यूटोपिया। यह एक लैटिन शब्द है। जिसका शाब्दिक अर्थ होता है- आदर्श समाज। एक ऐसा समाज जहां सब कुछ एकदम सही हो। गलत का नामोनिशान न हो। कोई किसी के साथ किसी तरह का भेद न रखता हो। लेकिन असल में हम जिस दुनिया में रहते हैं, वहां लोग हर स्तर पर किसी न किसी आधार पर एक-दूसरे से बंटे हुए हैं। यहां कोई जाति के आधार पर खुद को श्रेष्ठ समझता है। किसी को अपना धर्म दुनिया के बाकी सभी धर्मों से बेहतर नजर आता है। किसी को उसकी चमड़ी के ज्यादा चमकीले होने का घमंड है। किसी को किसी खास देश में पैदा भर हो जाने के चलते बाकियों की तुलना में ज्यादा भाग्यशाली होने का भ्रम है। कोई किसी खास भाषा को बोलने के चलते तो कोई किसी विशेष समुदाय से संबंध रखने के चलते अपनी तुलना में बाकियों को हीन समझता है।
दुनिया की इन्हीं बुराइयों से तंग आकर हम अक्सर किसी ऐसे सकारात्मक संसार की कल्पना करते हैं, जहां आदमी के जीवन में सिर्फ सुख, शांति, सुकून हो। मटेरियलस्टिक दुनिया के दिखावे से दूर किसी ऐसी दुनिया की कल्पना जहां आदमी के हिस्से हर समय बेवजह कुछ न कुछ हासिल करने की भागदौड़ की बजाय जीवन को सहज रूप से जीने भर का काम आए। अगर आप भी कुछ-कुछ ऐसा ही जीवन जीने के लिए जरूरी जगह की तलाश कर रहे हैं, तो बधाई हो- आज आपकी तलाश खत्म हो जाएगी। क्योंकि आज हम आपका परिचय कराएंगे एक ऐसी जगह से जहां रहने वाले लोगों की ना तो कोई जाति है, ना कोई धर्म है। यहां रहने वाले खुद को ग्लोबल सिटीजन मानते हैं।
चेन्नई से करीब 150 किमी और पॉन्डिचेरी शहर से सिर्फ 10-15 किमी की दूरी पर स्थित ऑरोविल एक इंटरनेशनल टाउनशिप है। इस समय यहां दुनिया के करीब 60 देशों से आए लगभग 3000 लोगों का समूह एक साथ रहता है। इस तरह के अपने आप में बेहद ही अनोखे स्थान और समाज की कल्पना मां 'मीरा अल्फासा' ने की थी। उन्होंने जानेमाने दार्शनिक श्री ऑरोबिंदो के सिद्धांतों पर 28 फरवरी 1968 को 20 वर्ग किमी क्षेत्रफल में ऑरोविल शहर की स्थापना की थी। उनका उद्देश्य यही था कि एक ऐसे आधुनिक समाज का निर्माण किया जाए- जहां जाति, धर्म, नस्ल, लिंग, भाषा, वेशभूषा, राष्ट्र जैसे आधार पर एक दूसरे से भेदभाव न किया जाता हो। वो ऑरोविल को दुनिया का ऐसा शहर बनाना चाहती थीं, जो किसी एक व्यक्ति या समाज विशेष का न होकर समग्र रूप से समूची मानवता को समर्पित हो।
अगर आप बाहर की दुनिया घूमने की बजाय अपने अंदर झांक कर देखने के लिए इच्छुक हैं, तो नामचीन आर्किटेक्ट रोजर एंगर द्वारा बनाए ऑरोविल शहर में देखने लिए एक से बढ़कर ऐसे स्ट्रक्चर हैं; जो आपकी आंखों के साथ-साथ अपनी अंतरात्मा को भी तृप्त कर देंगे।
1) मातृमंदिर
ऑरोविल शहर की सबसे अहम और आकर्षण का सबसे प्रमुख केंद्र 'मातृभूमि' इमारत है। कमल के फूल के आकार का करीब 30 मीटर ऊंचा यह गुबंद सूरज की रोशनी को प्रतिबिंबित करने वाली सुनहरी डिस्क से ढंका हुआ है। शांति मैदान में खड़ी यह इमारत इस शहर की आत्मा है। यहां आने वाले इमारत की भव्यता और आसपास के परिसर की शांति के संगम में डुबकी लगाने का मौका नहीं चूकते।
2) साधना फारेस्ट
ऑरोविल शहर सिर्फ अपने सांस्कृतिक विभिन्नता के चलते ही नहीं बल्कि प्राकृतिक विविधता के लिए भी जाना जाता है। साधना फारेस्ट दरसअल पहले विलुप्त होने के कगार पर खड़ा 70 एकड़ में फैला जंगल था। ऑरोविल शहर के लोगों अपनी स्वेच्छा से इसे दोबारा जीवित करने का काम किया। यहां आप जंगल में पारंपरिक रूप से पर्यावरण को हानि पहुंचाए बगैर जीवन जीने की कला को देख और सीख सकते हैं।
3) कल्चरल पवेलियन
जैसा कि नाम से ही जाहिर होता है कि यह एक ऐसी जगह है जहां कल्चर से जुड़ी चीजों का प्रदर्शन होता है। अब ऑरोविल में कोई एक देश के लोग तो रहते नहीं है। इसलिए जब दुनियाभर के करीब 60 देशों के लोग अपने-अपने कल्चर से जुड़े विरासत को एक मंच पर साझा करते हैं, तब एक छत के नीचे आदमी को काफी कुछ नया देखने और सीखने को मिल जाता है।
4) सावित्री भवन
सावित्री दरअसल श्री ऑरोबिंदो की एक रचना का नाम है। इस पुस्तक में उन्होंने एक ऐसे आदर्श दुनिया की कल्पना की है, जिसकी बुनियाद पर ही ऑरोविल शहर की स्थापना की गई। इस भवन में आप श्री ऑरोबिंदो के सपनों के समाज को प्रदर्शित करते पेंटिंग्स देख सकते हैं। और अधिक जानकारी इकट्ठा करने के लिए आप सावित्री भवन की लाइब्रेरी में भी समय बीता सकते हैं।
5) वेरीटे लर्निंग सेंटर
यह जगह उन लोगों के लिए ऑरोविल शहर का सबसे बढ़िया कोना है, जो ध्यान लगाना पसंद करते हैं। इस जगह पर आकर आप अपनी सारी मानसिक थकान को मिटाने का काम कर सकते हैं। यहां लोग ध्यान, विन्यास योग, सोमैटिक मूवमेंट्स, हठ योग, निया और पिलेट्स जैसी साधना के लिए जरिए अपने मन को साफ और शांत करने के लिए आते हैं।
6) क्वाइट हीलिंग सेंटर
मन के साथ अगर शरीर की थकान को भी मिटाना है तो फिर ऑरोविल में आपका क्वाइट हीलिंग सेंटर में विजिट करना तो बनता है। यहां आप समुद्र की लहरों को एन्जॉय करते हुए एकदम हरे-भरे माहौल में थाई योग मसाज, डीप टिश्यू मसाज, बॉडी टैपिंग, शियात्सू, एक्वाटिक बॉडीवर्क और फुट रिफ्लेक्सोलॉजी का आनंद ले सकते हैं। इन सबके बाद तो आप एकदम खुशमिजाज हो जाएगा।
7) आदिशक्ति प्रयोगशाला
अगर आप थियेटर से जुड़ाव रखते हैं, तो फिर ऑरोविल शहर का यह हिस्सा आपको बहुत ज्यादा पसंद आएगा। क्योंकि यहां आप मंझे हुए कलाकारों को अभिनय करते देखने का सौभाग्य प्राप्त कर सकते हैं। आदिशक्ति प्रयोगशाला में प्रोफेशनल्स के जरिए एक्टिंग के गुण सिखाए जाते हैं। आप अगर चाहे तो एक्टिंग क्लास लेने के साथ ही नाटकों में हिस्सा लेकर भी इससे जुड़ सकते हैं।
8) बॉटनिकल गार्डन
ऑरोविल शहर की हरियाली में चार चांद लगाने वाला बॉटनिकल गार्डन करीब 300 से अधिक पेड़-पौधों की प्रजातियों का घर है। ऑरोविल शहर घूमने के दौरान आप 50 एकड़ में फैले बॉटनिकल गार्डन की सैर कर बेहद सुखद और आरामदायक वातावरण का लाभ उठा सकते हैं। इसके लिए आपको सिर्फ 20 रुपए का टिकट लेना होता है।
इन सभी जगहों के साथ ही पूरे ऑरोविल शहर को घूमने के लिए यहां पहुंचने के बाद आप सबसे पहले अपने लिए कोई साइकिल, स्कूटी या फिर बाइक रेंट पर ले लें। आप महज 100-200 रुपए खर्च करने के बाद दिनभर ऑरोविल शहर का कोना-कोना घूमने के लिए स्वतंत्र हो जाएंगे। वैसे शहर में रहने वाले लोगों के साथ ही यहां आने वाले स्वयंसेवकों और पर्यटकों के लिए लाभ-रहित प्रदूषण मुक्त बस भी चलती है।अगर आप निजी वाहन रेंट न करना चाहे तो फिर बेहद ही कम दाम में बस के जरिए भी शहर का हर एक हिस्सा देख सकते हैं।
ऑरोविल शहर घूमने कब और कैसे पहुंचा जाए?
ऑरोविल शहर आप सड़क, रेल और हवाई इन तीनों मार्गों के जरिए आसानी से पहुंच सकते हैं। बस इतना ध्यान रखना है कि घूमने के लिए नवंबर से मार्च तक का महीना ही चुना जाए। सड़क मार्ग से आप चेन्नई या फिर पॉन्डिचेरी से आसानी से आ सकते हैं। फर्क बस इतना है कि चेन्नई से आपको सड़क मार्ग के जरिए करीब 150 किमी का सफर करना होगा। और पांडिचेरी से आपको सड़क मार्ग के जरिए महज 10 से 15 किमी का फासला तय करना होगा। यदि आप रेलवे से ऑरोविल पहुंचने का प्लान बना रहे हैं तो फिर आपको देश के किसी भी कोने से चेन्नई सेंट्रल रेलवे स्टेशन तक की यात्रा करनी होगी। वहां से आप बस या फिर टैक्सी के जरिए ऑरोविल पहुंच सकते हैं।
ऑरोविल घूमने के लिए ठहरने का सही स्थान?
ऑरोविल शहर घूमने आए लोगों के पास रहने के बहुत सारे ऑप्शन उपलब्ध होते हैं। आप चाहे तो ऑरोविल शहर के अंदर भी कमरा लेकर ठहर सकते हैं या फिर अपनी सुविधानुसार शहर के बाहर मौजूद होटलों में भी रुक सकते हैं। वैसे अगर आप सच में ऑरोविल शहर की अंतरात्मा को आत्मसात करना चाहते हैं, तो फिर ऑरोविल शहर के अंदर ही किसी जगह ठहरना सही होगा। यहां हर दिन घूमने आने वाले करीब 2500-3000 लोगों के ठहरने के लिए 90 गेस्ट हाउस और उनके खाने-पीने की व्यवस्था के लिए 30 से अधिक दुकानें हैं। यहां आप अपनी सुविधा और बजट के अनुसार अपने लिए रहने के लिए होम स्टे, टेंट, होटल, हॉस्टल, गेस्ट हाउस, विला, हॉस्टक, कॉटेज जैसे अनगिनत विकल्प में से कोई भी एक चुन सकते हैं। और अधिक जानकारी के साथ ही एडवांस बुकिंग करने के लिए आप ऑरोविल की आधिकारिक वेबसाइट guesthouses.auroville.org पर विजिट कर सकते हैं।
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