उजबेकिस्तान के बुखारा शहर में तीन दिन की घुमक्कड़ी

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Photo of उजबेकिस्तान के बुखारा शहर में तीन दिन की घुमक्कड़ी by Dr. Yadwinder Singh

दोस्तों समरकंद घूमने के बाद हमने सोचा आगे बुखारा जाऐंगे| बुखारा जाने के लिए मैंने उजबेकिस्तान रेलवे की एप से पहले ही दो टिकट बुक कर दी थी|

समरकंद घूमकर हमने रेलवे स्टेशन जाने के लिए टैक्सी बुक की | टैक्सी ड्राइवर को सिर्फ रशीयन भाषा आती थी तो बहुत समस्या हुई | 

वह समझ रहा था हमने कहीं एयरपोर्ट जाना है| फिर हमने गूगल मैप लगाकर ईशारे से ही समझाया तब जाकर हम समरकंद रेलवे स्टेशन की तरफ बढने लगे| 

यहाँ की भाषा में रेलवे स्टेशन को वोकजाल कहा जाता है| ताशकंद, समरकंद और बुखारा रेलवे स्टेशन पर वोकजाल लिखा हुआ पढ़ा था| 

जैसे तैसे करके हम समरकंद वोकजाल (रेलवे स्टेशन) पहुँच गए| स्टेशन के प्रवेश द्वार पर हमारे बैग की सुरक्षा जांच हुई| 

फिर हम समरकंद वोकजाल में प्रवेश कर गए| रेलवे स्टेशन पर कोई शोर शराबा नहीं था जैसे हमारे एयरपोर्ट होते हैं उस तरह की खूबसूरती यहाँ के रेलवे स्टेशन पर थी| 

समरकंद के रेलवे स्टेशन पर कोई भीड़ नहीं थी| हमने रेलवे अधिकारी से पूछा तो उसने बताया आपकी गाड़ी पलेटफार्म नंबर 2 पर 12.18 बजे दोपहर को आऐगी और 12.40 बजे चलेगी| 

हम वहाँ पहुँच कर अपनी रेलगाड़ी का इंतजार करने लगे|

समरकंद रेलवे स्टेशन के बाहर घुमक्कड़

Photo of Railway station by Dr. Yadwinder Singh

समरकंद रेलवे स्टेशन

Photo of Railway station by Dr. Yadwinder Singh

कुछ ही देर में हमारी रेलगाड़ी आ जाती है और हम 10 नंबर डिब्बे में 5 और 6 नंबर पर अपनी सीट में बैठ जाते हैं| रेलगाड़ी एसी थी | 

रेलगाड़ी में चाय पानी और खानपान वाले लोग आते है| हमने दो डिब्बे जूस के लिए| खाना हम समरकंद में ही खाकर आए थे| 

डिब्बे में कोई शोर शराबा नहीं था | सब लोग चुपचाप अपनी सीट पर बैठे थे| रेलगाड़ी अपने सही समय पर चल पड़ती है| 

उजबेकिस्तान की खूबसूरत रेलगाड़ी के सफर के नजारे लेते हुए रास्ते के पहाड़, खेत, शहर आदि देखते हुए हम साढ़े तीन बजे बुखारा रेलवे स्टेशन पहुँच जाते हैं| बुखारा में समरकंद से भी ज्यादा गर्मी थी | 

बुखारा रेलवे स्टेशन से टैक्सी लेकर हम ओल्ड बुखारा शहर की तरफ बढ़ जाते हैं|

हमारी रेलगाड़ी

Photo of Bukhara by Dr. Yadwinder Singh

बुखारा रेलवे स्टेशन उजबेकिस्तान

Photo of Bukhara by Dr. Yadwinder Singh

बुखारा में हम सबसे पहले अपने होटल Jumadaler पहुंचे| इस होटल को हमने दो रात के लिए बुक कर लिया था जिसमें हमारा ब्रेकफास्ट भी शामिल था| 

बुखारा शहर में हम कुल तीन दिन रुके थे| बड़े आराम से और शानदार तरीके से हमने बुखारा शहर को घूमा था| 

बुखारा शहर की पहली शाम को ही हम एक दुकान पर गए बहुत सारे फलों को खरीदा| आलु बुखारा का नाम भी बुखारा शहर से ही जुड़ा हुआ है| 

उस दुकानदार ने हमें बताया अलु शब्द का अर्थ होता है गहरा डार्क रंग और बुखारा शहर साथ जुड़ गया| 

उस दिन शाम को बुखारा शहर की पैदल चलते हुए सैर पर निकले तो हम रास्ते में आलु बुखारा खा रहे थे | 

वहाँ के आलु बुखारे साईज में भी भारतीय आलु बुखारे से बड़े है| बुखारा उजबेकिस्तान का एक खूबसूरत शहर है| 

बुखारा शहर के मदरसे, मीनार और मस्जिद देखने लायक है| बुखारा शहर की घुमक्कड़ी आपको पुराने जमाने में ले जाऐगी| 

बुखारा शहर में अभी भी आप को कच्ची ईटों के घर देखने के लिए मिलेगे| हमें बुखारा शहर की गलियों में घूमकर बहुत आनंद आया|

बुखारा उजबेकिस्तान

Photo of बुखारा by Dr. Yadwinder Singh

बुखारा उजबेकिस्तान में घुमक्कड़

Photo of बुखारा by Dr. Yadwinder Singh

बुखारा में पहली रात होटल में गुजारने के बाद हमने सुबह उठकर होटल में ही ब्रेकफास्ट किया| 

उजबेकिस्तान के लोग सुबह के ब्रेकफास्ट में फलों का बहुत उपयोग करते हैं|

उजबेकिस्तान का ब्रेकफास्ट शानदार था टेबल पर बहुत सारे फल फरूट थे आलू बुखारा, तरबूज, खरबूजा आदि | 

इसके साथ आमलेट चाय कौफी| ब्रेकफास्ट करने के बाद हमने बुखारा शहर घूमने के लिए टैक्सी बुक कर ली | 

टैक्सी ड्राइवर हमें शहर से बाहर कुछ किलोमीटर दूर एक मस्जिद दिखाने के लिए ले गया| 

जगह बहुत खूबसूरत थी मस्जिद भी बहुत शानदार थी अंदर लकड़ी की छत और पिलर बने हुए थे| बुखारा को सूफियों का शहर भी कहा जाता है| 

इस खूबसूरत मस्जिद को देखने के बाद हम बुखारा के मशहूर समर पैलेस को देखने गए| बुखारा के बाहर सड़क पर गाड़ी का सफर बहुत आनंदित कर रहा था| 

एक जगह पर हमने सेब का बाग देखा तो हमने अपने टैक्सी ड्राइवर को बोला कया हम सड़क से नीचे उतर कर सेबों के बाग में जा सकते हैं| 

हमारा टैक्सी ड्राइवर बोला जरूर जा सकते हैं फिर उसने एक जगह पर गाड़ी रोकी और हम सड़क से नीचे उतर कर सेबों के बाग में घुस गए| 

जहाँ हमने सेब तोड़ कर खाए| सेब खाने के बाद हम दुबारा टैक्सी में बैठे और समर पैलेस आफ बुखारा की तरफ चल पड़े| 

कुछ देर बाद हम समर पैलेस के बाहर पहुँच जाते है| टिकट लेकर हम समर पैलेस में प्रवेश कर गए| समर पैलेस बुखारा शहर से बाहर बहुत खुली जगह में बना हुआ है|

यहाँ का वातावरण बहुत प्राकृतिक था| छोटे छोटे गार्डन बने हुए हैं जिसमें मोर नाच रहे थे| 

बुखारा के इस खूबसूरत समर पैलेस का निर्माण बुखारा के आखिरी अमीर राजा मीर सय्यद मुहम्मद अलीमश खान ने 1912 ईसवीं से लेकर 1918 ईसवीं के बीच में करवाया था| 

इस पैलेस में बहुत सारे रिसेप्शन हाल के साथ अमीर के लिए प्राईवेट कमरे आदि देखने लायक है|इस सब में से वाईट हाल बहुत आकर्षिक है| 

समर पैलेस में शीशे की खूबसूरत कलाकारी दर्शनीय है| बुखारा के आखिरी अमीर राजा से संबंधित बर्तन, कराकरी आदि सामान संभाल कर रखा गया है| 

हमने दो घंटे इस खूबसूरत पैलेस में गुजारे थोड़ी बहुत फोटोग्राफी की | फिर हम समर पैलेस को देखकर वापस बुखारा शहर की ओर वापस चल पड़े|

समर पैलेस बुखारा

Photo of Sitorai-Mokhi-Khosa palace by Dr. Yadwinder Singh

समर पैलेस बुखारा में खूबसूरत कलाकारी

Photo of Sitorai-Mokhi-Khosa palace by Dr. Yadwinder Singh

समर पैलेस बुखारा में घुमक्कड़

Photo of Sitorai-Mokhi-Khosa palace by Dr. Yadwinder Singh

आर्क आफ बुखारा

अगले दिन बुखारा शहर को घूमते हुए हम आर्क आफ बुखारा को देखने के लिए चल पड़े| आर्क आफ बुखारा एक तरह का छोटा किला है| 

इसके निर्माण के बारे में कहा जाता है कि इसको पांचवी शताब्दी में बनाया गया था| इस किले में ही बुखारा शहर की कोर्ट कचहरी लगती थी| 

1920 ईसवीं में आर्क आफ बुखारा रुस के अधीन आ गया| अब यह बुखारा शहर की मशहूर टूरिस्ट जगह है जिसमें मयुजियिम भी बना हुआ है| आर्क आफ बुखारा को देखने के बाद आगे चल पड़े|

आर्क आफ बुखारा में घुमक्कड़

Photo of Ark of Bukhara by Dr. Yadwinder Singh

आर्क आफ बुखारा

Photo of Ark of Bukhara by Dr. Yadwinder Singh

कलोन मीनार

कलोन मीनार बुखारा की एक खूबसूरत जगह है| यहाँ पर एक ऊंची मीनार बनी हुई है| इस मीनार का निर्माण 1127 ईसवीं में हुआ था| 

इस खूबसूरत मीनार की ऊंचाई 45.6 मीटर लगभग 150 फीट है| बुखारा की इस जगह का नाम यूनैसको वर्ल्ड हैरीटेज साईट में शुमार है| 

मुहम्मद अर्सलन खान ने 1127 ईसवीं में मुसलमानों को पांच बार नमाज करने के लिए प्रेरित करने के लिए किया था| 

ताजिक भाषा में कलोन का अर्थ होता है महान | पूरे मध्य एशिया में कलोन मीनार सबसे ऊंची मीनार है| इसके अंदर ऊपर चढ़ने के लिए सीढ़ियों का निर्माण भी किया हुआ है लेकिन टूरिस्ट के लिए इस मीनार पर चढ़ना बंद है| 

हम इस खूबसूरत मीनार को शाम को देखने के लिए गए थे| रात की रोशनी में इस खूबसूरत मीनार को चार चांद लग गए थे| हमने रात में चमकती हुई इस मीनार के साथ फोटोग्राफी की | 

उस शाम को हमने इस जगह पर एक खूबसूरत शाम बिताई | वहाँ पर हमें बहुत सारे टूरिस्ट मिले कुछ यूरोप के टूरिस्ट, उजबेकिस्तान के टूरिस्ट मिले जिनके साथ हमने बातचीत की| कलोन मीनार के साथ ही कलोन मस्जिद बनी हुई है| 

यह मस्जिद इतनी विशाल है कि उसमें 10,000 वयक्ति एक साथ नमाज पढ़ सकते हैं|

कलोन मीनार बुखारा

Photo of Kalon-Minarett by Dr. Yadwinder Singh

कलोन मीनार बुखारा उजबेकिस्तान में घुमक्कड़

Photo of Kalon-Minarett by Dr. Yadwinder Singh

लयाबी हौज

हौज का अर्थ होता है पानी वाली जगह या तालाब| ताजिक भाषा में लयाबी हौज का अर्थ है पानी के आसपास की जगह | 

लयाबी हौज में एक खूबसूरत तालाब बना हुआ है जिसके आसपास एक फूड पलाजा बना हुआ है| 

लोग यहाँ आते हैं शाम को तालाब के पास बने हुए फूड सटाल पर डिनर करते हैं| रात को चमकती हुई लाईट इसकी खूबसूरती को और बढ़ा देती है| 

हम लयाबी हौज को दो तीन बार देखने गए| एक बार दिन में और दो बार रात को | एक रात का डिनर भी यहाँ किया| 

लयाबी हौज के पास एक खूबसूरत मदरसा भी बना हुआ है | लयाबी हौज के पूर्वी भाग में हौजा नसरुदीन बना हुआ है जहाँ पर मुल्ला नसरुदीन का उसके गधे के पास एक खूबसूरत बुत बना हुआ है| 

मुल्ला नसरुदीन के किस्से और हाज़िर जवाबी पूरी दुनिया में मशहूर थे| हमने भी मुल्ला नसरुदीन के बुत के साथ अपनी यादगार तस्वीर खिंचवाई| 

लयाबी हौज के पास ही नादिर दिवानबेगी मदरसा और नादिर दिवानबेगी खनका आदि देखने लायक है| 

मदरसे में ही एक खूबसूरत मार्केट लगी हुई थी| जहाँ पर उजबेकिस्तान का सामान मिल रहा था| शाम को हमने लयाबी हौज के आसपास बनी फूड मार्केट में गुजारा| 

वही पर ही हमने एक रात का डिनर किया| फिर हम अपने होटल में वापस चले गए|

रात को लयाबी हौज घूमते समय घुमक्कड़

Photo of Lyabi Khauz by Dr. Yadwinder Singh

लयाबी हौज बुखारा

Photo of Lyabi Khauz by Dr. Yadwinder Singh

लयाबी हौज में मुल्ला नसरुदीन के बुत के साथ घुमक्कड़

Photo of Lyabi Khauz by Dr. Yadwinder Singh

चोर मीनार बुखारा

इसको चार मीनार भी कहा जाता है| यह भारतीय सटाईल से मिलता जुलता समारक है| 

इसमें एक ईमारत के ऊपर चारों तरफ चार छोटे छोटे मीनार बने हुए हैं जिस वजह से चार मीनार कहा जाता है| कुछ जगह पर इसका नाम चोर मीनार भी कहा जाता है|

हम जब सबसे पहले दिन बुखारा पहुंचे थे तो टैक्सी ड्राइवर ने हमें चार मीनार के सामने ही उतारा था हमारा होटल भी इस खूबसूरत जगह के पास ही था| 

तीन दिनों में लगभग चार बार हम इस जगह को देखने के लिए गए थे| बाहर से देखने से यह चार मीनार हैदराबाद के चार मीनार से मिलता जुलता है | 

हैदराबाद का चार मीनार इससे ज्यादा विशाल है| जिस दिन हमने बुखारा शहर से वापस जाना था उस दिन भी होटल से चैक आऊट करने के बाद भी हमने अपनी शाम चार मीनार पर बिताई थी| 

चार मीनार के आंगन में बहुत सारे फरुट लगे थे| हम दो तीन घंटे इस जगह पर बैठे थे तो हमने अंगूरों के गुच्छे तोड़ कर खाए बहुत आनंद आया| 

यही से ही हम टैक्सी बुक करके बुखारा रेलवे स्टेशन पर चले गए| बुखारा रेलवे स्टेशन से रेलगाड़ी पकड़ कर हम उजबेकिस्तान के ईतिहासिक शहर खीवा की ओर बढ़ गए|

चोर मीनार बुखारा में लगे हुए अंगूर जिनको तोड़ कर हमने खाया था

Photo of Chor Minor Madrasah by Dr. Yadwinder Singh

चार मीनार बुखारा उजबेकिस्तान में घुमक्कड़

Photo of Chor Minor Madrasah by Dr. Yadwinder Singh

चार मीनार बुखारा उजबेकिस्तान

Photo of Chor Minor Madrasah by Dr. Yadwinder Singh

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