tripoto
Photo of राजपुताना वीरता की निशानी - चित्तौड़गढ़ किला, राजस्थान by Ranjit Sekhon Vlogs

चित्तौड़गढ़, जिसे चित्तौड़ किला भी कहा जाता है, भारत के सबसे बड़े किलों में से एक है। यह चित्तौड़गढ़ नगर के एक पहाड़ी पर स्थित है, यह यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल है। यह किला मेवाड़ की राजधानी था और वर्तमान चित्तौड़गढ़ शहर में स्थित है, 700 एकड़ और लगभग 13 किलोमीटर में फैले हुए इस चित्तौड़गढ़ के विशाल दुर्ग को भारत का सबसे विशाल और खूबसूरत दिखने वाला किला माना गया है ।

चित्तौड़गढ़ किला राजस्थान में स्थित एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। यह राजस्थान के राणा का किला भी कहलाता है।

चित्तौड़गढ़ किला भारतीय इतिहास और संस्कृति के महत्वपूर्ण हिस्से में से एक है यह भारत के सबसे पुराने किलों में से एक है, जिसे महाराणा प्रताप के घोषित गर्वगीता के संदर्भ में बहुत प्रसिद्धता प्राप्त हुई है।

चित्तौड़गढ़ किला अपने आप में एक पूरा शहर है , इसमें आज भी 7000 के करीब लोग रहते हैं , इस क़िले के अंदर है दुकानें, बाग़ और लोगों के घर हैं ।

चित्तौड़गढ़ किला का निर्माण 7वीं शताब्दी में महाराणा भीम सिंह ने किया था और बाद में इसे महाराणा कुम्भा ने सुधार किया। इस किले का निर्माण सफेद संगमरमर से किया गया है और इसे सात किले और 65 बड़े-छोटे प्रांगणों से गिर्यारों के द्वारा सुरक्षित किया जाता है।

चित्तौड़गढ़ किला इतिहास के आधार पर चार मुखों के यातायात के लिए बनाया गया है और इसे सुरक्षित रखने के लिए बड़ी बड़ी दीवारें बनाई गई हैं। यह किला एक महत्त्वपूर्ण संग्रहालय के रूप में भी जाना जाता है जो ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विभाजनों को प्रदर्शित करता है।

चित्तौड़गढ़ किले में कई प्रमुख भवन हैं जिनमें से कुछ निम्नलिखित हैं:

विजय स्तंभ:

यह दुनिया का सबसे ऊँचा खंडहरी स्मारक है और इसे महाराणा कुम्भा द्वारा बनवाया गया है। यह मुग़दयानी काला संगमरमर से बना हुआ है और इसकी ऊँचाई 37 मीटर है।

किरति स्तंभ:

यह स्तंभ महाराणा किरति सिंह की याद में बनवाया गया है और इसे 12वीं सदी में निर्मित किया गया है। यह एक खंडहरी स्मारक है और ऐसे बनाने में संगमरमर का उपयोग किया गया है।

पदमिनी का महल:

यह महल महाराणी पदमिनी की याद में बनवाया गया है और यह महिला मंदिर के रूप में भी जाना जाता है। इसके आदर्श सौंदर्य और संस्कृति का प्रतीक है।

गाईतोर तालाब:

यह एक महत्वपूर्ण सारसोंद तालाब है और इसे महाराणा कुम्भा ने बनवाया था। यह स्थान पिकनिक का एक अच्छा स्थान है ।

कुंभश्याम मंदिर :

कुंभश्याम मंदिर चित्तौड़गढ़ में भगवान कृष्ण को समर्पित है। यह मंदिर प्राचीनकालीन स्थापत्य शैली में निर्मित है और उसकी विशेषता उसकी आधुनिक कला और संगठन की शानदारता में है। मंदिर में सुंदर मूर्तियाँ, विभिन्न आराध्य देवताओं के प्रतीक और पवित्र तीर्थ स्थल हैं।

यहां पर्यटकों को भगवान कृष्ण की विभिन्न जन्मलीलाएं और कथाएं संबंधित जानकारी भी मिलती है। मंदिर के प्रांगण में स्थित एक छोटा म्यूजियम भी है जहां प्रमुख आकर्षण वस्तुएं देखी जा सकती हैं।

इसके इलावा भी चित्तौड़गढ़ किले के अंदर कई महत्त्वपूर्ण स्मारक और इतिहासिक स्थल हैं, जिनमें विजय सिंह का प्राचीन मंदिर, राणा कुम्भ का मंदिर और मीराबाई का मंदिर, पदमिनी तालाब, गाईत्री मंदिर, और जैन मंदिर शामिल हैं। यहां आपको राजपूत शासनकाल की कला, साहित्य, और संस्कृति की अद्वितीय प्रतीति मिलेगी।

चित्तौड़गढ़ किले का शानदार लाइट एवं साउंड शो

राजस्थान पर्यटन विभाग ने इस दुर्ग की गौरव गाथा कहने के लिए आजकल के हिसाब से एक साउंड और लाइट शो की शुरुआत भी की है जिसे देखने के लिए पर्यटक दूर-दूर से आते हैं ।

इस अनोखे साउंड एवं लाइट शो के माध्यम से सैलानियों को इस विशाल चित्तौड़गढ़ दुर्ग के इतिहास के बारे में बताया जाता है. वहीं चित्तौड़गढ़ किले में होने वाला यह शो पर्यटकों का ध्यान अपनी तरफ आर्कषित करता है ।

चित्तौड़गढ़ किला 12 महीने टूरिस्ट्स के लिए खुला रहता है. इसका समय सुबह 9 से शाम 6 बजे तक है. यहां के अद्भुत लाइट एंड साउंड शो का समय शाम 7 बजे से है, यहां आने वालों वयस्कों के लिए प्रवेश शुल्क 50 रुपए है, जबकि बच्चों के लिए प्रवेश टिकट 25 रुपए है. चित्तौड़गढ़ का किला पूरा घूमने के लिए लगभग 2-3 घंटे लगेंगे और यहां आपको बहुत अधिक चलना होगा ।

How to Reach Chittorgarh Fort

राजस्थान के इस ऐतिहासिक दुर्ग चित्तौड़गढ़ किले को देखने के लिए पर्यटक सड़क, वायु, रेल तीनों मार्गों द्धारा पहुंच सकते हैं. अगर आप प्लेन से यात्रा कर रहे हैं तो उदयपुर एयरपोर्ट इसके सबसे पास है, जो कि चित्तौड़गढ़ से करीब 70 किमी की दूरी पर स्थित है ।

उदयपुर एयरपोर्ट देश के सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है, एयरपोर्ट से टैक्सी, कैब या फिर बस की सहायता से इस किले तक पहुंचा जा सकता है. वहीं अगर पर्यटक ट्रेन से चित्तौड़गढ़ पहुंचते हैं तो चित्तौड़गढ़ एक प्रमुख रेलवे स्टेशन है, जो कि देश के प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है ।

इसके साथ ही चित्तौड़गढ़ जिला, राजस्थान के प्रमुख शहरों एवं पड़ोसी राज्यों से सड़क मार्ग से भी अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। यहां से अच्छी बस सुविधा भी उपलब्ध है।

चित्तौड़गढ़ किले की ऊँचाई के कारण, वहां से आपको एक आद्यात्मिक और चित्त शांति की अनुभूति मिलेगी।

चित्तौड़गढ़ किला राजस्थान का एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है और यह इतिहास, संस्कृति और वास्तुकला के प्रेमी के लिए एक आकर्षण है। यहां आप ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों का आनंद ले सकते हैं और इसकी प्राकृतिक सौंदर्य को भी देख सकते हैं। इसे राजस्थान दौरे का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है और यहां पर्यटकों को अद्वितीय और यादगार अनुभव प्रदान करता है।

Further Reads