नमस्कार दोस्तों पिछले कुछ दिन पहले मुझे राजस्थान के बूंदी शहर को देखने का मौका मिला| बूंदी राजस्थान का एक हैरीटेज शहर है | यहाँ पर आपको अरावली पर्वत की पहाड़ियों से लेकर जंगल, झील, महल, पैलेस, किले, मयुजियिम, बावड़ियों , छतरियों आदि एक ही शहर में देखने के लिए मिल जाऐगें| बूंदी राजस्थान की मानसून डैसटीनेशन के लिए भी मशहूर है| बूंदाबांदी में बूंदी को घूमने का मजा ही कुछ और है| मैंने भी लगातार हो रही बूंदाबांदी में बूंदी को घूमने का आनंद लिया | बूंदी में कया कया घूमा जाए | बूंदी और कोटा ईलाके पर कभी हाड़ा चौहान राजपूत राज करते थे| बूंदी की पेंटिंग पूरे विश्व में प्रसिद्ध है| बूंदी को बावड़ियों का शहर भी कहा जाता है| बूंदी में देखने के लिए काफी कुछ है| निम्नलिखित अनुसार बूंदी में घूमने के लिए जगहों के बारे में लिखा गया है |
1. गढ़ पैलैस
गढ़ पैलेस बूंदी का सबसे खूबसूरत आकर्षण है| यह बूंदी का किला है| हाथी पोल के रास्ते से आप इस खूबसूरत किले में प्रवेश करते हो| हाथी पोल एक खूबसूरत दरवाजा है जिसके दोनों साईड पर पत्थर के दो हाथी बने हुए हैं| जो आपका इस गढ़ में सवागत करते हुए प्रतीत होते हैं| जैसे ही आप अंदर प्रवेश करते हो तो आप रतन दौलत में पहुँच जाते हो | सरल भाषा में इस जगह को हम दीवाने आम कह सकते हैं | जहाँ राजा अपनी परजा की फरियाद सुनता था| रतन दौलत में मार्बल का एक शानदार सिंघासन आज भी पड़ा हुआ है जो राजा का सिंघासन है | गढ़ पैलेस में प्रवेश के लिए आपको 80 रुपये की टिकट लेनी पड़ती है| जब मैं गढ़ पैलेस में गया था तो बहुत तेज़ बारिश हो रही थी | बारिश के बीच ही मैंने रतन दौलत देखने के बाद छतर महल को देखा| छतर महल को महाराज छतरुसाल जी ने बनाया था| इस महल के कमरे में लाल, सुनिहरी और नीले रंग की खूबसूरत पेंटिंग बनी हुई है| इसके आगे फूल महल और बादल महल आते हैं जो अपनी खूबसूरत पेंटिंग के लिए मशहूर है|
2. चित्रशाला
गढ़ पैलेस में ही एक चित्रशाला गैलरी है | जहाँ बनी हुई खूबसूरत पेंटिंग पूरे विश्व में प्रसिद्ध है| बहुत सारे विदेशी सैलानी इन पेंटिंग को देखने के लिए ही बूंदी में आते हैं| चित्रशाला गैलरी में रागमाला और रासलीलाओं ( कृष्ण-राधा) की प्रेम कहानी को प्रदर्शित करती हुई बहुत खूबसूरत पेंटिंग बनी हुई है| चित्रशाला की छत पर की हुई मीनाकारी भी दिलकश है| चित्रशाला में पेंटिंग में नीले, हरे, सफेद, लाल रंगों का उपयोग किया गया है| महारानी और राजा के चित्र में बने हुए हैं| एक साईड में पूरे बूंदी शहर का भव्य चित्र बना हुआ है जो आपका मन मोह लेता है| एक जगह पर राजपूतों की वीरता दिखाते हुए युद्ध चित्र बनाए गए है| इसके अलावा सावन की तीज, राणा जी दासियों के साथ आदि चित्र बनाए गए है| बूंदी में अगर घूमने जाए तो चित्रशाला गैलरी को देखना मत भूलना | इसी चित्रशाला गैलरी के चित्र को देखकर बूंदी में बूंदी पेंटिंग बनायी जाती हैं जिसकी कीमत दस हजार तक भी चल चली जाती है| आजकल चित्रशाला ASI ( Archeological Survey of India) के अधीन है| चित्रशाला गैलरी देखने के लिए कोई भी टिकट नहीं लगती | आप इसे मुफ्त में देख सकते हो|
तारागढ़ किले को राजा बर सिंह ने 1354 ईसवीं में बनाया था| यह खूबसूरत किला 1426 फीट की ऊंचाई पर बना हुआ है| यह किला भी बूंदी में घूमने लायक जगहों में से एक है| यहाँ पहुंचने के लिए खड़ी चढ़ाई चढ़नी पड़ती है | गढ़ पैलेस से भी एक रास्ता तारागढ़ किले की ओर जाता है | इस किले में भीम बुर्ज बना हुआ है जो इस किले का सबसे ऊँचा पुवाईट है |
4. नवलसागर झील
बूंदी शहर के बीच नवलसागर झील बनी हुई है| यह झील बहुत खूबसूरत है| इस झील में एक तरफ वरुण देवता का मंदिर बना हुआ है| गढ़ पैलेस से भी नवलसागर झील का खूबसूरत नजारा दिखाई देता है|
5. रानी जी की बावड़ी
बूंदी को बावड़ियों का शहर भी कहा जाता है| इनमें से रानी जी की बावड़ी सबसे प्रसिद्ध है| यह बावड़ी 46 मीटर गहरी है | इसको रानी ने बनाया था इसीलिए इसको रानी जी की बावड़ी कहते हैं| इसके अंदर बहुत खूबसूरत कलाकारी की हुई है| इसके तोरण, दीवारें, गेट आदि सुंदर मूर्ति कला से सजे हुए हैं | इसके अंदर प्रवेश करने के लिए टिकट लगती है| यहाँ पर आप 75 रुपये देकर तीन जगहों की इकट्ठी टिकट ले सकते हो | जिसमें आप रानी जी की बावड़ी, 84 खंभो की छतरी, सुख महल और बूंदी मयुजियिम देख सकते हो | मैंने भी इस टिकट से इन सारी जगहों को देखा | सबसे पहले मैं रानी जी की बावड़ी देखने गया | इसकी शानदार कलाकारी देखने लायक है|
6. 84 खंभो की छतरी
बूंदी की ईतिहासिक धरोहरों में 84 खंभों की छतरी का विशेष सथान है| 84 खंभों की छतरी को बूंदी के महाराज अनिरुद्ध सिंह ने अपनी धाई के पुत्र की याद में बनाया था| यह तीन मंजिला ईमारत है| सीढ़ियों को चढ़ते हुए आप इसके अंदर प्रवेश करते हो| इसके बिलकुल बीच में शिवलिंग बना हुआ है| इसकी दीवारों और छत पर की हुई कलाकारी लाजवाब है | आप इसकी दीवारों पर की हुई मूर्ति कला को देखते हुए इस खूबसूरत छतरी की प्रकिमा भी कर सकते हो| इस छतरी को देखने के लिए आपको टिकट लेनी पड़ेगी| अगर आपने तीन जगहों वाली सिंगल टिकट ले रखी है तो आप उसी टिकट में इसको देख सकते हो| यहाँ पर भी मैंने इस छतरी को देखकर इसकी कुछ खूबसूरत तस्वीरें खींची | बूंदी की यह ईतिहासिक धरोहर देखने लायक है|
7. सुख महल और बूंदी संग्रहालय
बूंदी शहर से थोड़ी दूर एक और खूबसूरत जैत सागर झील बनी हुई है जिसके पानी के ऊपर आपको कमल के फूल भी देखने के लिए मिलेगें| आसपास अरावली की पहाड़ियों के बीच जैत सागर झील शानदार नजारा पेश करती है| इसी झील के किनारे पर एक चबूतरे की तरह खूबसूरत सुख महल बना हुआ है | इसी सुख महल से झील का बहुत सुन्दर दृश्य देखने के लिए मिलेगा| सुख महल को महाराज विष्णु सिंह के कार्यकाल में बनाया गया था| यह बूंदी के राजा का समर पैलेस हुआ करता था| मैं भी इस जगह पर दोपहर को पहुंचा था | सुख महल से दिखाई देती जैत सागर झील के दृश्य ने मंत्रमुग्ध कर दिया| काफी समय तक मैं झील और पहाड़ियों के दृश्य को निहारता रहा|
इसी सुख महल के आगे बूंदी संग्रहालय बना हुआ है | इस संग्रहालय और सुख महल के अंदर प्रवेश की टिकट लगती है | मैंने इस सिंगल टिकट को रानी जी की बावड़ी में ही ले लिया था| बूंदी संग्रहालय के अंदर आपको बूंदी रियासत के शस्त्र और हथियार देखने को मिलेगें| एक हाल में बूंदी के आसपास मिली प्राचीन मूर्तियों को रखा गया है जो देखने लायक है | इस तरह मैंने बूंदी शहर की यात्रा में इन सारी जगहों को देखा और कोटा शहर के लिए बस पकड़ ली |
कैसे पहुंचे?
बूंदी राजस्थान का जिला है | बूंदी बस और रेलमार्ग से राजस्थान के अलग अलग शहरों से जुड़ा हुआ है| बूंदी में रेलवे स्टेशन भी है लेकिन दूसरे राज्यों से आने के लिए आपको कोटा रेलवे स्टेशन बेहतर विकल्प रहेगा| आप कोटा से बस से एक घंटे में बूंदी पहुंच सकते हो |
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