रोम-रोम को रोमांच से भर देने वाली भारत की इन वादियों का मजा नहीं लिया तो फिर क्या ख़ाक जिया

Tripoto
22nd Jun 2023
Photo of रोम-रोम को रोमांच से भर देने वाली भारत की इन वादियों का मजा नहीं लिया तो फिर क्या ख़ाक जिया by रोशन सास्तिक

उत्तरं यत् समुद्रस्यए हिमाद्रश्चैव दक्षिणम्। वर्ष तद् भारतं नामए भारती यत्र संतति।। अर्थात् हिन्द महासागर के उत्तर में तथा हिमालय पर्वत के दक्षिण में जो भू-भाग है उसे भारत कहते हैं। और इसके इस छोर से उस छोर तक चारों ओर बस खूबसूरती ही खूबसूरती पसरी हुई है। प्रकृति भारत नामक इस भू-भाग पर इतनी ज्यादा मेहरबान है कि यहां के पर्यटन स्थलों की खूबसूरती अलग-अलग मौसम में अलग-अलग ढंग से सज-संवर जाती है। फिर चाहे वो उत्तर में बर्फ से ढंकी ऊंची-ऊंची चोटियां हो, जो धूप की किरणों से टकराकर डायमंड का पहाड़ होने का भ्रम पैदा करती हैं। या फिर वो दक्षिण इलाके में दूर-दूर तक हरियाली से पसरे हुए मैदान हो, जिनसे गुजरते हुए बस जीवन के यूँही चलते-चलते गुजर जानी की इच्छा जाग जाती है।

तो चलिए आज हम जानते हैं भारत भर में फैले कुछ ऐसे ही 5 घाटियों के बारे में जहां घूमने के बाद आप जीते-जी स्वर्ग का अनुभव कर लेंगे। और हां, एक बार इन सभी जगहों की घुमक्कड़ी कर लेने के बाद आप भी बात-बात पर अपने दोस्तों को 'मैंने घाट-घाट का पानी पिया है' वाला डायलॉग चिपका सकते हैं।

Photo of Kashmir Valley by रोशन सास्तिक

1) कश्मीर घाटी (Kashmir Valley)

देश का जब ज्यादातर हिस्सा गर्मी के महीनों में तेज धूप की तपिश से झुलस रहा होता है, तब देश भर से कश्मीर घाटी में घूमने आने वालों की तादात में बेतहाशा बढ़ोतरी देखने को मिलती है। कारण, बर्फ की चादर से ढंकी कश्मीर घाटी की अथाह और अनंत प्राकृतिक खूबसूरती। दक्षिण पश्चिम में पीर पंजाल रेंज और उत्तर-पूर्व में मुख्य हिमालय पर्वत श्रृंखला से घिरा हुआ करीब 135 किमी लंबा और 32 किमी चौड़ा यह इलाका धरती का स्वर्ग कहा जाता है। करीब 5000 फ़ीट की ऊंचाई पर स्थित बर्फीले पहाड़ों वाले इस इलाके का ज़र्रा-ज़र्रा जरूरत से भी ज्यादा खूबसूरत है। और झेलम नदी का कल-कल करते हुए बहता नीलम से भी कहीं ज्यादा नीला पानी भी ऐसा जादू डालता है आपकी आंखों पर कि एक बार जो नजर गई तो कहीं और देखने का दिल ही नहीं करता। अगर आप हवाई सफर से आ रहे हैं तो आप भारत के किसी भी प्रमुख शहर से कश्मीर एयरपोर्ट के लिए उड़ान भर सकते हैं। और फिर इसके बाद आप अपनी सुविधानुसार सड़क यातायात की गाड़ियों के सहारे कश्मीर घाटी को घूमने का लुत्फ़ उठा सकते हैं।

Photo of Spiti Valley, Marango Rangarik, Himachal Pradesh by रोशन सास्तिक

2) स्पीति वैली (Spiti Valley)

हिमाचल प्रदेश स्थित यह जगह उन लोगों के लिए किसी जादुई दुनिया से कम नहीं है जो एडवेंचर का शौक रखते हैं। और सिर्फ एडवेंचर ही नहीं बल्कि खुद के अंदर सफर करने की रुचि करने वाले यानी आध्यात्मिक लोगों के लिए भी स्पीति एक बेहद खास जगह है। ट्रेकिंग के शौकीन किब्बर गांव में स्थित चोटियों को फतह कर अपने एडवेंचर की भूख को शांत कर सकते हैं। और वहीं अगर किसी के अंदर अपने अस्तित्व से जुड़े सवालों को शांत करने की ललक भरी हुई है, तो वो स्पीति में एक से बढ़कर एक बौद्ध मठों या फिर मंदिरों में जाकर अपने मन में भरे ख्यालों को खाली कर शून्य की शांति से भर सकता है। यहां आने के लिए आप देश के किसी भी कोने से अपनी सुविधानुसार यात्रा के किसी भी साधन से राजधानी दिल्ली आ जाइए। और फिर इसके बाद दिल्ली से शिमला या फिर मनाली रुट के रास्ते होते हुए करीब 20-22 घंटों में स्पीति वैली पहुंच सकते हैं। बस इतना ध्यान रखना है कि यह बसें सिर्फ जून से अक्टूबर महीने के दौरान ही चलती हैं।

Photo of Valley of Flowers, Uttarakhand by रोशन सास्तिक

3) फूलों की घाटी (Valley of Flower)

जम्मू-कश्मीर और हिमाचल के बाद इनके पड़ोसी राज्य उत्तराखंड में भी प्राकृतिक खूबसूरती का खजाना है। और इनमें से ही एक है Valley Of Flowers यानी फूलों की घाटी। उत्तराखंड राज्य के गढ़वाल इलाके के चमोली जिले में स्थित इस बेहद ही दिलकश घाटी को वैश्विक धरोहर का तमगा हासिल है। करीब 87 वर्ग किमी इलाके में फैले फूलों की घाटी को साल 1982 से यूनेस्को ने राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा दिया हुआ है। आपको यह जानकर बड़ी हैरानी होगी कि यहां आकर आपको सिर्फ 500 से अधिक फूलों की खूबसूरती को एक साथ निहारने का नयन सुख ही नहीं मिलेगा बल्कि आध्यात्मिक सुख की भी प्राप्ति होगी। वो कैसे? दरअसल, धार्मिक मान्यता के अनुसार हनुमान जी फूलों की इसी घाटी से ही लक्ष्मण जी के लिए संजीवनी बूटी लेकर गए थे। यहां घूमने आने का सबसे सही समय है जून से अक्टूबर तक का महीना। और यहां तक आने के लिए आपको सबसे पहले देहरादून आना होगा। फिर यहां से करीब 300 किमी की सड़क यात्रा कर देवप्रयाग, नंदप्रयाग, कर्णप्रयाग होते हुए गोविंदघाट पहुचेंगे। गोविंदघाट से करीब 15 किमी लंबा ट्रेक करने के बाद आप फूलों की घाटी के बसे विलेज घँगरिया पहुंच जाते हैं। और फिर इसके बाद आपके और इंद्रधनुष से भी कहीं ज्यादा रंग समेटे फूलों के समुंदर के बीच महज 5 किलोमीटर फ़ासला रह जाता है

Photo of ZIRO VALLEY TOURISM - ARUNACHAL PRADESH, Laxmi Nath Bezbaruah Path, Beltola Tiniali, Guwahati, Assam, India by रोशन सास्तिक

4) जीरो घाटी (Zero Valley)

अपने सफर को अब हम उत्तर से दक्षिण की तरफ बढ़ते हुए लेफ्ट टर्न लेकर भारत के पूर्वोत्तर राज्य की ओर मोड़ते हैं। अरुणाचल प्रदेश के लोअर सुबानसिरी जिले में स्थित एक बेहद ही खूबसूरत इलाका है जीरो घाटी। समुद्रतल से करीब 5500 फिट ऊंचाई पर बस यह इलाका प्रकृति के पालने में पलता यह बड़ा प्यारा सा इलाका आपकी नजरों को अपनी खूबसूरती से पूरी तरह निहाल कर देगा। नीले आसमान और हरी जमीन के दरम्यान नजर आ रही हर चीज अपने आप में इतनी नायाब कि आप दूर तक और देर तक बस उन्हें एकटक देखते ही रह जाए। यहां आप टैली वैली वाइल्डलाइफ सेंचुरी, तारिन फिश फार्म, टिपी ऑर्किड रिसर्च सेंटर, जीरो पुटू, पाको घाटी, ताले वैली, मेघना गुफा मंदिर जैसे ढेर सारी जगहों भ्रमण कर अपनी यात्रा को यादगार बना सकते हैं। इस जगह के लोग भी यहां की तरह बेहद अनोखे और खूबसूरत है। आप चाहे तो अपतानी जनजाति की महिलाओं द्वारा किए गए टैटू के जरिए उनके जनजीवन को समझने का रोचक काम भी कर सकते हैं। वैसे यहां आने का मन बन गया तो याद रखिए कि अक्टूबर से अप्रैल के महीना सबसे बेहतर होता है। सड़क मार्ग से वेल कनेक्टेड होने के चलते आप अपनी सुविधानुसार हवाई मार्ग से आने पर जोरहाट एयरपोर्ट और रेल मार्ग से आने पर लखीमपुर स्टेशन से राज्य परिवहन निगम की बस पकड़ महज 4-5 घंटों में जीरो वैली पहुंच सकते हैं।

Photo of Araku Valley, Andhra Pradesh, India by रोशन सास्तिक

5) अरकू घाटी (Araku Valley)

चलिए एक सफर पर निकलते हैं। एक ऐसा सफर जहां रास्ते में आप 58 सुरंग और 84 सुरंग से होकर गुजरेंगे। क्यों? सिर्फ सुनकर ही शरीर का रोम- रोम रोमांच से भर गया ना। तो कल्पना कीजिए कि जब आप ऐसे रास्तों से गुजरकर मंजिल तक पहुचेंगे, तब वो कितनी की शानदार, जबरदस्त, जिंदाबाद टाइप जगह होगी। हम बात कर रहे हैं दक्षिण भारत के आंध्र प्रदेश राज्य में स्थित अरकू घाटी की। विशाखापत्तनम शहर से करीब 110 किमी की दूरी पर स्थित अरकू घाटी आपको एक अलग ही दुनिया में प्रवेश का द्वार लगेगा। यहां आकर आप 50 फीट ऊंचाई से गिरते कातिका झरने, कॉफी बागानों के लिए मशहूर अनंतगिरि हिल्स, गोश्थानी नदी के मुहाने पर स्थित भीमुनिपटनम, आदिवासी समुदाय की जीवनशैली और संस्कृति का सजीव चित्रण करता ट्राइबल म्यूजियम, घने जगलों के बीच बना टाइडा पार्क, बेहद सुंदर-सुंदर और दुर्लभ फूलों वाला पदमपुर बॉटनिकल गार्डन, करीब 10 लाख साल पुरानी चुना-पत्थर से बनी बोर्रा गुफा जैसे अनगिनत अविस्मरणीय पर्यटन स्थल का आनंद ले सकते हैं। इतना सब जानकर जब आंध्र प्रदेश के अरकू घाटी में आने का मन बन गया हो तो आप अपने लिए मार्च से अक्टूबर के महीना ही चुनना। क्योंकि यही सबसे सही वक्त होता है अरकू घाटी को उसकी चरम खूबसूरत के साथ देखने का। और यातायात कि बात की जाए तो आप रेल या फिर हवाई मार्ग के जरिए पहले विशाखपट्नम पहुंचिए। इसके बाद आप कोई भी एसी या नॉन एसी बस पकड़ महज 3-4 घंटों में अरकू घाटी पहुंच जाएंगे।

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