राजस्थान अपने आप में पर्यटकों के लिए एक खजाना हैं जहाँ एक्स्प्लोर करने के लिए इतनी चीजें हैं कि महीनें कम पड़ जाएँ। किले ,बावड़ियां ,मंदिर तो यहाँ इतने हैं कि कुछ भी कर लो कोई न कोई घूमना छूट ही जाता हैं। पर ये चीजें तो काफी गहरे तरीके से घूमने वालों के लिए हैं। अगर आप परिवार या अपने दोस्तों के साथ राजस्थान घूमने के लिए निकले हैं और कुछ हट कर जगह ढूंढ रहे हैं तो जयपुर से करीब 200 किमी दूर बसा बूंदी शहर आपको शानदार लुभाएगा।
शहर में प्रवेश करने पर तारागढ़ किला करता हैं आपका स्वागत :
बूंदी में घूमने को तो वैसे काफी जगहें हैं लेकिन बूंदी सैलानियों के बीच दो चीजों के लिए प्रसिद्द हैं और वें हैं - एक तो तारागढ़ किला और दूसरा बावड़ियाँ।बूंदी राजस्थान के हाड़ोती क्षेत्र का एक जिला हैं और यकीन मानियेगा हाड़ोती क्षेत्र के सभी किलों में बूंदी का तारागढ़ सबसे ज्यादा प्रसिद्द हैं इसका कारण हैं इसकी बसावट। यह एक पहाड़ी के ऊपर बसा हुआ हैं। बूंदी शहर में अगर आप जयपुर की तरफ से एंट्री करोगे तो मुख्य हाईवे से ही इसकी भव्यता का नजारा आपको दिख जाएगा। बूंदी का यह किला करीब 1400 फीट ऊंचे पर्वत पर बना हुआ है। इसका निर्माण 1354 ईस्वी में बूंदी के संस्थापक राव देव हाड़ा ने करवाया था।किले का काफी हिस्सा वैसे तो जीर्ण शीर्ण हो रहा हैं पर फिर भी अंदर बगीचों के साथ बने विशाल हॉल ,महल आपको लुभाएंगे।यहाँ पर आपको गढ़ पैलेस भी देखने के लिए मिलता है। दोनों चीजें पास ही बनी हुई हैं।
इस दुर्ग में आपको रंग विलास, रतन दौलत, रतन विलास, दीवान ए आम,हथिया पोल, रंग मंडप, दरी खाना घूमने के लिए मिलते हैं। इन महलों का निर्माण अलग अलग समय में करवाया गया था।यहाँ के छत्र महल, फूल महल एवं बादल महल में खूबसूरत भित्ति चित्र भी बनाए गए हैं।यहाँ की चित्रशाला (उम्मेद महल )विदेशियों को काफी आकर्षत करती हैं।जहाँ पर इतिहास की काफी घटनाये बनायीं हुई हैं।
तारागढ़ से बूंदी जिले का बहुत खूबसूरत दृश्य देखने के लिए मिलता है।सूर्यास्त के समय चारों तरफ पहाड़ियों का दृश्य आपको अपना कैमरा निकालने को मजबूर कर देगा।
इसे कहते हैं राजस्थान में बावड़ियों का शहर :
बावड़ी से मतलब एक जल स्थापत्य से हैं। इसमें एक गहरा कुआँ और कुंड होता हैं ,जहाँ नीचे पहुंचने के लिए खूबसूरत सीढ़ियां बनी होती हैं। जिसके साथ साथ यहाँ देवी देवताओं की कई प्रतिमाएं भी बनायीं जाती हैं। आपने बावड़ी वाला दृश्य फिल्म भूलभुलैया में भी देखा होगा। बूंदी को 'सिटी को स्टेपवेल्स' भी कहते हैं। बूंदी शहर में करीब 50 ऐतिहासिक बावड़ियां हैं और पुरे जिले में यह संख्या करीब 700 है। यहाँ की मुख्य बावड़ियों में धाभाई की बावड़ी ,रानी जी की बावड़ी ,गुलाब बावड़ी ,मेघनाथ की बावड़ी आदि हैं।
जैतसागर के किनारे देखे खूबसूरत छतरियां :
बूंदी में सुख महल प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। यह महल जैतसागर के किनारे बना हुआ है। जिसका मुख्य आकर्षण जैतसागर के किनारे सफेद मार्बल से बनी खूबसूरत छतरियां है।सुख महल को गर्मियों में इस्तेमाल किया जाता था क्योंकि यह महल गर्मियों में ठंडक प्रदान करता हैं।इस महल से जैतसागर का सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है।यहाँ से छतरियों की फोटोग्राफी करने भी काफी फोटोग्राफर्स हर साल पहुंचते हैं।
इतना ही नहीं यहाँ के छोटे छोटे पर्यटन स्थलों को भी मिलाया जाए तो लिस्ट काफी लम्बी हो जायेगी। कुछ जगह जो कि समय मिलने पर यहाँ देख आणि चाहिए वे हैं - सरकारी संग्राहलय ,नवल सागर झील ,84 खम्भों की छतरी ,शिकार बुर्ज ,चौथ माता मंदिर आदि
बूंदी के काफी इलाके वनों से आच्छादित हैं ,इसीलिए बारिश के समय ये जगह अपने आप में स्वर्ग बन जाती ह विदेशी सैलानियों को यहाँ की हरियाली ,किले ,राजस्थानी कल्चर ,प्राचीन इमारतें बड़ी आकर्षित करती हैं।
अन्य नजदीकी पर्यटन स्थल : कोटा शहर ,मेनाल झरना ,गराडिया महादेव।
सही समय : अप्रैल से जून के अलावा आप यहाँ कभी भी आइये।
कैसे पहुंचे :यहाँ का नजदीकी हवाईअड्डा जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट है। जयपुर से बूंदी के लिए काफी पब्लिक ट्रांसपोर्ट आसानी से मिल जाते हैं। अगर आप रेलमार्ग से आते हैं तो बूंदी रेलवे स्टेशन पर आपको उतरना होगा।
-ऋषभ भरावा