Off The Beat: A Day in Rajim

Tripoto
14th Jul 2019
Photo of Off The Beat: A Day in Rajim by rooh e khwaabida
Day 1

यात्रा वृतांत

कहते है अनियोजित यात्रा, सबसे श्रेष्ठ यात्रा होती है। क्या पता प्रकृति आप को कब मंत्रमुग्ध कर दे।

सुबह के 10:45 am बज रहे थे और मैं अपने बिस्तर पे इस ख़्याल में डूबा हुआ था की आज कुछ नया देखा जाए। मैं भिलाई छत्तीसगढ़ में था जो कि पर्यटन के लिए इतना विख्यात नहीं है । सोने पे सुहागा ये हुआ कि मेरे पास संसाधन सीमित थे एक मोपेड गाड़ी , एक हेल्मेट, एक मोबाइल फ़ोन जिसमें जी॰पी॰एस॰ था। बस मैं निकल पड़ा राजधानी की तरफ़ जो की भिलाई से ३५ कि.म की दूरी में था वहाँ एक दो स्थानीय लोगों से पता करने के बाद मुझे लगा की क्यू ना छत्तीसगढ़ के प्रयाग राजिम जाया जाए । जहाँ महानदी पेरी सोनढउर नदी का त्रिवेणी संगम है। NH३० फिर NH१३०C से होता हुआ रास्ता राजिम की और बढ़ रहा था । प्रकृति की सुंदरता बहुत ही विचित्र है रास्ता चारों तरफ से खूबसूरत है यहां पर चारों ओर पेड़ पौधे,वायु,पशु पक्षी और सबसे महत्त्वपूर्ण ताज़ी हवा जो हर बड़े शहर से विलुप्त हो गयी है उसका अनुभव हुआ । कब ये ७० कि.म एक हवा के झोखे सा निकल गया पता भी ना चला ।

सबसे पहले मैं त्रिवेणी की तरफ़ बढ़ा जो कि राजिम (ज़िला गरियाबंध) लगने के बाद ही १-२ km की दूरी में था । जुलाई के वर्षा ऋतु के महीने में मैं ये तीनो नदी को लगभग सूखा पा कर हैरान हो गया और तब मुझे इंसान होने पर शर्म का अनुभव हुआ । और मुझे लगा की हम वृक्षों की,वनों की कटाई किए जा रहे हैं,प्रकृति का नुकसान कर रहे हैं.हमें इस और विशेष ध्यान देने की जरूरत है।

फिर मैं अपने अगले गंतव्य की और निकल पड़ा जो की ८वी शताब्दी का विष्णु मंदिर - राजीव लोचन मंदिर है। रास्ते में मेरी नज़र १४वी सदी के कायस्थ समाज के सती चौरे पे पड़ी जहाँ पे महिलाओं की सती की जाती होगी।

वहाँ से मैं राजीव लोचन मंदिर की तरफ़ बढ़ा । ये भव्य मंदिर पंचयन शेली में बना हुआ है इसका निर्माण नल वंशीय शासक विलासतुंग के द्वारा किया गया है । मंदिर में भगवान नारायण (विष्णु) कि चतुर्भुज मूर्ति काले रंग कि पत्थर से बनी है ।अपने हाथों में चक्र ,पद्म ,गदा धारण किये हुवे विराजमान है| इसे राजा विलासतुंग द्वारा अपने बेटे के याद में बनाया गया है । कलचूरि शासक जाजल्देव प्रथम के समय इस मंदिर का जीर्णोद्वार करवाया गया था| इस मंदिर के भीतर पर सँवत ८९६ याने ११४५ ई का एक लेख लगा हुवा है |उसी से ये जानकारी मिला है|

राजिम बस्ती में लगभग २२ मंदिर है| त्रिवेणी संगम पर कुलेश्वर शिव मंदिर है|

कहा जाता है कि इसकी मूर्ति श्री जानकी जी के द्वारा स्थापित किया गया है| पास में एक झरना है| और समीप ही धौम्य ऋषि का आश्रम है|

इसे पांच कोसी धाम भी कहा जाता है|

राजिम की यात्रा आपको प्रकृति के सुखद अनुभव के साथ साथ अध्यात्म के ओर भी आकर्षित करेगी । स्थानीय लोगों के द्वारा ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर में साक्षात भगवान विष्णु आते है विश्राम करने। ये एक दिन की यात्रा आपको प्रकृति के साथ साथ भक्ति के समीप ला खड़ा कर देगी।

स्थान - राजिम ज़िला - गरियाबंद ,राज्य- छत्तीसगढ़ ।

पहुँचने का तरीक़ा - राजधानी रायपुर रोड, रेल मार्ग, airport से सभी मुख्य भारतीय राज्यों से जुड़ा हुआ है, रायपुर से ४ लेन रोड से राजिम जुड़ा हुआ है Pvt taxi कर के यहाँ पहुँचा जा सकता है।

Nearest railways station- Raipur jn

Nearest airport- Swami Vivekanand

airport Raipur

Best time to visit- Feb during punni kumbh mela .

Photo of Rajim, Chhattisgarh, India by rooh e khwaabida
Photo of Rajim, Chhattisgarh, India by rooh e khwaabida
Photo of Rajim, Chhattisgarh, India by rooh e khwaabida
Photo of Rajim, Chhattisgarh, India by rooh e khwaabida
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