जब भी हम अपने देश से बाहर विदेश में घुमक्कड़ी करने जाते हैं तो हम बहुत कुछ नया देखने और सीखने के लिए मिलता है| विदेशी धरती पर खानपान, भाषा, कल्चर पेड़ पौधों जीव जंतुओं से लेकर लोग और मौसम हरेक चीज में नयापन या बदलाव देखने के लिए मिलेगा| घुमक्कड़ को ऐसी नयी जगहों पर जाना और फिर वहाँ की संस्कृति और कल्चर को समझना चाहिए| सितंबर 2022 में मुझे भी इंडोनेशिया के बाली टापू पर जाने का मौका मिला| बाली टापू पूरी दुनिया में एक महत्वपूर्ण टूरिस्ट डेसटीनेशन के रूप में मशहूर है| बाली टापू घूमते समय मुझे इंडोनेशिया की मशहूर लुवाक कॉफी को टेस्ट करने और इसके बारे में जानने का मौका मिला| एक घुमक्कड़ होने के नाते मुझे लगा इस कॉफी को टेस्ट करना और इसके बारे में जरूर लिखना चाहिए| इंडोनेशिया में हम पांच दिन रुके थे घूमने के लिए चौथे दिन घूमते समय हमारी कार के ड्राइवर ने गाड़ी एक जगह पार्क करते हुए कहा आप कॉफी के बागान में जाए | कॉफी को टेस्ट करने और कॉफी के बारे में जानने के लिए| मैं अपनी वाईफ और दो साल की बेटी के साथ गाड़ी से उतरा तो कॉफी बागान के गेट पर एक व्यक्ति ने हमें नमस्कार किया| एक बात तो बाली इंडोनेशिया के लोग टूरिस्ट को बहुत प्रेम से नमस्ते कहते हैं अगर आप इंडियन टूरिस्ट हो तो | नमस्ते कह कर उस खूबसूरत बाग में प्रवेश कर गए| बाग पूरा हरा भरा था बीच में ईटों से बना हुआ एक छोटा सा रास्ता था जिस पर हम चल रहे थे| चलते चलते ही मैंने उस वयक्ति से कॉफी के बारे में बातें करनी शुरू कर दी | मैंने उसे कहा भाई मुझे कॉफी का पेड़ तो दिखाओ तो उसने मुझे कॉफी का पेड़ दिखाया और मेरी तसवीर भी खींची उस पेड़ के साथ| बातें करते करते हम उस जगह पर पहुँच गए जहाँ बैठने के लिए बैंच लगे हुए थे | हरे भरे जंगल में वह जगह बहुत खूबसूरत लग रही थी| उन बैंच के ऊपर दो अंग्रेज बैठे हुए थे जो अलग अलग तरह की कॉफी को टेस्ट कर रहे थे| उस वयक्ति ने हमें भी बैठने के लिए कहा| हम बैठ गए और फिर उसने हमें एक बोर्ड दिखाया जिस पर लुवाक कॉफी का कप 55,000 इंडोनेशियाई रुपये का लिखा हुआ था| अगर आप इस कॉफी के कप को आर्डर करते हैं तो साथ में आपको बहुत सारी अलग अलग तरह की कॉफी और चाय को टेस्ट करने का मौका भी मिलेगा| थोड़ा सोच कर मैंने एक कप लुवाक कॉफी का आर्डर कर दिया जब इतनी दूर इंडोनेशिया घूमने आए हैं तो एक कप कॉफी का तो बनता ही है| लुवाक कॉफी इंडोनेशिया की सबसे मशहूर और महंगी कॉफी है |
हमने लुवाक कॉफी का एक कप आर्डर कर दिया| कुछ देर बाद लुवाक कॉफी का एक कप और साथ में लकड़ी की पलेट में टेस्ट करने के लिए 14 अलग अलग गिलास कॉफी और ग्रीन चाय के आ गए| फिर गाईड ने हमें लुवाक कॉफी के बारे में बताया यह कैसे बनती है| लुवाक कॉफी सिवेट नाम जानवर के मल के उपयोग से तैयार की जाती है| सिवेट नाम का जानवर दिखने में बिल्ली जैसा है बस उसकी पूंछ थोड़ी लंबी है| उस बागान में मैंने सिवेट जानवर को भी एक पिंजरे में देखा जिसका उपयोग लुवाक कॉफी में होता है| सिवेट जानवर कॉफी की चैरी को खाता है | कॉफी के बीज भी यह जानवर खा जाता है लेकिन सिवेट इन बीजों को पचा नहीं पाता| कॉफी के बीज सिवेट की पॉटी (मल) में ऐसे ही आ जाते हैं| इन कॉफी के बीजों को साफ करके चूल्हे की आग पर भून कर फिर उसे पीसकर उसके पाऊडर को छानकर लुवाक कॉफी तैयार की जाती है| ऐसा माना जाता है सिवेट कॉफी के बीज को पचाता तो नहीं है लेकिन उसकी अंतड़ियों से निकले रसायन से कॉफी के बीजों की गुणवत्ता काफी बढ़ जाती है| इसीलिए लुवाक कॉफी इंडोनेशिया की सबसे महंगी कॉफी है| मैंने भी लुवाक कॉफी के कप का टेस्ट किया| इसके बाद मैंने अलग अलग कॉफी और ग्रीन टी को भी टेस्ट किया| यह काम मुझे काफी रोमांचक लगा | फिर हमने वहाँ बनी एक दुकान पर कुछ कॉफी के पैकेट खरीदें और वापस अपनी गाड़ी में बैठ कर अगली मंजिल की ओर बढ़ गए|