अगर आप प्रकृति के सच्चे प्रेमी हैं और खुबसूरत पहाड़ीयां, खूबसूरत झरने और बहुत ही ज्यादा घने जंगलो के साथ साथ ऐतिहासिक व धार्मिक स्थलों को देखने की कामना करते हैं, लेकिन आपका बजट और आपकी आर्थिक स्थिति इस बात की इजाजत नहीं देता तो चिंता मत करिए, जी हां बिलकुल सही सुना
आपके लिए सबसे अच्छा और सबसे किफायती जगह है शाहाबाद वन्य क्षेत्र!!
जी हाँ,
गंगा और सोन नदी के बीचो बीच स्थित शाहाबाद का दक्षिणी भाग को विन्ध्यगिरी पर्वत श्रृंखला का कैमूर पहाड़ी
अपने आगोश में इस बहुत ही सुंदर मनोरम छटा को अपने अंदर समेटे हुए है और खासकर अभी के टाइम मतलब बरसात के दिनों में तो कैमूर vally का तो पूछो ही मत। इस का मनमोहक नजारा मंत्रमुग्ध करने वाला होता है। अनेकों झरने, करतव करती नदियाँ, और सबसे जरूरी जो को बिहार के आन बान शान और ऐतिहासिक जो को पहाड़ पर अवस्थित रहस्यमय रोहतासगढ़ किला , शेरगढ़ किला, खूबसूरत करकटगढ जल प्रपात आदि स्थानों पर जाने वाले घाटी के मनमोहक रास्ते, खुबशुरत वादियों के बीच अवस्थित मात मुंडेश्वरी धाम, ताराच॔डी धाम, तुतला भवानी, कशिश झरना, महादेव खोह, धुआं कुंड, इन्द्रपुरी जलाशय, दुर्गावती जलाशय ,गीताघाट जैसे अनेक स्थल हैं जहाँ यदि आप एक बार आ गये तो फिर बार बार आने की इच्छा जागृत होगी।
अब मानसून की बरसात शुरू हो चुकी है और मानसून की बरसात कैमूर पहाड़ी के लिए सोलह शृंगार बन जाती है। इस खुबसूरत स्थलों का दिदार करने के लिए यदि वाराणसी से चलते हैं तो वहां से करीब 80 किलोमीटर दूर मुंडेश्वरी धाम से यात्रा आरंभ कर सकते हैं। जबकि पटना या गया से 140 किलोमीटर दूरी तय कर शेरशाह का मकबरा व ताराच॔डी धाम सासाराम से यह यात्रा आरंभ कर सकते हैं। डेहरी शहर से भी इन्द्रपुरी बराज, तुतला भवानी, रोहतासगढ़ किला का यात्रा आरंभ कर सकते हैं। आपको यहाँ के प्रकृति सौन्दर्य तथा ऐतिहासिक एंव धार्मिक स्थलों को घुमाने के लिए तीन से चार दिनों तक का समय लगेगा।
हालांकि पर्यटन को बढावा देने के उद्देश्य से सरकार और जनप्रतिनिधि अबतक कोई उल्लेखनीय सकारात्मक प्रयास नहीं किये हैं, इसके बावजूद आप यहाँ के प्रकृति सौन्दर्य से रूबरू होकर जरूर अपने आप को आनंदित महसूस करेंगे। डेहरी, सासाराम, भभुआ, मोहनियां आदि शहरों में साधारण तथा लक्जरी दोनों तरह के होटल उपलब्ध है।
तो आप एकबार यहाँ जरूर आएं, और विश्वास रखें कि आप तो दुबारा आएंगे हीं, दूसरों को भी साथ लाएंगे।