मेघालय की खूबसूरत वादियों में बिताएँ सुकून के पल 

Tripoto

पूर्वोत्तर राज्य,मेघालय, जिसे बादलों का घर भी कहा जाता है, भारत की भारत की सात बहनें कहलाए जाने वाले राज्यों में से एक है। इस खूबसूरत पर्वतीय राज्य की देवदार वनस्पति, बर्फ से ढकी चोटियाँ, मनमोहक झरने, रहस्यमयी गुफाएँ और अनोखी फ़्लोरा - फौना लाजवाब है। यहाँ एक अद्भुत ट्राइबल कल्चर देखने को मिलता है और यहाँ के दो विश्व प्रसिद्ध जगह, चेरापूंजी और मौसिनराम का नाम तो आपने सुना ही होगा जो दुनिया की सबसे अधिक बारिश वाले स्थान मानें जाते हैं।

Photo of मेघालय, India by Manju Dahiya

यहाँ की यात्रा थोड़े से समय में ही आपको अनेक यादगार पलों का अनुभव देती है जो शायद भारत की किसी दूसरी जगहों से बिलकुल अलग है।

अगर आप जल्द ही यहाँ जाने की योजना बना रहे हैं तो हम आपको मेघालय घूमने का एक प्लान देते हैं।

Day 1

गुवाहाटी से शिलाँग

Photo of मेघालय की खूबसूरत वादियों में बिताएँ सुकून के पल by Manju Dahiya

हालांकि शिलाँग में भी एक एयरपोर्ट है, लेकिन वह गुवाहाटी की तरह अच्छी तरह कनेक्टेड नहीं है। बेकार की परेशानी से बचने के लिए बेहतर और आसान रास्ता है कि आप फ्लाइट से गुवाहाटी उतरकर फिर शिलाँग ड्राइव करें, जो वहाँ से लगभग 132 कि.मी. (4 घंटे) दूर है।

सुबह की फ्लाइट बुक करें तो और भी अच्छा रहेगा ताकि आप पहले दिन से ही शिलाँग घूम सकें।मेघालय की राजधानी पहुँचकर, कुछ देर आराम करें और फ़्रेश होने के बाद, पोलो ग्राउंड्स की ओर चलें।वहाँ ’तीर’ नाम की एक प्रतिदिन होने वाली तीरंदाजी प्रतियोगिता देखते हुए अपनी दोपहर बिताएँ। शाम को शिलाँग के मेन मार्किट ‘बड़ा बाज़ार’ के आस पास घूम सकते हैं।

Day 2

शिलाँग और आसपास की जगहों को देखें

अगर आप इतिहास जानने में रूचि रखते हैं तो, यहाँ का ‘विलियमसन संगमा स्टेट म्यूजियम’ एक्सप्लोर करें और अगर नेचर को एन्जॉय करना चाहते हैं तो शहर के सबसे फेमस टूरिस्ट स्पॉट ‘वार्ड लेक’ पर जा सकते हैं। इसके अलावा शिलाँग में अनेक चर्च भी हैं जो यहाँ की सुन्दर वास्तुकला को दर्शाती हैं।

मावफ्लांग सेक्रेड फॉरेस्ट

दोपहर में मेघालय का अद्भुत वन ‘मावफ्लांग सेक्रेड फॉरेस्ट’ जिसे लॉ लिंगडोह भी कहा जाता है, देखने जा सकते हैं। यह एक नैसर्गिक दृश्य वाला पवित्र वन है जो शिलाँग से लगभग 25 कि.मी. दूर मावफ्लांग में स्थित है। यह स्थान यहाँ के आदिवासियों के लिए पूजनीय है। प्राचीन काल से उनकी मान्यता रही है कि मावफलांग जंगल में दिव्य प्राणियों का निवास है जो इसकी रक्षा करते हैं। यहाँ निवास करने वाले जीव जंतुओं को किसी भी प्रकार का नुक्सान पहुँचाना या पेड़ों को काटना मना है। यहाँ के स्थानीय लोगों से बातचीत करके भी इस शानदार जगह के बारे में अधिक जानकारी ले सकते हैं।

स्मिट

अगर आप नवंबर के आसपास मेघालय जाने का प्लान बनाते हैं, तो स्मिट अवश्य जाएँ जो शिलाँग से एक घंटे दूर है।उस समय यहाँ पर एक वार्षिक पाँच दिन का फेस्टिवल मनाया जाता है जिसे ‘का पोम्बलांग नोंगक्रेम’ फेस्टिवल कहते हैं।इसमें भाग लेने के लिए दूर दूर से लोग आते हैं।

धूम धाम से मनाया जाने वाला यह त्योहार बड़ा ही रंग बिरंगा और जीवंत होता है।इस त्योहार के माध्यम से ख़ासी ट्राइब के लोग अपनी फ़सल पकने के बाद देवी ‘का ब्लेई सिन्शर’ का धन्यवाद करते हैं।

Day 3

नार्टियांग

नार्टियांग के मोनोलिथ ( प्राचीन युग के निवासियों द्वारा स्थापित पत्थर के खंभे ) देखने जाएँ

नार्टियांग से शिलाँग से तीन घंटे की ड्राइव है।सुबह, एक अच्छे से नाश्ते के बाद, नार्टियांग की मनोरम ड्राइव का आनंद लेते हुए यहाँ के मोनोलिथ देखें और हाँ ,अपने साथ खाने के लिए कुछ स्नैक्स ले जाना ना भूलें ।यहाँ पर जंतिया राजाओं के ग्रीष्मकालीन महल के अवशेष देखने को मिलते हैं और देवी दुर्गा का एक प्रसिद्ध मंदिर भी है। इसके अलावा यह गाँव, देश के सबसे बड़े मोनोलिथ समूह के लिए भी प्रसिद्ध है जिनकी संरचना 16 वीं और 18 वीं शताब्दी की बताई जाती है।

शाम को अपने होटल में वापस जाएँ और अगले दिन चेरापूंजी घूमने की तैयारी करें ।

Day 4

चेरापूंजी के लिए रवाना

शिलाँग के पश्चिम में स्थित चेरापूंजी, जो लगभग 1.5 से 2 घंटे दूर है, सोहरा के नाम से भी जाना जाता है। दुनिया की सबसे अधिक बारिश यहाँ पर होती है। उससे भी अधिक आकर्षक हैं यहाँ के जीवित पेड़ों की जड़ों से निर्मित पुल। एक छोटा सा कठिन ट्रेक इन पुलों तक ले जाता है। यह अद्भुत, जीवित पुल स्वाभाविक रूप से पेड़ों की लटकी हुई और आपस में गुँथी हुए जड़ों से बने होते हैं।इन पुलों की पोजीशन कुछ इस तरह सेट होती है कि वह नदी के पार बढ़ने के लिए तैयार हैं, जिसकी वजह से स्थानीय लोगों का जीवन नदी पार करने में आसान हो जाता है।

यहाँ ऐसे बहुत सारे ‘रुट ब्रिज’ हैं जिन पर यात्री ट्रेक कर सकते हैं। उन्हें देखकर ऐसा लगता है मानों यह दृश्य किसी उपन्यास की कल्पना से बाहर आ गए हों।

उसी दिन, माव्लिन्नोंग की ख़ासी बस्ती को भी देखने जा सकते है, जिसे एशिया का सबसे स्वच्छ गाँव माना जाता है।और अगर आपके पास चेरापूंजी में ठहरने की व्यवस्था नहीं है, तो आप माव्लिन्नोंग में भी रुक सकते हैं।

यहाँ से आप नोंगरिएट गाँव भी घूमने जाएँ ।वहाँ का एक डबल डेकर जीवित जड़ों का पुल देखकर आप आश्चर्य से भर जाएँगे। इस सारे ट्रेक और चेरापूंजी से राउंड ट्रिप में लगभग 9 घंटे लगते हैं।

Day 5

चेरापूंजी से गुवाहाटी

Photo of गुवाहाटी, Assam, India by Manju Dahiya

अपनी वापसी की फ्लाइट भी गुवाहाटी से ही बुक करें और वह भी शाम की ताकि आप अपना दिन वापस शहर में ड्राइव करते हुए बिता सकें। सुबह चेरापूंजी से शुरू करें। यहाँ से गुवाहाटी एयरपोर्ट तक जाने में 4 घंटे लगते हैं। वापस जाते हुए, मेघालय की सबसे बड़ी आर्टिफिशल लेक ‘उमियम झील’ पर भी कुछ देर के लिए रुकें। यहाँ मछली पकड़ने का आनंद लेते हुए कुछ देर अपनी पिकनिक मना सकते हैं।

गुवाहाटी एयरपोर्ट पहुँचकर अगली बार तक के लिए आप मेघालय को अलविदा कह सकते हैं।

अगर आप पहले भी कभी मेघालय गए हैं और इस यात्रा कार्यक्रम में कुछ भी जानकारी जोड़ना चाहते हैं, तो कॉमेंट में लिखकर हमें बताएँ।

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