VAN VIHAR & SOURYA SAMARAK TOUR....
नवाबों का शहर, प्रदेश की राजधानी, ऐसा है हमारा भोपाल..... वैसे भोपाल तो मैं कई बार आई हूं पर इस बार का सफर बहुत ही रोचक और अविस्मरणीय था। इस बार के भ्रमण ने मुझे भारतीय होने पर गर्व की जो अनुभूति कराई थी वह शायद शब्दों से बयां नहीं की जा सकती, इसलिए अपने इस यात्रा वृतांत को आप लोगों से साझा करने की तीव्र इच्छा के परिणाम स्वरुप आज मैं यह Blog लिख रही हूं।भोपाल जाने का प्लान कुछ अचानक ही बन गया और शायद इसलिए यह यात्रा इतनी रोचक और अविस्मरणीय हो गई। यहां सुबह जाने का सोचा, वही शाम 5:00 बजे में भोपाल में थी।
इंदौर से भोपाल के लिए Train, Bus सभी available होती है। वैसे तो मुझे Buses की अपेक्षा Train का सफर अच्छा लगता है लेकिन INDORE TO BHOPAL के लिए Train से बेहतर Bus होती है जहां Train 5 से 6 घंटे में लेती है वही Buses 4-5 घंटे में ही आप को भोपाल पहुंचा देती है। भोपाल में हमारे बड़े भाई नीलू रहते हैं बस उन्हीं के घर हमारे इस सफर की मंजिल थी।
मैं INDORE से chartered Bus से निकली। INDORE में मुझे सबसे अच्छी बात यहां का public transport system लगता है जो city के अलावा other cities में भी transport provide करता है। इसमें आपको Full Security मिलती है इसमें बहुत ही Safe Traveling होती है परंतु इस बसों में आपको Other Bues की तुलना ज्यादा Pay करना होता है परंतु जब बात safety की हो तब पैसों को नहीं देखना चाहिए शाम तक में भाई के घर पहुंच गई कुछ देर आराम करने के पश्चात हम हम निकल पड़े थे सिटी को explore करने। वैसे तो हम किसी special tourist place नहीं गए। BHOPAL का BHEL वाला वाले area और वहां की हरियाली वाली सड़के और वहाँ bike riding...मजा ही आ गया, इसमें ही हमने काफी इंजॉय किया। BHOPAL का यह वाला एरिया भले ही सिटी की तरह चमक दमक नहीं रखता लेकिन यहां का प्राकृतिक वातावरण स्वयं को प्रकृति के करीब महसूस होने का एक अवसर अवश्य प्रदान करता है। इसके बाद हमने वहीं पास में स्थित restaurant में डिनर किया और फिर हम वापस घर आ गए। अगले दिन मॉर्निंग का कुछ स्पेशल प्लान नहीं था और मेरा Bhopal आना भी sudden plan था इसलिए कुछ भी plan हम नहीं कर पाये थे। हम कुछ अच्छा प्लान करते इतने में वहां हमारे नवीन भाई भी अचानक पहुंच गए यह बहुत ज्यादा surprising था अब यही से हमारे रोचक सफर की शुरुआत होती है फिर हम तीनों decide करने में लगे कि हमें कहां जाना चाहिए। फिर बिना कुछ final किए, बिना कुछ decide किए, हम निकल पड़े।
राजधानी की सड़कों में हमारी गाड़ी तो चल रही थी पर उससे ज्यादा रफ्तार से शायद हमारा दिमाग चल रहा था finally नीलू भैया ने VAN VIHAR चलने का सुझाव दिया, मैं और नवीन पहले वहां नहीं गए थे तो हमें बात जम गई और हमारी गाड़ी निकल पड़ी VAN VIHAR के लिए।
यह मध्य प्रदेश का सबसे छोटा राष्ट्रीय उद्यान है जिसमें सभी जानवरों को रखकर बसाया गया है वन विहार राष्ट्रीय उद्यान भारत के मध्य प्रदेश राज्य की राजधानी BHOPAL में एक राष्ट्रीय उद्यान है यह 'थ्री इन वन' राष्ट्रीय उद्यान है।
यह अनोखा उद्यान National Park होने के साथ-साथ एक चिड़ियाघर (ZOO) तथा जंगली जानवरों का Rescue Centre (बचाव केन्द्र) भी है। 445 हैक्टेयर क्षेत्र में फैले इस राष्ट्रीय उद्यान में मिलने वाले जानवरों को जंगल से पकड़कर नहीं लाया गया है। यहाँ ज्यादातर वो जानवर हैं जो लावारिस, कमजोर, रोगी, घायल अथवा बूढ़े थे या फिर जंगलों से भटक-कर ग्रामीण-शहरी क्षेत्रों में आ गए थे तथा बाद में उन्हें पकड़कर यहाँ लाया गया। कुछ जानवर दूसरे प्राणी संग्रहालयों से भी यहाँ लाए गए हैं जबकि कुछ सर्कसों से छुड़ाकर यहाँ रखे गए हैं। यह प्रदेश का एकमात्र 'Large zoo' यानी विशाल चिड़ियाघर है
Finally हम VAN VIHAR पहुंच ही गए। सबसे पहले हम लोगों ने main gate से entry ली। साथ में Entry fee counter से fee दिये और हम लोग four wheeler में थे तो हमने उसकी slip भी कटवाए
Fee[Indian] - 15 Rs Fee[foreigner] - 200 Rs 4 wheeler - 400 Rs इसके बाद हम अंदर आए यहां आप cycling से भी VAN VIHAR को Explore कर सकते हैं चूँकि हम हमारे साथ गाड़ी लाए थे इसलिए हमने साइकिल की अपेक्षा स्वयं के वाहन से ही घूमना का तय किया
फिर हम लोग VAN VIHAR भ्रमण पर निकल पड़े। कुछ समय Four Wheeler से फिर कुछ समय पैदल घूमने और VAN VIHAR की खूबसूरती और प्राकृतिक वातावरण में खोने लगे। एक तरफ घना जंगल था और दूसरी तरफ Lake बहुत ही हसीन नजारा था।
वन विहार अद्भुत है। पाँच किलोमीटर लंबे इस राष्ट्रीय उद्यान के एक तरफ पूरा पहाड़ और हराभरा मैदानी क्षेत्र है जो जंगलों तथा हरियाली से आच्छादित है। दूसरी ओर भोपाल का मशहूर तथा खूबसूरत बड़ा तालाब (ताल) है। ये संगम अपने आप में बहुत सुंदर लगता है।
फिर हमें अब कई तरह के जानवर दिखने प्रारंभ हो गए थे
इस वन अभ्यारण में लगभग सभी तरह के जानवरों को एकत्रित करके रखा गया है यहां हमें बहुत से कई अलग-अलग जानवरों को देखने का मौका मिला
पर हम Tiger को देख नहीं पाए हमने उसे काफी Search भी किया पर हम उसे तथाकथित घने जंगल में खोजने में असमर्थ रहे।
फिर हमने वहां ढेर सारी मस्ती भी की एक Unplanned Tour को एक यादगार लम्हे में बदल दिया है यह बहुत ही रोचक और मजेदार साबित हुआ।
इसके पश्चात हम BHOPAL में निर्मित शौर्य स्मारक पहुंचे जहां पहुंचकर ही मुझे भारतीय होने पर गर्व महसूस होने लगा।
इस पोस्ट में इतना ही, शौर्य स्मारक और वहाँ की यादें,अनुभव और किस्से अगले अंक में..... क्रमशः जारी........