घूमने से मिलती हैं जिंदगी की ये कुछ अमूल्य चीजें

Tripoto
Photo of घूमने से मिलती हैं जिंदगी की ये कुछ अमूल्य चीजें by Rishabh Bharawa

कई लोग यात्राओं को फिजूल मानते हैं,पर ये वो ही लोग होते हैं जो या तो कही जाते नहीं हैं और अगर कभी गए भी हो तो उनके व्यवहार के कारण लोगों से उनकी बनती नहीं हैं।मेरे हिसाब से यात्राओं से इतना कुछ सिखने को मिल सकता हैं जितना और कही नहीं मिलेगा। सीधा आते है कुछ ऐसी ही चीजों पर -

1. सावधानी के साथ भरोसा करना :

सावधान रहकर अनजान पर भरोसा करना,मदद लेना और देना। जब आप सोलो ट्रेवल करते हैं तो अधिकतर काम के लिए आपको केवल अनजान पर ही भरोसा करना पड़ता हैं।उदाहरण के लिए आपको केवल एक फोटो ही खिंचवानी हो तो किसी अजनबी को आपका मोबाइल पकड़ाना होगा तो आपको चालाक रहकर उसपर भरोसा करना होगा कि कही वो मोबाइल लेकर ही ना भाग जाए। कई के साथ शायद ऐसा हुआ भी होगा।अनजान लोगों की मदद लेकर बदले में उनकी कोई मदद देना ,आपकी ऐसे ऐसे अनुभव देगी जो किताबों से नहीं मिलेंगे।

2. आपसी सहयोग :

अगर आप एक नए ग्रुप में ट्रेवल कर रहे हैं तो आपसी सहयोग ही वो चीज होगी जिससे आप सभी अंजान ग्रुप मेंबर्स से सीधे जुड़ जाओगे।जिस ग्रुप में आपसी सहयोग की जितनी भावना होगी ,वो ग्रुप उतना ही मजे से यात्रा करेगा।इस से सफर आसान हो जाता हैं। भूटान बाइक ट्रिप के दौरान मैं अपने ग्रुप से मिला जो सब लोग अनजान थे।हमारे सारे बैग्स एक बैकअप व्हीकल में हमारे साथ आने थे तो मेरे पास बाइक पर कैमरा साथ लेकर घूमने में दिक्कत हो रही थी। इसका कारण था कि मैं वाटरप्रूफ पिट्ठू बेग साथ लाना भूल गया था। तब ग्रुप के ही एक अनजान साथी ने अपना वाटरप्रूफ पिट्ठू बैग खाली करके बिना मांगे ही पूरी यात्रा के दौरान मुझे दे दिया और खुद का सामान अपने मित्र के साथ एडजस्ट कर लिया।आप यकीन नहीं मानेंगे ,उस बेग से मेरा सफर कितना बढ़िया गुजरा था कि कह नहीं सकता। ऐसे ही कही आप बीमार हो जाओ ,तो वही अनजान लोग पूरी यात्रा पर परिजन की तरह आपकी सेवा करते हैं। जब आप ऐसे माहौल यात्रा पर 2 -3 बार देखते हैं तो आपमें खुद-ब-खुद सहयोग वाली क़्वालिटी जन्म ले लेती हैं। अभी हालहिं में ,एक ट्रेवल ग्रुप मीट में यही भावना मैंने हर यात्री में देखी कि कैसे आपस में एक दूसरे की मदद कर ,अनजानों के साथ एडजस्ट कर ,बिन कहे ग्रुप एक्टिविटीज़ में कई काम कर उस मीट को बहुत बड़े स्तर पर उन यात्रियों ने सफल बनाया था।

3.अनुशासित जिंदगी :

अगर आप ट्रेक्स पर जाते रहते हैं तो अधिकतर केस में अनुशासन खुद-ब-खुद आपकी जिंदगी का अभिन्न हिस्सा बन जाता हैं।आप शरीर को फिट रखने के लिए खुद ही सुबह जल्दी उठकर दौड़ लगाना ,वाकिंग या जिम जाना शुरू कर देते हैं।covid के बाद में मैँ किसी बड़े पैदल ट्रेक पर नहीं गया था,ऊपर से लोकडाउन में देर तक सोने की गन्दी आदत मैंने लगा ली थी। अगस्त 2021 में जब मैंने एक ही साथ श्रीखंड और किन्नौर कैलाश जैसी दुर्गम यात्राओं के लिए निकला था तो करीब एक डेढ़ महीने पहले से ही मैं सुबह जल्दी उठकर जिम जाता था। वो अलग बात हैं मैं दोनों जगह पहुंच कर भी यात्रा पूरी ना कर पाया ,लेकिन मेरा शरीर काफी लेवल पर फिट लगने लगा था और तब से आज तक सुबह जल्दी कसरत करने की आदत ना गई।आपका खान पान भी आपके कण्ट्रोल में रहता हैं।

4.कई बीमारियो का इलाज :

2018 में मेरा कैलाश मानसरोवर यात्रा में,मैं कैलाश मानसरोवर यात्रा पर गया था। लॉटरी में मेरे सेलेक्शन का जैसे ही मुझे मेसेज मिला ,मेरी ख़ुशी का ठिकाना ना रहा था। एक दिन ,यात्रा शुरू होने से करीब एक महीने पहले मैं अचानक बीमार पड़ गया।सामान्यत: मैं बीमार पड़ता नहीं हूँ,पड़ता भी हूँ तो एक या दो दिन में फिर सही हो जाता हूँ। पर उस समय पता नहीं क्या हुआ ,मैंने पुरे एक महीने तक इलाज करवाया अलग अलग अस्पतालों में। कभी तेज बुखार आ जाती तो कभी गर्मी में ठंड लगती। कभी पेट दर्द ,तो कभी थकावट।उसके साथ साथ फिर गले और पेट के अंदर रोज जलन होने लगी ,जो खाता वो उल्टियों से फिर निकल जाता,कुछ जगह सूजन आ गयी।एंडोस्कॉपी करवाई ,कई दवाइयां खायी ,कई बोतलें मुझे चढ़ाई। जिंदगी में पहली बार मैं इतना बीमार पड़ा था। डॉक्टर्स भी समझ नहीं पा रहे थे कि किस का इलाज करे। यात्रा शुरू करने के दो दिन पहले में 15 दिन की दवाइयां लेकर यात्रा पर निकल गया। आप यकीन नहीं मानेंगे , मैं पहले दिन से ही एक दम स्वस्थ रहा। 5 से 6 दिन तक गोलियां ली फिर गोलियां लेना भूल जाता था। पता ही नहीं चला ,कब मैं यात्रा भी कर आया। पूरी यात्रा पर में काफी एक्टिव रहा।ऐसा इसलिए भी हुआ होगा क्योंकि यात्रा के दौरान सुबह जल्दी उठकर कसरत करवाई जाती थी,खान पान पहाड़ों पर शहरों से ज्यादा शुद्ध मिलता था।

5.शानदार नेटवर्क :

घूमने फिरने से आपका नेटवर्क काफी बड़ा हो जाता हैं। आपके हर राज्य में परिचित हो जाते हैं। मैंने अनजान लोगों के साथ खूब ग्रुप ट्रेवल किया हैं।उसके अलावा उन यात्राओं पर लिखकर मैं खुद एक काफी बड़े नेटवर्क से जुड़ गया हूँ। अब कही भी जाना होता हैं तो उस क्षेत्र के परिचित की मदद से उस जगह को काफी एक्स्प्लोर करने को मिल जाता हैं। मेरी काफी पोस्ट्स में आपने ऐसी कहानियां पढ़ी भी हैं।बड़े नेटवर्क से जुड़ने के बाद आप लोगों के डिफरेंस को स्वीकार करने लगेंगे,उन अंतर् की इज्जत करेंगे ,उन्हें जज नहीं करेंगे।

6.अनंत यादें और कहानियां :

आप जब काफी यात्रा कर लेंगे ,तो आपके पास कहने ,सुनाने को बहुत सी कहानियां होगी।आप भीड़ में कही चुपचाप ना रह कर आपके अनुभव के आधार पर ही अपने मन रखने लगेंगे।थोड़ी सी एक्स्ट्रा मेहनत करेंगे तो आपमें कई स्किल्स का विकास होने लगेगा। जैसे कि लिखना ,गाना जैसी मेरी स्किल्स को डेवेलप होने में यात्राओं का काफी बड़ा हाथ हैं।आज कई लोग घूम घूम कर ही कमा रहे हैं कुछ लोग यात्रा पर किताबें लिख देते हैं ,कुछ यात्रा व्लॉग बनाकर ,कुछ लोग ट्रेवल कंपनियों के लिए लिखकर आदि।

वैसे तो मेरे पास लिखने को काफी कुछ हैं लेकिन शायद लम्बा आर्टिकल बोरिंग हो जाता। क्या आपके पास भी हैं यात्रा से जुडी ऐसी कोई बात? कमेंट में शेयर करे।

Photo of घूमने से मिलती हैं जिंदगी की ये कुछ अमूल्य चीजें by Rishabh Bharawa

फोटो : भीलवाड़ा में स्थित बदनोर किले की हैं। यह किला काफी बड़ा ,सुन्दर और भव्य हैं।कुछ लोग इसे डरावना मानते हैं ,क्योंकि यह एक अच्छी ऊंचाई पर एकदम अकेला और वीरान खड़ा हैं। इसको टूरिस्ट के हिसाब से कभी डेवेलप नहीं किया तो इसको कोई जानता नहीं हैं।यहाँ कुछ वेब सीरीज की शूटिंग भी हुई थी। तारीख :अक्टूम्बर 2020

-ऋषभ भरावा

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