दोस्तों अब तक मैंने अंडमान के लगभग सारे मुख्य स्थानों के बारे अपना यात्रा वृतांत आपके साथ साझा कर दिया है। फिर भी संक्षिप्त रूप में एक और पोस्ट लिख रहा हूँ ताकि आपको भी अंडमान का कार्यक्रम बनाने में कुछ मदद मिल सके। अंडमान मुख्य भूमि से काफी दूर है, इसलिए ढेर सारे लोगों के मन में ये दुविधा जरूर रहती है की अंडमान कैसे जाएँ, कार्यक्रम कैसे बनायें, अंडमान तो खर्चीला होगा आदि आदि।
मुख्य भूमि (Mainland) से अंडमान कैसे जाएँ?
सबसे पहली बात- अंडमान जाने के लिए कोई सड़क या ट्रैन तो है नहीं, इस कारण आपके पास सिर्फ दो उपाय है- पहला पानी जहाज और दूसरा हवाई जहाज।पानी जहाज की जानकारी: पानी जहाज की सुविधा भारत के तीन मुख्य तटीय नगरों कोलकाता, विशाखापट्नम और चेन्नई से है। इन तीनों शहरों से दूरी लगभग एक ही यानि करीब बारह सौ किमी है और समय करीब साठ घंटे लगते हैं। पानी के जहाज में 2000 रूपये का बंक क्लास, फर्स्ट क्लास केबिन का 5000, सेकंड क्लास केबिन का 7000 और डीलक्स केबिन का किराया लगभग 9000 है। ये सारे आंकड़े मैंने राउंड फिगर में बताये हैं, सटीक किराये में हजार-पांच सौ रूपये का अंतर हो सकता है। और हां, इन किरायों में खाने-पीने का खर्च शामिल नहीं है, सात-आठ सौ रूपये उसके अलग से लगने हैं। आप अपने साथ कुछ सूखे खाने के सामान ले जा सकते हैं।
पानी जहाज से क्यों जाएँ: अगर अपने कभी समुद्री सफर का एहसास नहीं, किया है और इस बार एक लम्बी समुद्री यात्रा करना चाहते हों, तो ये मौका आपके लिए बेहतर हो सकता है, अंडमान जाने का। अपने चारों ओर 360 डिग्री का पूरा गोलाकार समंदर का नजारा आप देख सकते हैं।
पानी जहाज में क्या-क्या परेशानियाँ हैं? जैसे पहाड़ों पर जाने से उच्च पर्वतीय बीमारी या माउंटेन सिकनेस हो जाती है, ठीक वैसे ही अधिक समुद्री यात्रा करने पर भी सी सिकनेस (Sea Sickness) की सम्भावना होती है, पर जरुरी नहीं की आपको हो ही जाय। ऐसा होने की मई से जुलाई के महीने में सर्वाधिक सम्भावना होती है, जबकि ठण्ड के दिनों यानि नवंबर से मार्च तक बहुत कम सम्भावना होती है। Avomine की गोलियां ले जाने की सलाह भी दी जाती है।
दूसरी बात पानी जहाज से जाने में लगने वाले समय से आपको बोर लग सकता है, साठ घण्टे से ज्यादा समय भी लग सकता है, इसलिए आप एक तरफ अनुभव के लिए पानी जहाज से जाएँ, वापसी हवाई जहाज से करें।
पानी जहाज की बुकिंग कैसे करें? वर्तमान में पानी जहाजों की कोई ऑनलाइन बुकिंग नहीं होती और यही सबसे बड़ी परेशानी है। आपको कम से कम पांच दिन पहले सीधे कोलकाता, चेन्नई या विशाखापत्तनम ऑफिस जाकर ही टिकट खरीदनी पड़ेगी। जहाजों के नाम हैं-
M. V. Nicobar M.V. Nancowry M.V. Akbar M.V. Harshavardhana M.V. Swaraj Dweep
हवाई जहाज के बारे: हवाई टिकट की बुकिंग में तो कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए, आप घर बैठे ही कर सकते हैं। पर हाँ, हवाई टिकट जितनी जल्दी आप कराएँगे, आपको उतना फायदा होगा। अधिकतम एक साल पहले तक आप बुकिंग करा सकते हैं, और किराया चार हजार व उससे भी कम हो सकता है। दिसंबर-जनवरी के पिक सीजन में तत्काल सीधे बुकिंग करने की कभी कोशिश मत कीजिए, किराये आसमान छूने लगते है- बीस हजार से भी ऊपर। वैसे पोर्ट ब्लेयर शहर तो लगभग सभी मुख्य महानगरों- दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई से हवाई मार्ग से जुड़ा हुआ है, लेकिन नॉन-स्टॉप उड़ान सिर्फ कोलकाता और चेन्नई से ही है, और किराया भी सबसे कम। उत्तर भारतीयों के लिए कोलकाता से उड़ान सबसे आसान होगा जबकि दक्षिण भारतीयों के लिए चेन्नई से। एयर इंडिया के अलावा निजी एयरलाइन सेवाओं की उड़ाने भी उपलब्ध हैं।
जाने का सबसे अच्छा मौसम: वैसे तो दिसंबर और जनवरी सबसे पिक समय होता है, पर उस समय वहां काफी भीड़-भाड़ भी होती है। होटल, ,टैक्सी, ऑटो ये सारे महंगे हो जाते हैं। साथ ही पानी जहाज के टिकट मिलने में भी दिक्कत आती है। अक्टूबर से मार्च तक अंडमान जाने का उपयुक्त समय माना जा सकता है, बारिश और गर्मी के मौसम छोड़ कर। गर्मियों में उमस भरा मौसम जीना बेहाल कर देगा और बारिश में पानी जहाज रद्द बहुत होते हैं, यात्रा कष्टमयी हो सकती है।
अंडमान पहुँचने के बाद का कार्यक्रम कैसे बनाये?
अंडमान के तीन सबसे मुख्य स्थान है- पोर्ट ब्लेयर, नील एवं हैवलॉक। ये सारे दक्षिणी अंडमान में हैं। कम से कम तीन दिन तो पोर्ट ब्लेयर को ही चाहिए। समुद्री मार्ग से पोर्ट ब्लेयर से नील 36 जबकि हेवलॉक 55 किमी दूर है। कई लोग हेवलॉक सिर्फ एक दिन के लिए ही जाते है, सुबह जाकर उसी दिन शाम को लौट आते हैं, पर कम से कम एक दिन तो वहां रुकना ही चाहिए। बहुत से लोग नील द्वीप भी नहीं जाते, पर वहां भी एक दिन के लिए जा ही सकते हैं। इसके अलावा पोर्ट ब्लेयर से सौ किमी उत्तर में स्थित बाराटांग जाकर उसी दिन वापस आ सकते है। इस तरह सिर्फ दक्षिण अंडमान अगर घूमना है तो एक हफ्ते का समय काफी है।
अगर आपके पास दस दिनों का समय हो तो आप उत्तरी अंडमान भी जा सकते है। पोर्ट ब्लेयर से उत्तरी अंडमान के सबसे आखिरी शहर डिगलीपुर की दूरी 325 किमी है, जिसके लिए दो तरीके हैं- सड़क मार्ग से बस द्वारा या समुद्री मार्ग द्वारा। सड़क मार्ग से जाते समय आप जारवा के जंगल, बाराटांग, रंगत, मायाबंदर से गुजरते हुए जाते है। पोर्ट ब्लेयर से डिगलीपुर अगर डायरेक्ट चला जाय तो दस घंटे यानि दिन भर निकल जायगा। डिगलीपुर में एक या दो दिन तक रुका जा सकता है। रॉस एंड स्मिथ आइलैंड के लिए एक दिन तथा अंडमान की सबसे ऊँची छोटी पर अगर ट्रैक करने का इरादा हो तो एक दिन और चाहिए। डिगलीपुर से वापस आते समय मायाबंदर और रंगत देख सकते है, रंगत में ही रात बिता सकते हैं। अगले दिन बाराटांग घूमकर वापस पोर्ट ब्लेयर जा सकते हैं। आप इसका उल्टा भी कर सकते हैं यानि पहले बाराटांग देखते हुए रंगत में रात बिता सकते हैं, अगले दिन मायाबंदर देखते हुए शाम तक डिगलीपुर। डिगलीपुर के बाद सीधे पोर्ट ब्लेयर वापसी। इस प्रकार उत्तरी अंडमान के लिए कम से कम तीन या चार दिन लगेंगे। पहले डिगलीपुर से पोर्ट ब्लेयर की रात्रि फेरी सेवा भी थी, पर अभी ये बंद है, इससे एक दिन का समय बच सकता था। अभी सिर्फ दिन में ही फेरी सेवा है जिसमें आठ घंटे का समय लगता है। अंडमान के दर्शनीय स्थलों के बारे अधिक जानने के लिए इन लिंकों पर क्लिक कर सकते हैं-
द्वीपों के बीच चलने वाले पानी जहाजों के बारे : अंडमान में दो प्रकार के पानी जहाज चलते हैं- सरकारी और प्राइवेट। सरकारी पानी जहाजों का किराया निजी जहाजों के मुकाबले काफी कम होता है, पर ये समय भी अधिक लेते हैं। निजी पानी जहाज कुछ वर्ष पहले शुरू किये गए हैं, उनमें टिकटों की श्रेणियां भी विभिन्न प्रकार की हैं और समय भी कम लेते हैं। लेकिन निजी पानी जहाज सिर्फ पोर्ट ब्लेयर से नील और हेवलॉक के लिए ही चलते हैं, जबकि सरकारी पानी जहाजों का नेटवर्क सभी जगह है। अगर आप पोर्ट ब्लेयर से रंगत या डिगलीपुर भी जाना चाहते हैं तो इसके लिए आपको सरकारी पानी जहाज ही मिलेगा। सरकारी पानी जहाजों की बुकिंग का एक निश्चित कार्यक्रम जारी किया जाता है और ये यात्रा से अधिकतम पांच दिन पहले जारी किये जाते हैं, परन्तु इनका ऑनलाइन बुकिंग का कोई सिस्टम नहीं है और आपको सीधे उनके जेट्टी में काउंटर पर एक पहचान पत्र दिखाने पर ही टिकट दी जाएगी। अच्छी बात यह है की सभी बुकिंग काउंटर आपस में एक दूसरे से जुड़े हुए हैं और कहीं से कहीं का भी टिकट कराया जा सकता है। सभी सरकारी या प्राइवेट पानी जहाज पोर्ट ब्लेयर के फीनिक्स बे जेट्टी से ही प्रस्थान करते हैं। दूसरी ओर निजी जहाजों की बुकिंग आराम से ऑनलाइन या किसी ट्रेवल एजेंट के द्वारा की जा सकती है। मैक्रूज, ग्रीन ओसन तथा कोस्टल क्रूज ये तीन निजी सेवाएं हैं। मैक्रूज की गति सबसे तेज है। इनके वेबसाइट लिंक इस प्रकार हैं- makruzz.com , greenoceancruise.com , trip.experienceandamans.com . इनके अलावा छोटे द्वीपों पर छोटी दूरियों के लिए छोटे नाव चलते हैं जिनका किराया पांच-छह सौ रूपये के करीब होता है। कुछ ऐसे द्वीप हैं- पोर्ट ब्लेयर के आस-पास रॉस द्वीप, नार्थ बे, जॉली बॉय, डिगलीपुर का रॉस एंड स्मिथ आइलैंड। रॉस और नार्थ बे द्वीप के लिए पोर्ट ब्लेयर के राजीव गाँधी वाटर स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स से नाव मिलती है, जो की सेल्युलर जेल के ही पास है, जबकि जॉली बॉय के लिए वंडूर जाना पड़ता है जो पोर्ट ब्लेयर से तीस किमी दूर है। डिगलीपुर के रॉस एंड स्मिथ के लिए एरियल बे जेट्टी से ही नाव मिलती है। अंडमान में इनके अलावा और भी बहुत सारे द्वीप हैं जैसे लॉन्ग आइलैंड, लिटिल अंडमान आदि। इन सब टापुओं पर भी कुछ लोग जाते हैं. और सभी सिर्फ सरकारी पानी जहाजों से ही जुड़े हुए हैं। अधिक जानकारी के लिए अंडमान टूरिज्म के वेबसाइटwww.andamans.gov.in पर जा सकते हैं।
अंडमान में सड़क यातायात के बारे: अंडमान के पोर्ट ब्लेयर शहर में बसों का नेटवर्क बड़ा ही अच्छा है और सभी दर्शनीय स्थलों जैसे सेल्युलर जेल, चाथम आरा मिल, चिड़ियाटापू, वंडूर, कोर्बिन तट आदि बस से ही जाया जा सकता है। आप चाहें तो बाइक भी किराये पर ले सकते हैं और ऑटो भी खूब चलते हैं। नील द्वीप में बस नहीं चलते, लेकिन साइकिल, बाइक या स्कूटी आसानी से किराये पर मिल जाते हैं। बहुत ही छोटा द्वीप भी है, इसलिए पैदल भी घूम सकते हैं। हेवलॉक में भी बस एवं ऑटो चलते हैं, साथ ही बाइक या स्कूटी किराये पर मिल जाते हैं। लेकिन हेवलॉक में बस सिर्फ जेट्टी से राधानगर तट के मार्ग में ही चला करते हैं, अन्य मार्गों पर नहीं। बाकि लम्बी दूरी की सड़क यात्रा जैसे की पोर्ट ब्लेयर से बाराटांग, रंगत, मायाबंदर और डिगलीपुर के लिए रोजाना सरकारी और प्राइवेट दोनों तरह की बसें पोर्ट ब्लेयर के मोहनपुरा बस स्टैंड से चलती हैं। यह बस स्टैंड पोर्ट ब्लेयर के अबरदीन बाजार के पास ही है। रंगत और डिगलीपुर दोनों शहरों में भी लोकल बस और ऑटो खूब चलते हैं।
अंडमान में होटलों की स्थिति: पोर्ट ब्लेयर शहर में तो सैकड़ों होटल है, चार-पांच सौ रूपये से लेकर कई हजार तक। इसलिए पोर्ट ब्लेयर में कोई दिक्कत नहीं है। नील और हेवलॉक जरा महंगे हैं और ऑनलाइन बुकिंग करवा लेना ही अच्छा है, वरना वहां काफी परेशानी हो सकती है। ऑनलाइन बुकिंग करने पर नील-हेवलॉक में पांच से आठ सौ में बजट होटल मिल जायेंगे। ऑनलाइन बुक नहीं करने पर वहां एक हजार से नीचे कोई भी होटल का कमरा देने को राजी नहीं होगा। बाकि रंगत और डिगलीपुर में ऑनलाइन बुकिंग की कोई जरुरत नहीं है, आराम से वहां दो-तीन सौ में लॉज मिल जायेंगे। वहां के कुछ बड़े होटल ही इंटरनेट पर दिखाई देते हैं पर बड़े महंगे हैं।
अंडमान में भोजन की स्थिति: अंड़मान भी एक मिनी इंडिया ही है और सभी लोग मुख्य भूमि से ही वहां जाकर बसे हुए है, जबकि वहां के मूल आदिवासी तो मुख्य धारा में हैं ही नहीं। तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल से सर्वाधिक लोग बसे हुए हैं, फिर भी भाषा सबकी हिंदी ही है, तमिल और बंगला बाद में। खान-पान में मुख्यतः समुद्री मछली का प्रचलन अधिक है। भोजन में दक्षिण भारतीय स्वाद की अधिकता है। फिर भी शाकाहारी भोजन भी आराम से मिल जाता है।सबसे अंत में मोबाइल नेटवर्क की जानकारी: अंडमान के जितने भी शहरी क्षेत्र जैसे की पोर्ट ब्लेयर, रंगत और डिगलीपुर में बीएसएनएल, एयरटेल और वोडाफोन का नेटवर्क मौजूद है, बाकि सभी सुदूर क्षेत्रों में बीएसएनएल मौजूद है। प्रीपेड-पोस्टपेड सभी चलते हैं। लेकिन मोबाइल पर इंटरनेट कहीं नहीं चलता, चाहे जो भी नेटवर्क हो। वहां जियो का भी कोई नेटवर्क नहीं है। वैसे लोकल सिम कार्ड में शायद बीएसएनएल का नेट थोड़ा-बहुत चल जाता है, पर रोमिंग सिम में नहीं चल पाता। इंटरनेट के लिए पूरा अंडमान सिर्फ बीएसएनएल के ब्रॉडबैंड के ही भरोसे है। इसीलिए अभी भी वहां साइबर कैफ़े चल रहे हैं जिनमें चालीस रूपये प्रति घंटे देकर आप मोबाइल पर भी वाई-फाई चला सकते हैं।उम्मीद है, ये पोस्ट आपको बेहद पसंद आयी होगी। अगर आपके मन में कोई और संदेह है तो आप कमेंट में पूछ सकते हैं।
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