पंजाब में देखने योग स्थानों की बात आती है तो सबसे पहले सबकी जुबान पर गोल्डन टैंपल अमृतसर का नाम ही आता है , उसके बाद नाम नाम आता है The City Beautiful, Chandigarh का इसके अलावा भी बहुत से स्थान हैं जो आप पंजाब में देख सकते हैं |
आज हम आपको ऐसे ही एक जानकारी वाले स्थान के बारे में बताने जा रहे हैं जिसका नाम है विरासत ए खालसा श्री आनंदपुर साहिब
अगर आप पंजाब और सिखों के इतिहास को अच्छे तरिके से बिल्कुल आसानी से जानना चाहते हैं तो इस स्थान को देखना न भूलें |
यहां आपको विसुअल साइंस की मदद से बहुत ही बढ़िया चित्रों, संगीत और लाइट शो के ज़रिये सारा इतिहास बताया गया है |
विरासत-ए-खालसा एक ऐतिहासिक संग्रहालय है जो भारत के पंजाब राज्य के अनंदपुर साहिब में स्थित है। यह संग्रहालय सिख धर्म और सिख इतिहास को बेहतर ढंग से समझने के लिए बनाया गया है।
यह स्मारक सिख इतिहास, संस्कृति और धर्म के विभिन्न पहलुओं का जीता-जागता संग्रह है।
इस संग्रहालय का निर्माण सिख गुरु गोविंद सिंह जी के 300वें जयंती पर वर्ष 1999 में शुरू हुआ था और 2011 में उसका उद्घाटन किया गया था। इस स्मारक का निर्माण सिख धर्म के इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय है।
विरासत-ए-खालसा स्मारक का आकार 25 एकड़ है और इसमें संग्रहालय, लाइब्रेरी, कॉन्फ्रेंस हॉल, रिसर्च सेंटर, नृत्य और संगीत कक्ष और पार्क शामिल हैं। स्मारक में लगभग 1,00,000 आइटम हैं जो सिख धर्म, इतिहास, संस्कृति और जीवनशैली से जुड़े हैं।
वीरासत-ए-खालसा में आप सिख धर्म के इतिहास, संस्कृति और जीवन के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इसमें आप सिख धर्म के महान योद्धा, संत और गुरुओं के जीवन के बारे में जान सकते हैं।
इस संग्रहालय में सिख धर्म और सिख इतिहास से जुड़े विभिन्न विषयों पर जानकारी है। इसमें सिख धर्म की उत्पत्ति, गुरु नानक देव जी से गुरु गोविंद सिंह जी तक के सिख गुरुओं का इतिहास, सिख धर्म के महान व्यक्तित्वों के जीवन परिचय, सिख युद्धों का इतिहास, सिख धर्म में अद्भुत कला-संस्कृति, और सिखों के विष्व भर में दिए योगदान जैसे विषय शामिल हैं।
इसके अलावा, यह स्मारक वैश्विक स्तर पर सिख धर्म के बारे में जागरूकता फैलाने का भी काम करता है।
इस स्मारक के निर्माण में करीब 4.5 अरब रुपये खर्च हुए थे। यह स्मारक अनंदपुर साहिब के पास स्थित है और इसे पंजाब के सिख धर्म का राजधानी माना जाता है।
विरासत-ए-खालसा की विशेषताएं में से एक यह है कि यह संग्रहालय काफी आकर्षक है |
विरासत-ए-खालसा का डिज़ाइन
विरासत-ए-खालसा की इमारत का डिज़ाइन ही इसको सबसे खास बनाता है, दूर से देखने पर आपको इस बात का पता चल जाता है , आपने आज तक इसके जैसी कोई भी इमारत नहीं देखि होगी , इसकी रचना बहुत ही खूबसूरत तरिके से की गई है | इस इमारत को Israeli architect Moshe Safdie द्वारा बनाया गया है |
यह इमारत एक किले-शैली के डिजाइन में बनाई गई है | इसके चरों तरफ एक झील बनाई गई है इसके ऐन्ट्री स्थान को एक खड्ड के दोनों ओर दो इमारतों को जोड़ने वाला पुल है। पश्चिम में छोटे भवन परिसर में एक शानदार प्रवेश द्वार प्लाजा, अनुसंधान और एक दो मंजिला पुस्तकालय, कई प्रदर्शनी कमरे और 400 की क्षमता वाला एक विशाल हाल शामिल है।
रात को छतों पर पड़ती रोशनी से दीखता आकाश का प्रतिबिंब और इसकी इमारतों और पुल के बीच में विरासत ए खालसा की शानदार सुंदरता देखने लायक होती है ऐसी के साथ क्षेत्र की हरियाली और शांति यात्रिओं के दिल में एक छाप छोड़ती है।
विरासत-ए-खालसा ने सबसे ज्यादा देखे जाने वाले स्थान की संख्या के बारे में रिकॉर्ड तोड़ दिया है क्योंकि संग्रहालय को भारतीय उपमहाद्वीप में सबसे अधिक देखे जाने वाले संग्रहालय के रूप में मान्यता दी गई है। 20 मार्च, 2019 को एक दिन के लिए दर्शकों की संख्या, भारत में किसी भी संग्रहालय को देखे जाने का अब तक का सबसे अधिक रिकॉर्ड किया गया था।
इसकी स्थापना के 8 साल तक 10 मिलियन से अधिक लोग इसे देख चुके हैं जो के अभी और ज्यादा हो चुकें होंगे |
विरासत-ए-खालसा देखने का समय
सोमवार - बंद
मंगलवार से शनिवार - सुबह 10:00 बजे से शाम 04:30 बजे तक
रविवार - सुबह 08:00 बजे से शाम 06:00 बजे तक
विरासत इ खालसा को देखने के लिए आपको कम से कम 3-4 घंटे का समय जरूर चाहिए |
टिकट कीमत
वीरासत-ए-खालसा के दर्शन करने के लिए आपको कोई वि पैसा देने की जरूरत नहीं है , इसका टिकट बिल्कुल फ्री है लेकिन आपको अंदर जाने से पहले टिकट जरूर लेना होगा |
उन लोगों के लिए पूरे दिन का पास 100 रुपये में उपलब्ध है, जो पूरा दिन परिसर में बिताना चाहते हैं और वास्तु विवरण का अध्ययन करना चाहते हैं।
विरासत-ए-खालसा कैसे पहुंचे
विरासत-ए-खालसा तक विभिन्न साधनों द्वारा आसानी से पहुँचा जा सकता है। आप कार से चंडीगढ़ से आनंदपुर साहिब तक लगभग 2 घंटे में ड्राइव कर सकते हैं। कई राज्य से आती बसें आनंदपुर साहिब को पंजाब के अन्य शहरों से जोड़ती हैं। एक सीधी ट्रेन (Cdg जनशताब्दी) है जो चंडीगढ़ से रोजाना सुबह 07:15 बजे निकलती है और सुबह 08:58 बजे आनंदपुर साहिब पहुंचती है।