भारत के पश्चिम भाग में गुजरात एक बड़ा राज्य है| गुजरात में देखने के लिए बहुत कुछ है धार्मिक स्थलों से लेकर समुद्र, बड़े शहर, कच्छ का रण और बहुत सारी ईतिहासिक जगहें| आज इस पोस्ट में हम गुजरात के यूनेस्को विश्व विरासत धरोहर स्थल के बारे में जानेंगे| इस समय गुजरात में चार यूनेस्को विश्व विरासत धरोहर स्थल निम्नलिखित अनुसार है|
1.चंपानेर-पावागढ़ पुरातात्विक उद्यान
2. रानी की वाव
3. अहमदाबाद हैरीटेज सिटी
4. धोलावीरा
1. चंपानेर- पावागढ़ पुरातत्व उद्यान
चंपानेर गुजरात का यूनेस्को विश्व विरासत धरोहर स्थल है| चंपानेर पावागढ़ के पहाडों के पैरों में बसा हुआ है| चंपानेर वड़ोदरा से 47 किमी दूर है| चंपानेर गुजरात की पुरानी राजधानी रहा है| चंपानेर का नाम चंपा भील के नाम पर पड़ा है| चंपानेर चौहान राजपूतों की राजधानी थी | इसको मुस्लिम सुलतान महमूद बेगड़ा ने 1484 ईसवीं में अपने कबजे में ले लिया| उसने चंपानेर में मस्जिद, पैलेस और मकबरों का निर्माण करवाया| चंपानेर 1535 तक गुजरात की राजधानी रहा है| चंपानेर में देखने के लिए बहुत ईतिहासिक जगहें है|
जामी मस्जिद- इस मस्जिद का निर्माण 1523 ईसवीं में हुआ| इसमें 172 स्तंभ बने हुए हैं और 30 मीटर के मीनार बने हुए हैं जो इसको बहुत दिलकश बना देते हैं|
पावागढ़ किला - पावागढ़ किला 820 मीटर की ऊंचाई पर चंपानेर से 4.5 किमी दूर है| यह किला हिन्दू, जैन और मुस्लिम कला के मिश्रण से बना हुआ है| अब यह किला खंडहर वाली हालत में है| इसके रास्ते में ही सत महल के खंडहर मिलेगें| सत महल सांत मंजिला पैलेस था जिसको चौहान राजपूतों ने बनाया था|
कालिका मंदिर - पावागढ़ की पहाडियों में कालिका माता का प्राचीन मंदिर बना हुआ है| यहाँ पर हर साल लाखों श्रदालु आते हैं| यहाँ पहुंचने के लिए रोपवे भी बना हुआ है|
रानी की वाव
वाव कुएँ को कहते हैं और इस वाव को रानी उदयमति ने अपने पति सोलंकी वंश के राजा भीमदेव 1 की याद में बनाया। यह वाव बहुत ही खूबसूरत बनाया हुआ है, सीढियों से उतर कर नीचे तक जाया जा सकता हैं, यह वाव लोगों को पानी सपलाई करने के लिए बनाया गया। यह वाव 27 मीटर गहरा हैं, लगभग 500 के करीब कलाकृतियों से भरा पड़ा हैं जो पत्थर पर नककाशी करके बनाई हुई हैं, जिसमें विष्णु जी के 10 अवतारों, नाग कन्या, योगिनी, अपसरा सोला शिगार करती हुई बनी हुई हैं। दोस्तों मैंने यहां 150 रूपये में एक गाईड ले लिया जिसने मुझे यह सब बताया और दिखाया। इस जगह को घूमकर मुझे बहुत आनंद आया, हमारा भारत म इतनी खूबसूरत धरोहरों से भरा पड़ा हैं, जरूरत हैं वहां जाकर इनको देखने की, ईतिहास को महसूस करने की।
कैसे पहुंचे- रानी की वाव अहमदाबाद से 125 किमी दूर 2.5 घंटे में पहुंच सकते हैं, मेहसाणा से 65 किमी, सिद्ध पुर 34 किमी हैं जो पाटन के बहुत पास का रेलवे सटेशन हैं यहां से बस से पाटन जा सकते हो। पाटन में रहने के लिए बहुत सारे होटल हैं।
अहमदाबाद गुजरात का सबसे बड़ा शहर है| अहमदाबाद को भारत का मानचैसटर भी कहा जाता है कयोंकि यहाँ की इंडस्ट्री पूरे भारत में मशहूर है| दोस्तों मैं जब भी पंजाब से राजकोट जाता हूँ तो रास्ते में अहमदाबाद आता है | अहमदाबाद की यात्रा मैंने बहुत बार की है| अहमदाबाद एक वर्ल्ड हैरीटेज शहर है | अगर अहमदाबाद के ईतिहास की बात करें तो इस शहर को गियारवीं शताब्दी में सोलंकी राजा कर्णदेव-1 ने साबरमती नदी के किनारे पर बसाया था| सोलंकी राजा कर्णदेव पहले पाटन का राजा था| उस समय इस शहर का नाम कर्णावती रखा गया था| सोलंकी राजाओं का राज 13 वीं शताब्दी तक रहा| उसके बाद वघेला शासकों का राज्य आया | फिर 14 वीं शताब्दी में सुलतान अहमद शाह ने कर्णवती का नाम बदल कर अहमदाबाद रख दिया और अपनी राजधानी बना लिया| अहमदाबाद की कुल आबादी 90 लाख के आसपास है | अहमदाबाद के काफी कुछ है देखने के लिए | मैं अहमदाबाद रेलवे स्टेशन से पैदल चल कर ही पुराने शहर को देखने के लिए निकल पड़ा | आईए जानते हैं कया है अहमदाबाद में घूमने के लिए |
1. जामा मस्जिद अहमदाबाद
यह अहमदाबाद की सबसे खूबसूरत मस्जिद है जिसका निर्माण 1423 ईसवीं में हुआ| इस शानदार मस्जिद को सुलतान अहमद शाह ने बनाया है जिसके नाम पर इस शहर का नाम पड़ा है | इस मस्जिद में कुल 260 पिलर और 15 गुंबद बने हुए हैं| यह मस्जिद तीन दरवाजा के पूर्व दिशा में M. G रोड़ के सामने मौजूद है| मैं इस मस्जिद को देखने के लिए दोपहर को पहुंचा था | मस्जिद में की हुई कलाकारी लाजवाब है | आप जब भी अहमदाबाद आए इस जगह पर जरुर घूमना |
2. सिदी सैयद मस्जिद
यह भी अहमदाबाद की मशहूर जगहों में से एक है | इस मस्जिद का निर्माण 1573 ईसवीं में हुआ| इस मस्जिद में पत्थर की जाली के ऊपर की हुई कलाकारी बहुत खूबसूरत है | पत्थर की जाली पर बना हुआ वृक्ष और उसकी शाखाएँ को " Tree of Life " कहा जाता है जो अहमदाबाद शहर का Symbol है| यह जगह अहमदाबाद की खूबसूरत कलाकारी को प्रदर्शित करती है |