बाकू शहर में पहुंचने के बाद अब मुझे इचरीशहर मैट्रो स्टेशन पहुंचना था| दोस्तों बाकू जाने से पहले मैं इंटरनेट पर बाकू सिटी टूर के बारे में सर्च कर रहा था मुझे Freetour.com नाम की एक साईट के बारे में पता लगा| इस साईट पर अलग अलग शहरों के गाईड मिलेगें जो आपको अपना शहर दिखाते हैं वह भी मुफ्त में| आप घूमने के बाद गाईड को कुछ पैसे दो सकते हो वह आपकी इच्छा है| मैंने भी इस साईट पर 15 जुलाई 2023 को सुबह बजे से 12 बजे तक का एक गाईड टूर बुक कर लिया वह भी मुफ्त में| मेरे गाईड ने मुझे मेरे वट्सऐप पर पहले ही मैसेज कर दिया था कि आप सुबह 10 बजे से पहले बाकू के इचरीशहर मैट्रो स्टेशन के बाहर पहुँच जाना| गाईड ने मुझे 2 घंटे में बाकू का पुराना शहर दिखाना था जिसको लोकल भाषा में इचरीशहर कहा जाता है| 28 मई मैट्रो स्टेशन से मैट्रो लेकर मैं इचरीशहर मैट्रो स्टेशन पर पहुँच गया| मेरे पास इंटरनेट नहीं था तो मुझे बाकू में अपने गाईड से मिलने और पहचान करने में दिक्कत आनी थी| इसलिए मैंने सुबह 6 बजे बाकू एयरपोर्ट पर ही वाईफाई का ईसतमाल करते हुए अपने गाईड को मैसेज कर दिया था कि मैं बाकू एयरपोर्ट पहुँच गया हूँ| सुबह 10 बजे आपको इचरीशहर मैट्रो स्टेशन के बाहर मिलूँगा|
सुबह ही मुझे पता चला मेरी गाईड अजरबैजान की एक लड़की है जिसका नाम गुने था | खैर 10 बजे से पहले ही मैं इचरीशहर मैट्रो स्टेशन के बाहर मौजूद था| अब मेरे पास इंटरनेट नहीं था तो मैं अब अपनी गाईड को फोन या मैसेज नहीं कर सकता था| बीस मिनट तक इंतजार करने के बाद मैंने वहाँ एक लड़के को अपनी बात बताई और कहा मुझे वाईफाई चाहिए| वह लड़का भला था उसने मुझे वाईफाई दिया | मैंने अपने गाईड से बात की तो उसने कहा कुछ ही देर में वह यहाँ पर पहुँच रही है| मैंने उस लड़के का धन्यवाद किया| थोड़ी देर इंतजार करने के बाद मैंने तीन लड़कियों को देखा जिसमें एक मेरी गाईड थी गुने बाकी दो लड़कियां रुस के कज़ान शहर की थी जो मेरी तरह टूरिस्ट थी| हमने एक दूसरे के साथ हाथ मिलाए और अपने बारे में जानकारी दी |
अब हम ओल्ड बाकू शहर को घूमने के लिए चल पड़े| बाकू शहर में बहुत खूबसूरत ईमारतें बनी हुई है| बहुत सारी ईमारतें पोलैंड से आए हुए कारीगरों ने बनाई थी | यह बात हमारी गाईड ने हमें बताई थी| बाकू शहर की ईमारतों में यूरोप की कलाकारी की झलक दिखाई देती है| इसी वजह से बाकू को पूर्व का प्राग कहा जाता है| प्राग शहर यूरोप के देश चेक गणराज्य की राजधानी है जो अपनी खूबसूरत ईमारतों के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध है| अब हम बाकू शहर की खूबसूरत ईमारतों को निहार रहे थे| हम चार लोग मैं, मेरी गाईड और दो रुस की टूरिस्ट लड़कियां साथ में बाकू शहर की गलियों में घूम रहे थे| चलते चलते हमारे गाईड ने एक भव्य ईमारत दिखाई | इस ईमारत का नाम अजरबैजान नैशनल अकैडमी आफ साईंस था| इस खूबसूरत ईमारत के दरवाजे के ऊपर शानदार मूर्ति कला को प्रदर्शित किया हुआ था| मैंने इस ईमारत के सामने अपनी एक यादगार तस्वीर खिंचवाई|
चलते चलते हम एक छोटे से पार्क में पहुँच गए| इस पार्क में मिर्जा अलकबार शबीर का बुत लगा हुआ था| हमारी गाईड ने हमें बताया यह अजरबैजान के क्रांतिकारी कवि थे| जब रुस का अजरबैजान के ऊपर राज था तो हर जगह पर रुसी भाषा को बढ़ावा दिया जा रहा था तो मिर्जा अलकबार शबीर अपनी कविताओं से अजरबैजान के लोगों को अपनी लोकल भाषा के प्रति जागरूक कर रहे थे| अजरबैजान के लोग आज भी इस महान कवि को सम्मान से याद करते हैं| यहाँ से थोड़ा आगे चलने के बाद हम एक किलानुमा दीवार देखते हैं जिसके बीच में एक दरवाजा था | कुछ सीढ़ियों को चढ़ कर दरवाजे से गुजरते हुए हम इचरी शहर बाकू में प्रवेश कर जाते हैं| इचरी शहर का अर्थ होता है पुराना शहर | यह पुराने बाकू शहर का क्षेत्र है जिसके बाहर किलानुमा दीवार बनी हुई थी| इचरी शहर बाकू में पैदल चलने का अलग ही रोमांच था| कुछ समय बाद हम एक जगह पर पहुंचते है जहाँ पर खुदाई करने के बाद हमाम मिले हैं | हमाम गुस्लखाने को कहा जाता है| जहाँ पर लोग नहाया करते थे| अब हमाम को ऊपर से कांच से कवर कर रखा है| आप बाहर से इनको देख सकते हो|
इचरी शहर बाकू की गलियों में चलते चलते हमने एक जगह पर सीमेंट के बने हुए तीन छोटे से थड़े देखे जिनके ऊपर अजरबैजान के तीन अलग अलग संगीत के इंस्ट्रूमेंट देखे | हमारी गाईड ने हमें बताया पहले इंस्ट्रूमेंट का नाम कामांचा था जिसके साथ मैंने अपनी फोटो खिंचवाई| दूसरा इंस्ट्रूमेंट का नाम तार था जो गिटार की तरह दिखता था| तीसरे इंस्ट्रूमेंट का नाम डफ था जिसको हम भारतीय डफली के नाम से जानते हैं| अजरबैजान के लोग संगीत के बहुत शौकीन है| पुराने समय में इन खूबसूरत संगीत इंस्ट्रूमेंट का ईसतमाल हुआ करता था अजरबैजान में| बाकू शहर के पुराने दरवाजे आदि देखकर बहुत मजा आ रहा था| इचरी शहर में मैंने बहुत सारी यादगारी तस्वीरें खिंचवाई|
बाकू शहर घूमते हुए हम इचरी शहर के मेडेन टावर पहुँच जाते है| पुराने बाकू शहर में दो जगहें युनेस्को वर्ल्ड हैरीटेज साईट में शामिल हैं| एक है मेडेन टावर और दूसरी जगह है शिरवंश पैलेस| अपनी बाकू यात्रा में मैंने इन दोनों जगहों को देखा | इचरी शहर में हम मेडेन टावर के पास पहुंचे तो हमारी गाईड ने इस विशाल टावर के बारे में बताया कि इसकी ऊंचाई 29 मीटर है| इसके बारे में बहुत सारी कहानियाँ जुड़ी हुई है| ऐसा माना जाता है जब इस विशाल टावर का निर्माण किया गया था तो कैस्पियन सागर इसके पास ही बहता था | इस टावर को ऊंचाई से दूर तक देखने के लिए ईसतमाल किया जाता है| इसके निर्माण के बारे में कहा जाता है यह टावर बाहरवीं शताब्दी में बना था| कुछ लोग यह भी मानते हैं कि पहले यह जगह पारसियों का मंदिर था| अब कैस्पियन सागर इस जगह से थोड़ी दूर चला गया है| एक ओर बात जो मेडेन टावर के बारे में बोली जाती है| यहाँ के राजा की लड़की को किसी दुश्मन देश के राजा से प्रेम हो गया| जब यह बात लड़की के पिता राजा को पता लगी तो उसने अपनी लड़की को इस मेडेन टावर में कैद कर दिया| एक दिन उस लड़की ने इस मेडेन टावर से कूद कर अपनी जान दे दी| एक कुंवारी लड़की ने यहाँ पर आत्महत्या की थी इस वजह से इसको वर्जिन टावर भी कहा जाता है| इस खूबसूरत टावर की ईमारत काफी विशाल है जो बाहर से देखने से किसी बड़े किले की विशाल और ऊंची दीवार जैसी लगती है| कुछ समय हमने मेडेन टावर के पास बैठ कर बिताया|
मेडेन टावर के बाद हम दुबारा फिर इचरी शहर बाकू की गलियों में घूमते रहे| चलते चलते गाईड एक खूबसूरत ईमारत के पास रुक गई| गाईड ने हमें ऊपर देखने के लिए कहा जिसमें पहली मंजिल पर दो बच्चों की मूर्ति बनी थी और उसके ऊपर वाली मंजिल पर दो बिल्लियों की मूर्ति बनी थी| मैंने गाईड को कहा यह बिल्ली और बच्चों की मूर्ति कयों बनी हुई है तो उसने अजरबैजान के लोगों को जानवरों से बहुत प्रेम है खासकर बिल्ली से| आपको अजरबैजान की मूर्ति कला में बिल्ली के साथ साथ और जानवरों की मूर्ति भी देखने के लिए मिलेगी| इस ईमारत के बारे में गाईड ने कहा कि अजरबैजान के लोग घर में बिल्ली भी रखते हैं| यह बात 19वीं शताब्दी की होगी जब इस ईमारत में बच्चे बिल्ली के साथ खेल रहे थे और खेलते खेलते छत से नीचे गिर जाते हैं और उनकी मृत्यु हो जाती है| वहाँ के लोग इस ईमारत को भूतिया मानते हैं और कहते हैं कि आज भी उस घर में उन बच्चों की आत्मा भटक रही है| अभी उस ईमारत के अंदर कोई नहीं जाता| इस ईमारत के ऊपर ही दो बिल्ली और दो बच्चों की मूर्ति बनी हुई है जिसकी मैंने तस्वीर खींची है|
इसके बाद चलते हुए हम जुमा मस्जिद के सामने पहुँच जाते है| इस खूबसूरत मस्जिद का निर्माण बाहरवीं शताब्दी में किया गया था| ऐसा भी माना जाता है कि यह जगह भी पहले पारसियों का मंदिर थी| इसके बाद हम थोड़ा चलने के बाद एक गार्डन में पहुंचते है जहाँ पर हम चारों मैं, गाईड और दो रुसी यात्री एक सैलफी खींचते है| इस गार्डन में बहुत खूबसूरत फव्वारे लगे हुए थे जो देखने में बहुत दिलकश लग रहे थे| फव्वारे में ठंडे पानी की बूंदें ठंडक का एहसास दे रही थी| इसके बाद हमारी गाईड हमारे टूर के आखिरी स्थान शिरवंश पैलेस के पास ले जाती है| शिरवंश पैलेस का निर्माण पंद्रहवी शताब्दी में हुआ था| अजरबैजान के राजाओं की राजधानी था शिरवंश पैलेस| बाकू शहर की दो युनेस्को वर्ल्ड हैरीटेज साईट में इस खूबसूरत पैलेस का नाम भी नाम आता है| पैलेस में प्रवेश करने के बाद दीवान खाना आता है जहाँ शिरवंश राजा अपनी अदालत लगाता था| इस दीवान खाने का निर्माण 1428 ईसवीं में हुआ था| इसके अलावा इस जगह पर शिरवंश का मकबरा और शाह की मस्जिद आदि बनी हुई है| शिरवंश पैलेस के बाहर से बाकू की फलेम टावरों का खूबसूरत दृश्य दिखाई देता है| यहाँ पर बाकू फलेम टावरों को अपने मोबाइल फोन के कैमरे में कैद करते हुए हमारी गाईड ने बाकू शहर टूर को पूरा किया| जाते समय हमारी गाईड ने मुझे और दो रुसी लड़कियों को बाकू शहर की पोस्ट कार्ड फोटो को हमें गिफ्ट के रूप में दिया| मैंने भी गाईड को अपनी खुशी से 5 मंनात दिए| मेरी गाईड ने मुझे दो घंटे में इचरी शहर बाकू को दिखाकर मेरी बाकू शहर की यात्रा को यादगार बना दिया|