कर्नाटक की राजधानी बंगलौर को "कर्नाटक का प्रवेश द्वार " भी कहा जाता है| बंगलौर शहर को बागों के शहर के रूप में जाना जाता है| बंगलौर भारत का बहुत बड़ा महानगर है| बंगलौर का नाम कैसे पड़ा यह कहानी बहुत दिलचस्प है| ऐसा माना जाता है कि 10 वीं शताब्दी में होयसल राजा वीरा बल्लाला एक बार शिकार करके जंगल से वापस आ रहे थे तो रास्ता भूल गए| यहाँ पर वह झौंपड़ी में गए तो एक बुढ़िया के पास वह ठहरें| उस रात बुढ़िया ने राजा को खाने के लिए उबले हुए बीज दिए जिसको लोकल भाषा में बेंडा कालू कहा जाता है| इसी वजह से इस जगह को बेंडाकालूरू कहा जाने लगा जिसका अर्थ होता है उबले बीजों का शहर | बाद में धीरे धीरे यह नाम बेंडालूरू, बेंगलुरु और बंगलौर आदि नाम के रूप में तब्दील हो गया| आज बंगलौर शहर एक बड़े औधोगिक क्षेत्र में बदल गया है| यहाँ का मौसम सारा साल खुशनुमा रहता है| हर साल बंगलौर घूमने के लिए बहुत सारे टूरिस्ट आते रहते हैं| बंगलौर शहर चेन्नई से 334 किमी, हैदराबाद से 566 किमी, मुंबई से 1033 किमी और दिल्ली से 2019 किमी दूर है|
बंगलौर भारत का प्रसिद्ध महानगर है| इस खूबसूरत शहर में बहुत सारी घूमने लायक जगहें है| इस पोस्ट में बंगलौर में घूमने वाली जगहों के बारे में बात करेंगे|
लाल बाग - बंगलौर को बागों का शहर भी कहा जाता है| लाल बाग भी बंगलौर का मशहूर गार्डन है| लाल बाग का निर्माण हैदर अली ने किया था| यह बाग 200 साल से भी ज्यादा पुराना है| लाल बाग 250 एकड़ क्षेत्र में बना हुआ है| लाल बाग में बहुत सारे पेड़ 100 साल से भी अधिक पुराने है| लाल बाग में एक खूबसूरत झील भी बनी हुई है| लाल बाग में आपको सैकड़ों प्रकार के देशी विदेशी फूल देखने के लिए मिलेंगे| लाल बाग का एक और आकर्षण गलास हाउस भी है| मैं भी जब बंगलौर सिटी घूमने के लिए निकला था तो दो तीन घंटे आराम से लाल बाग घूमने में लग गए| लाल बाग में ही फूल घड़ी बनी हुई है| लाल बाग बंगलौर का सबसे आकर्षिक टूरिस्ट पलेस है|
कब्बन पार्क - इस खूबसूरत बाग का निर्माण 1864 ईसवीं में अंग्रेजी वायसराय लार्ड कब्बन ने करवाया था| यह पार्क 300 एकड़ में फैला हुआ है| यह पार्क भी लाल बाग की तरह बहुत खूबसूरत तरीके से बना हुआ है| यहाँ आपको बहुत सारे छायादार वृक्ष मिलेंगे जिसके नीचे बैठकर आप घंटों बिता सकते हो| इस शानदार पार्क में बंगलौर सिटी के लोग अक्सर घूमने के लिए आते रहते हैं|
गौरमिंट संग्रहालय बंगलौर
अगर आपको ईतिहासिक वस्तुओं को देखने का शौक है तो आप बंगलौर घूमते समय गौरमिंट संग्रहालय को देखने के लिए जरुर जाए| इस खूबसूरत संग्रहालय का निर्माण 1886 ईसवीं में हुआ है| इस संग्रहालय में पुरातत्व विभाग की अनेक वस्तुओं को प्रदर्शित किया गया है| इस खूबसूरत संग्रहालय के एक भाग में आर्ट गैलरी भी बनी हुई है| इस खूबसूरत आर्ट गैलरी में आप प्रसिद्ध कलाकारों की कलाकृतियों को भी देख सकते हो|
टीपू पैलेस बंगलौर
वैसे इस किले का निर्माण 1537 ईसवीं में कैंपेगोड़ा ने करवाया था लेकिन बाद में टीपू सुल्तान ने इस खूबसूरत किले का पुनर्निर्माण करवाया इसीलिए इसको टीपू सुल्तान का किला भी कहा जाता है| टीपू सुल्तान के निधन के बाद अंग्रेजी शाशक 1867 ईसवीं तक इस जगह को सचिवालय के रूप में ईसतमाल करते रहे| यहाँ पर एक खूबसूरत पैलेस बना हुआ है जिसको टीपू पैलेस कहा जाता है|
बुल टैंपल बंगलौर
इस मंदिर का निर्माण 16 वीं शताब्दी में किया गया था| इस मंदिर में स्लेटी रंग के विशाल ग्रेनाइट पत्थर को तराश कर भगवान शिव के वाहन नंदी जी की प्रतिमा बनी हुई है| नंदी की इस खूबसूरत प्रतिमा की ऊंचाई 4.57 मीटर और लंबाई 6.10 मीटर है| इस खूबसूरत नंदी की प्रतिमा की वजह से ही इस मंदिर को बुल टैंपल कहा जाता है|
विधानसभा भवन बंगलौर
आजादी के बाद बने इस खूबसूरत भवन की वास्तुकला बहुत ही दिलकश है| बंगलौर शहर में बने इस भवन के बारे में कहा जाता है कि इतना अच्छा और खूबसूरत भवन देश की किसी भी विधानसभा का नहीं है| बाहर से देखने से भी यह विधानसभा भवन बहुत आकर्षिक लगता है| मैंने भी इस खूबसूरत भवन को बाहर से ही देखा था और फोटोग्राफी की थी शायद इसके अंदर जाने की अनुमति नहीं मिली थी| बंगलौर का विधानसभा भवन चारमंजिला बना हुआ है| इस खूबसूरत भवन की ऊंचाई 45 मीटर, लंबाई 213 मीटर और चौड़ाई 106 मीटर है| बंगलौर सिटी टूर करते समय इस खूबसूरत भवन को देखना मत भूले|
बंगलौर कैसे पहुंचे- बंगलौर भारत का एक महत्वपूर्ण शहर है जो कर्नाटक राज्य की राजधानी है| बंगलौर में इंटरनेशनल एयरपोर्ट बना हुआ है जहाँ आप भारत और विदेश से हवाई जहाज से पहुंच सकते हो| बंगलौर में रेलवे स्टेशन भी बना हुआ है जहाँ आप रेलगाड़ी से भारत के अलग अलग शहरों से पहुंच सकते हो| बस मार्ग से भी आप दक्षिण भारत के शहरों से पहुंच सकते हो| रहने के लिए आपको बंगलौर में हर बजट के होटल मिल जाऐंगे|