सांकरी गाँव उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले का एक छोटा सा गाँव है। यह गाँव भले ही छोटा हो लेकिन उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था में इस गाँव का बहुत बड़ा योगदान है। छोटा बड़ा हर कोई ट्रेक़्क़र यहाँ अपनी जिंदगी में एक बार जरूर आता है जिसका कारण है यहाँ से शुरू होने वाले दर्जन भर से ज्यादा ट्रेक।
ये गाँव बेहद ही खूबसूरत है। इस गाँव में कोई भी मोबाइल नेटवर्क नहीं आता बीएसएनएल को छोड़ कर। यहाँ पर आपको रहने के लिए होटल और होमस्टे मिल जाएंगे। ट्रेक्किंग के सारे सामान भी यहाँ पर आपको आसानी से रेंट पर मिल जायेंगे।
आईये आपको बताता हूँ आप यहाँ से कौन कौन से ट्रेक कर सकते हैं।
अगर भारत में किसी भी स्नो ट्रेक का क्रेज़ अभी है तो वो सिर्फ है केदारकान्ता ट्रेक। हर साल विंटर में हजारों लोग ये ट्रेक करने आते हैं, ओर हर साल ये संख्या बढ़ती जा रही है। केदारकान्ता ट्रेक एक छोटा ओर बेहद खूबसूरत ट्रेक है जो बर्फ गिरने के बाद जन्नत बन जाता है।
हर की दून इस ट्रेक को भला कौन सा ट्रेक़्क़र है जो नहीं जानता। सांकरी रेंज का दूसरा सबसे बेहतरीन ट्रेक है हर की दून ट्रेक, जिसका इतिहास पांडवो से जुडा हुआ है। ये ट्रेक हर मौसम में खूबसूरत रहता है चाहे वो सर्दी हो गर्मी हो या बरसात।
रूनीसारा ताल सांकरी का एक और अट्रैक्शन है। रूनीसारा ताल तक भी बहुत सारे लोग जाते हैं और यहाँ की खूबसूरत वादियाओं में एक रात कैंपिंग करना पसंद करते हैं। सांकरी से ये ट्रेक करीब 17 km का पड़ता है। इस ट्रेक का आधा रास्ता हर की दून ट्रेक वाला ही है।रास्ते में आपको ओसला और सीमा जैसे खूबसूरत गाँव भी मिलते हैं।
बाली पास ट्रेक का नशा आज कल की युथ जनरेशन के बीच काफी बढ़ता जा रहा है। बाली पास ट्रेक सांकरी से शुरू होता है जो बाली पास क्रॉस करता हुआ सीधा यमुनोत्री निकालता है। 16000 फिट से ऊपर का ये ट्रेक हिमालय की सरस्वती रेंज का खूबसूरत दर्शन कराता है।
बेहद ही कठिन समझे जाने वाले दर्रे का रास्ता भी सांकरी से ही हो करो जाता है। धूमधारकंडी पास जितना धूम वाला नाम वैसा ही धूम मचाने वाला ये ट्रेक। रूनीसारा ताल से क्यारकोटि होते हुऐ पहुँचा जाता है इस दर्रे पर। इसको क्रॉस करके आप पहुँच जाते हैं हर्षिल। ये पास 19000 फिट से ऊपर का है और यहाँ से कालानाग, स्वर्गरोहिणी और बंदरपूँछ पीक बहुत ही शानदार दिखाई देते हैं।
ब्लैक पीक या कालानाग। ऐसा नहीं की सांकरी में सिर्फ ट्रेक़्क़र के लिए सब कुछ है, अगर आप एक पर्वतारोही हैं तो आपके लिए भी यहाँ बहुत कुछ है। कालानाग,स्वर्गरोहोणी और बंदरपूँछ पर्वत के लिए भी यहाँ से ही जाया जाता है।
5480 मीटर की ऊंचाई पर स्थित, बोरासु एक उच्च ऊंचाई वाला दर्रा है जो उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के बीच की सीमा को विभाजित करता है। यह वह दर्रा है जो उत्तराखंड में टोंस घाटी को बसपा नदी घाटी से जोड़ता है।
यह दो घाटियों के बीच एक प्राचीन व्यापार मार्ग माना जाता है। बोरासु दर्रा विभिन्न परिदृश्य प्रदान करता है जो ट्रेक और यात्रियों को अचंभित कर देता है। यह हिमालय में शायद ही कभी खोजे गए क्षेत्रों में से एक है जो उल्लेख के लायक है।
देव क्यारा बुग्याल का ट्रेक बहुत ही राजसी लोगों में से एक है क्योंकि यह हिमालय के हरे घास के मैदानों के बीच में एक ट्रेकिंग अभियान है। यह मध्यम अनुभव के साथ 7 से 10 दिनों का ट्रेक है। देव क्यारा ट्रेक 3745 मीटर की ऊंचाई पर है। देव क्यारा चोटी गर्मियों और सर्दियों दोनों में भव्यता के साथ तैयार की जाती है।
ऐसे ही बहुत सारे और भी ट्रेक सांकरी से चलते हैं।