दिल्ली के पास 3 बेहतरीन जगहें जहाँ आप तारों भरे आसमान तले रात बिता सकते हैं!

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क्या तुम कभी गाँव में खुले आसमान के नीचे सोए हो? अगर हाँ तो ये आर्टिकल तुम्हारे लिए ही है। अगर नहीं, तो तुम्हें पता चलेगा कि अभी तक तुमने क्या नहीं देखा।

मैं अपने गाँव में खुले आसमान के नीचे खूब सोया हूँ। वैसे ही गाँवों में बिजली कम ही आती है, सड़क पर लगी लाइटें हम बच्चे पत्थर मार कर तोड़ ही दिया करते थे। इस पर जब रात को घरों की बत्तियाँ बुझ जाती थी, तो रात को खाट पर लेते हुए आसमान के लाखों सितारे दिखते थे। खेतों से मिटटी की खुशबू लिए आती ठंडी हवा में आसमान के तले लेटे, तारों को निहारना सबसे गहरा मैडिटेशन हुआ करता था।

फिर मैं शहरों में रहने आया। शहरों में रहने वालों को सरकार 24 घंटे बिजली देती है। यहाँ इतनी रौशनी होती है कि टिमटिमाते तारे नहीं दिखते। दिखेंगे भी कैसे, रौशनी के अलावा धूल धुआं भी तो है यहाँ। मगर मैनें फैसला किया है कि इस साल 2020 में उन टिमटिमाते तारों की खोज में जाऊँगा। इसी प्रयास में राजस्थान के उन जगहों के बारे में लिख लिया है जहाँ सितारे मेरे गाँव से भी ज़्यादा साफ़ दीखते हैं।

मगर क्यों ना पहले ये समझ लें कि ऐसा किन होता है कि कहीं तारे दिखते हैं और कहीं नहीं:

बहुत ज़्यादा शहरी रौशनी : कभी धूप में अपने स्मार्टफोन की स्क्रीन देखने की कोशिश की है? यही कारण है कि शहरी आसमान में तारे नहीं देख पाते। कारण स्मार्टफोन नहीं, हमारे घरों और सडकों पर लगी लाइटें हैं। शहरों में बहुत रौशनी होती है। अगर हम अपने घरों में ही गिनें तो हमें एक दर्ज़न से ज़्यादा लाइटें मिल जाएँगी। अब सोचिये शहर के लाखों घरों और हज़ारों स्ट्रीट लाइट से कितनी रौशनी निकलती होगी।

बहुत ज़्यादा धूल धुंआ : शहरों के हर कोनें में जाने कितनी घर, अपार्टमेंट, फ्लैट बन रहे होते हैं, जिनसे रेत, सीमेंट, धूल उड़ती रहती है। सडकों पर देर रात तक भी गाड़ियाँ दौड़ती रहती हैं, जो धूल भी उड़ाती है और धुंआ भी छोड़ती है। शहरी सीमा पर बनी फैक्ट्रियों से धुआं उठता रहता है। इतने धूल-धुएं में तारों से परावर्तित होकर आती रौशनी हमारी आँखों तक पहुँच ही नहीं पाती है। इतनी धूल-धुएं के कणों से टकराकर बिखर जाती है।

भारत में स्टार गेजिंग के लिए सही जगहें :

सितारों के नज़ारे हमें वहाँ अच्छे दिखते हैं, जो जगहें

1. शहरों से दूर साफ़ जगह हों

2. अमावस के आस-पास के दिनों का समय हो

3. गर्मियों की रात हो

भारत की सबसे बड़ी खारे पानी की झील है सांभर झील। यहाँ खुश्क हवा में आसमान साफ़ दिखता है। सबसे करीबी शहर यहाँ से 70 कि.मी. दूर जयपुर है। आस-पास गाँव हैं, जहाँ रात को ज़्यादा रौशनी नहीं होती तो यहाँ सिर्फ हम हैं और सितारे।

दिल्ली से दूरी : 340 कि.मी. 

रुकने की जगह : झील के पास कई होटल हैं।

जाने का सही समय : फरवरी से अप्रेल और जुलाई से अक्टूबर

Photo of सांभर झील, Rajasthan by सिद्धार्थ सोनी Siddharth Soni

देखने की और जगहें : सॉल्ट म्यूजियम, शाकम्भरी माता मंदिर, देवयानी कुंड

थार रेगिस्तान का हिस्सा बीकानेर राजस्थान के मारवाड़ प्रांत में आता है। दूर-दूर तक फैली रेत में बने गाँवों तक अभी तक ठीक से सड़कें नहीं पहुँची, बिजली तो दूर की बात है। रात को आसमान में पूरी आकाशगंगा उतर आती है।

Photo of बीकानेर, Rajasthan, India by सिद्धार्थ सोनी Siddharth Soni

बीकानेर आकर हम शहर में रुकने की बजाय शहर से 45 कि.मी.  दूर कतरियासर गाँव में रुकते हैं, जो अपने आप में अलग ही है। गाँव में जसनाथजी जनजाति के लोग रहते हैं, जो आग के साथ खेल और नाच दिखाते हैं। गाँव के घर राजस्थानी चित्रकारी से सजे हैं।

Photo of दिल्ली के पास 3 बेहतरीन जगहें जहाँ आप तारों भरे आसमान तले रात बिता सकते हैं! by सिद्धार्थ सोनी Siddharth Soni

दिल्ली से दूरी : 435 कि.मी. 

रुकने की जगह : गाँव में होमस्टे

जाने का सही समय : फरवरी से अप्रेल और जुलाई से अक्टूबर

देखने की और जगहें : जूनागढ़ फोर्ट, करनी माता मंदिर, रामपुरिया हवेली, लालगढ़ पैलेस, शाही छतरियाँ

एस्ट्रो पोर्ट, सरिस्का

अपने आप में पहली जगह है, जहाँ हम रुकते भी हैं , और उल्कापिंड, धूमकेतु, आकाशगंगाओं के बारे में जानकारी भी ले पाते हैं। यहाँ हमें कई तरह के यंत्र-सयंत्र भी मिलते हैं, इसलिए अपनी आँखों से देखने के अलावा हम वैज्ञानिक रूप से भी सितारों की दुनिया को समझ सकते हैं। ख़ास बात ये है कि ये दिल्ली के बेहद करीब है, भारत की कुछ सबसे अँधेरी जगहों में से एक है, और अरावली पर्वतों की गोद में बनी है।

सरिस्का टूर पैकेज  ₹5300 से शुरू। बुकिंग के लिए यहाँ क्लिक करें।

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दिल्ली से दूरी : 113 कि.मी. 

रुकने की जगह : एस्ट्रो पोर्ट में ही।

जाने का सही समय : फरवरी से अप्रेल और जुलाई से अक्टूबर

देखने की और जगहें- सरिस्का नेशनल पार्क, भानगढ़ किला

ये जगहें ऐस्ट्रो फोटोग्राफर्स और एस्ट्रोनॉमी में रूचि रखने वाले लोग अच्छी तरह जानते हैं, और अब आप भी जान गए। अगर आप ऐसी और जगहों के बारे में जानते हैं, तो कमेंट्स में बताओ।

क्या आप इनमें से कहीं घूम कर आएँ हैं तो अपना अनुभव Tripoto पर ज़रूर लिखें। 

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