मूसी महारानी
अलवर के मुख्य महल के बाहर स्थित मूसी महारानी की छतरी ऐतिहासिक महत्व का एक प्रमुख स्मारक है। इस दुमंजिला भवन को विनय सिंह ने महाराजा बख्तावर सिंह और उनकी रानी मूसी के याद में बनवाया गया था , जो की एक सती का स्मारक है मूसी रानी अपने पति यानी महाराज बख्तावर सिंह की मृत्यु होने से इतनी आहत हुई अपने पति के प्रेम में चिता पर आत्म बलिदान कर दिया ) . इस छत्तरी का निर्माण ईसा पश्चात वर्ष 1814 में करवाया था। इस स्मारक की वास्तुकला की भव्यता इस स्मारक को शानदार दृश्य प्रदान करती है। जिसमे निचला स्तर लाल बालू पत्थर से बना है
इसके ऊपरी मंज़िल को पूर्णता संगमरमर से निर्मित किया गया है। इसकी आंतरिक भाग की छत को कुछ सुंदर पौराणिक चित्रों और भित्तिचित्रों से सजाया गया है। अगर मौसम अच्छा होता है तो आप यहाँ पर कुछ मोर को नृत्य करते हुए भी देख सकते हैं। अलवर के लोकप्रिय आकर्षणों की सूची में मूसी महारानी की छतरी को रखना चाहिए, क्योंकि यह एकदम सही स्थान और इसकी शानदार वास्तुकला है। हालांकि, भवन की मरम्मत की आवश्यकता है।
![Photo of दिल्ली के पास अलवर में घूमने के लिए ऐतिहासिक जगह by Pankaj Sharma](https://cdn1.tripoto.com/media/filter/nl/img/2201193/Image/1644217845_img_20220206_161055.jpg)
सागर झील
सागर झील मूसी महारानी की छत्तरी के आगे है और सिटी पैलेस इसके बगल में है और इसके दो तरफ मंदिर है इसका निर्माण ईसा पश्चात 1815 में हुआ था। इस सुंदर झील को नहाने के पवित्र घाट के रूप में माना जाता है। इस झील के किनारे पूजनीय और पवित्र हैं और इसके चारों तरफ 12 छत्तरी बनी हुई है जिनका उपयोग श्रद्धालुओं द्वारा कबूतरों को दाने खिलाने की पारंपरिक प्रथा के लिए किया जाता है। ये सागर बरसाती पानी को इकट्ठा कर के उपयोग में लाने का एक शानदार उदहारण है अगर बात करें इस सागर के पानी के मुख्य स्रोत की तो वो कृष्ण कुंड है जो कि सागर से थोड़ा आगे अरावली पहाड़ी के नीचे बना हुआ है
![Photo of दिल्ली के पास अलवर में घूमने के लिए ऐतिहासिक जगह by Pankaj Sharma](https://cdn1.tripoto.com/media/filter/nl/img/2201193/Image/1644217993_img_20220127_164628.jpg)
मूसी महारानी की छतरी , सागर और कृष्ण कुंड को देखने के लिए देखे लेख के साथ लगे वीडियो को 👉